भारत की राष्ट्रपति ने 'राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन' का उदघाटन किया और गुजरात विधान सभा को संबोधित किया
किसी भी राज्य की आर्थिक उन्नति में उसके मानव संसाधन की अहम भूमिका होती है; प्रसन्नता की बात है कि गुजरात सरकार ने इस विषय पर पूरा ध्यान दिया है: राष्ट्रपति मुर्मु
राष्ट्रपति भवन : 13.09.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 13 सितंबर, 2023 को 'राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन' (एनईवीए) का उदघाटन किया और गांधीनगर में गुजरात विधान सभा को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 1960 में गुजरात राज्य के गठन के बाद से गुजरात विधान सभा ने हमेशा समाज के हित में कार्य किया है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस विधान-सभा ने अनेक सराहनीय कदम उठाए हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज ई-असेंबली का उदघाटन, एक महत्वपूर्ण कदम है इससे यह सदन डिजिटल सदन बन जाएगा। उन्होंने साझा किया कि राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (एनईवीए) के माध्यम से इस सदन के सदस्य देश के संसद और अन्य विधान सभाओं की सर्वोत्तम कार्य-पद्धतियों से सीख सकते हैं और उन्हें अपना सकते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि "एक राष्ट्र एक एप्लिकेशन" के लक्ष्य से प्रेरित यह कदम गुजरात विधान सभा के काम-काज में और अधिक गति और पारदर्शिता लाएगा और सदन की पूरी प्रक्रिया पेपरलेस होने से पर्यावरण की सुरक्षा भी हो सकेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात कई मापदंडों पर देश के अग्रणी राज्यों में है। उन्होंने बताया कि गुजरात एक अग्रणी विनिर्माण केंद्र और बहुत बड़ा दूध उत्पादक राज्य है। उन्होंने कहा कि यह स्टार्टअप इको-सिस्टम के मामले में प्रमुख राज्यों में से एक है और रूफ टॉप सौर ऊर्जा उत्पादन और पवन ऊर्जा उत्पादन में अग्रिम पंक्ति के राज्यों में है।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी राज्य की आर्थिक उन्नति में उसके मानव संसाधन की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन के विकास के लिए जनता को अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था, गुणवत्ता-पूर्ण शिक्षा, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना महत्वपूर्ण है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि गुजरात सरकार ने इस विषय पर भरपूर ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से बालिका शिक्षा, शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात, नामांकन अनुपात और प्रतिधारण दर में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। उन्होंने त्रिस्तरीय स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदान की जा रही अच्छी चिकित्सा सेवाओं की प्रशंसा की, जिससे मातृ मृत्यु अनुपात और शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने पिछले दो दशकों में गुजरात में बिजली सुधार और जल संचयन और जल आपूर्ति के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों की सराहना की। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा पशुओं के कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त की।
सदन में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के बारे में बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं, चाहे वह क्षेत्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी का हो अथवा रक्षा या खेल का हो, इसलिए राजनीति में भी उनका प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में शिक्षण संस्थानों के दौरे के दौरान उन्होंने छात्राओं में जीवन में आगे बढ़ने और देश और समाज के लिए कुछ करने की ललक देखी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को उचित अवसर दिया जाए तो वे पुरुषों के साथ मिलकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकती हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश के समग्र विकास के लिए आधी आबादी की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के गठन का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के बाद पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए यह भारत के नेतृत्व में उठाया गया एक और महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह गुजरात जैसे नवाचारी और ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को बढ़ावा देने वाले राज्य के लिए यह एक अच्छा अवसर है।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी लोगों के जीवन को सुगम बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है और ई-विधान विधायकों को अपने क्षेत्र की जनता से जुड़े रहने में और भी मदद करेगी। उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि विधान सभा सदस्य संसदीय मर्यादाओं और गरिमा को निभाते हुए सदन में जन-कल्याण के विमर्श का नया मानदंड स्थापित करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि
उनका यह प्रयास न केवल गुजरात को और अधिक संपन्न राज्य बनाने में, बल्कि भारत को भी वर्ष 2047 तक एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने में अहम होगा।