भारत की राष्ट्रपति ने स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रदान किए
राष्ट्रपति भवन : 11.01.2024
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 11 जनवरी, 2024 को नई दिल्ली में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापक भागीदारी के साथ किया गया यह स्वच्छ सर्वेक्षण स्वच्छता के स्तर को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सोपान है। उन्होंने 'स्वच्छता से संपन्नता’ के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए सभी की सराहना की। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि स्वच्छता अभियान से महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता के अवसर उत्पन्न किए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे सफाई मित्र हमारे स्वच्छता अभियान के कर्णधार रहे हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सफाई मित्रों की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मशीनीकृत सफाई के जरिए मैनहोल को समाप्त करके और मशीन-होल के माध्यम से स्वच्छता का लक्ष्य हासिल करके ही हम एक संवेदनशील समाज के रूप में अपनी सही पहचान बना सकेंगे।
राष्ट्रपति यह जानकर प्रसन्न हुई कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में अपशिष्ट प्रबंधन में चक्रीयता पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक वस्तुओं के रिसाइक्लिंग और पुन: उपयोग करने की सर्कुलर इकोनॉमी की पद्धतियां सतत विकास के लिए सहायक सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसी प्रणाली अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि यदि हम अपशिष्ट के मूल्य की धारणा पर गहराई से विचार करें तो जाहिर होता है कि हर चीज मूल्यवान है, कुछ भी बेकार नहीं है। हरित कचरे से बायोगैस बनाने और कूड़े से प्राप्त ईंधन से बिजली पैदा करने के पीछे यही समग्र और प्रगतिशील सोच काम करती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे लगभग एक-तिहाई देशवासी शहरों में रहते हैं। शहरों और कस्बों की स्वच्छता उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बहुत बड़ी मात्रा में शहरी जमीन कूड़े के पहाड़ों से दबी हुई है। उन्होंने कहा कि कूड़े के ऐसे पहाड़ बहुत बड़ी शहरी जनसंख्या के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद हानिकारक हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत ऐसी डंप-साइटों को समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी शहरी क्षेत्रों में प्रभावी कार्य किए जाएंगे और जीरो डंप-साइट का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि युवा हमारे सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हैं। यदि हमारी युवा पीढ़ी ठान ले कि सभी शहरों को और पूरे देश को स्वच्छ रखना है तो निश्चय ही वर्ष 2047 का भारत विश्व के सर्वाधिक स्वच्छ देशों में शामिल होकर अपनी स्वाधीनता की शताब्दी मनाएगा। उन्होंने देश के सभी युवाओं से भारत को दुनिया का सबसे साफ-सुथरा देश बनाने के बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया।