भारत की राष्ट्रपति ने कैवल्यधाम के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति भवन : 29.11.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 29 नवंबर, 2023 को लोनावला, महाराष्ट्र में कैवल्यधाम द्वारा शताब्दी वर्ष में आयोजित 'स्कूल शिक्षा प्रणाली में योग का समावेश-विचार प्रकटीकरण' विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की योग विद्या, विश्व समुदाय को हमारी अमूल्य सौगात है। सन 2015 से प्रतिवर्ष विश्व के अधिकांश देशों में योग दिवस मनाया जाता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अपने संकल्प में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह स्पष्ट किया था कि योग पद्धति स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है और पूरे विश्व समुदाय के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा में निहित योग विद्या को शिक्षण व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि योग पद्धति व्यक्ति के समग्र विकास का मार्ग है। शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक उत्कर्ष के माध्यम के रूप में योग प्रणाली को प्रभावी माना जाता है। ऋषि-मुनियों ने गहन अनुसंधान और परीक्षण के बाद, हमारे प्राचीन ऋषियों ने पाया कि योग का अनुशासन कैवल्य प्राप्त करने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि 20वीं सदी में स्वामी कुवलयानंद जी जैसी महान विभूतियों ने योग प्रणाली के वैज्ञानिकता और उपयोगिता को प्रचारित-प्रसारित किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी कुवलयानंद जी विद्यालयों में योग शिक्षा के प्रसार को बहुत महत्व दिया करते थे। उन्होंने विश्वास जताया कि कैवल्यधाम संस्थान द्वारा चलाए जा रहे विद्यालय कैवल्य विद्या निकेतन से अन्य विद्यालयों को उदाहरण भी मिलेगा और प्रेरणा भी। उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि 'कैवल्यधाम' योग परंपरा और विज्ञान के प्रभावी संगम का निरंतर प्रवाह करता रहे और विश्व समुदाय को, विशेषकर युवाओं को समग्र विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाता रहे।