भारत की राष्ट्रपति ने शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए
हर बच्चे की विशिष्ट क्षमताओं को समझना और उन क्षमताओं को विकसित करने में बच्चे की मदद करना शिक्षकों का भी कर्तव्य है और अभिभावकों का भी: राष्ट्रपति मुर्मु
राष्ट्रपति भवन : 05.09.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 5 सितंबर, 2023 को शिक्षक दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में देश के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि प्रारम्भिक शिक्षा का किसी के भी जीवन में बुनियादी महत्व होता है। उन्होंने कहा कि अनेक शिक्षाविद् बच्चों के संतुलित विकास के लिए थ्री-एच फॉर्मूले की बात करते हैं, जिसमें पहला एच-हार्ट-अर्थात हृदय, दूसरा एच-हेड- अर्थात हृदय और तीसरा एच-हैंड- अर्थात हाथ है। उन्होंने बताया कि हृदय का संबंध संवेदनशीलता, मानवीय मूल्यों, चरित्र–बल और नैतिकता से है। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क या दिमाग का संबंध मानसिक विकास, तर्क शक्ति और पठन-पाठन से है और हाथ का संबंध हस्त- कौशल तथा शारीरिक श्रम के प्रति सम्मान से है। उन्होंने कहा कि ऐसे समग्र विकास पर बल ज़ोर देने से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव होगा।
राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षण पेशे में महिलाओं की भागीदारी को देखते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों में महिलाओं की संख्या में वृद्धि हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिला सशक्तिकरण के लिए छात्राओं और अध्यापिकाओं को प्रोत्साहित करना बहुत जरूरी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करना प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार माना गया है और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में शिक्षकों की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र-निर्माता के रूप में शिक्षकों के महत्व को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी स्पष्ट रूप से बताया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हर बच्चे की विशिष्ट क्षमताओं को समझना और उन क्षमताओं को विकसित करने में बच्चे की मदद करना शिक्षकों का भी कर्तव्य है और अभिभावकों का भी। उन्होंने कहा कि हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे पर विशेष ध्यान दिया जाए और उनके साथ प्रेम का व्यवहार किया जाए और माता-पिता बड़े विश्वास के साथ अपने बच्चों को अध्यापकों की देख-रेख में सौंपते हैं। उन्होंने कहा कि एक साथ एक कक्षा के 40-50 बच्चों के बीच प्यार बांटने का अवसर मिलना हर शिक्षक के लिए बहुत सौभाग्य की बात होती है। राष्ट्रपति ने कहा कि हर व्यक्ति अपने शिक्षकों को याद करता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षकों से जो सराहना, प्रोत्साहन अथवा दंड मिलता है, वह उनको याद रहता है। उन्होंने कहा कि यदि उनके सुधार की भावना से उन्हें दंडित किया जाता है तो समय के साथ बच्चों को इसका एहसास हो जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को प्यार करना, उन्हें ज्ञान देने से अधिक जरूरी है।