भारत की राष्ट्रपति ने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नागपुर के प्लेटिनम जुबली समारोह का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति भवन : 01.12.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 1 दिसंबर, 2023 को नागपुर, महाराष्ट्र में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नागपुर के प्लेटिनम जुबली समारोह का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए सस्ती और सुलभ चिकित्सा प्रणाली होना आवश्यक है। कोविड की अभूतपूर्व महामारी ने हमें मजबूत स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के महत्व को गहराई से अनुभव कराया।
राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टरों की संख्या में कमी सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने में एक प्रमुख बाधा है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। साथ ही एमबीबीएस और पोस्ट-ग्रेजुएट की सीटों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास जताया कि ये निर्णय भविष्य में सबको उचित चिकित्सा उपलब्ध कराने में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा की आधारभूत संरचना के विकास के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि स्वास्थ्य सेवा लोगों की पहुंच में हो। गरीब लोग धन के अभाव में चिकित्सा सेवा उपलब्ध होने के बावजूद उसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। इसलिए भारत सरकार द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू की गई।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वास्थ्य से जुड़े निजी रिकॉर्ड मरीजों के लिए लाभकारी होते सिद्ध होते हैं। डॉक्टर भी इन रिकॉर्ड के जरिए सही निदान कर पाते हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खातों (एबीएचए) के माध्यम से स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने की सरकार की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी पहल है जिसमें तकनीक से स्वास्थ्य सेवाओं को जनता के लिए बेहतर बनाया जा सकता है।
हमारे देश में अंग दाताओं की कमी के बारे में बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह कमी न केवल जरूरतमंदों को लंबे समय तक प्रतीक्षा के लिए मजबूर करती है, बल्कि अंगों के अवैध व्यापार को भी बढ़ावा देती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस कमी का प्रमुख कारण लोगों में जागरूकता का अभाव है और लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करके इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने चिकित्सा जगत के सभी लोगों को अंगदान के बारे में जागरूक करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा पेशे से जुड़े लोग हमारे देश की संपत्ति हैं। उनके ऊपर देशवासियों को स्वस्थ रखने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में बढ़ते तकनीकी प्रयोगों से प्रणाली में मौलिक परिवर्तन आने की संभावना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों से स्वास्थ्य सेवा को नई दिशाएँ प्राप्त होंगी। ऐसे में आवश्यक है कि जीएमसी नागपुर अपने छात्रों विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार रखे। उन्होंने कहा कि जीएमसी नागपुर को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए और अन्य चिकित्सा संस्थानों के लिए एक रोल-मॉडल बनना चाहिए।