भारत की राष्ट्रपति ने भारत के उच्चतम न्यायालय के तीन प्रकाशनों का विमोचन किया
राष्ट्रपति भवन : 05.11.2024
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 5 नवम्बर 2024 को राष्ट्रपति भवन में भारत के उच्चतम न्यायालय के तीन प्रकाशनों का विमोचन किया। इन तीन प्रकाशनों के नाम हैं: (i) देश को न्याय: भारत के उच्चतम न्यायालय के 75 वर्षों पर विचार (ii) भारत में जेलें: जेल नियमावली तैयार करना और जेलों में सुधार तथा भीड़ कम करने के उपाय और (iii) कानून स्कूलों के माध्यम से विधिक सहायता: भारत में विधिक सहायता केंद्रों के कार्य पर रिपोर्ट।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने एक ऐसी न्यायशास्त्र प्रणाली विकसित की है जो भारतीय परंपराओं और वास्तविकताओं से जुड़ी है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि "देश को न्याय" नामक पुस्तक में उच्चतम न्यायालय की 75 वर्षों की यात्रा के महत्वपूर्ण अवसरों का उल्लेख है। यह पुस्तक उच्चतम न्यायालय के विभिन्न पहलुओं के लोगों के जीवन पर पड़े प्रभाव को भी दर्शाती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी न्याय प्रणाली का उद्देश्य एक न्यायपूर्ण और निष्पक्ष समाज के रूप में हमारी यात्रा को मजबूत करना होना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि विधिक सहायता सेल पर आधारित रिपोर्ट, हमारे देश में विधि स्कूलों में चल रहे विधिक सहायता केन्द्रों पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के विधिक सहायता केंद्र हमारे युवाओं को समग्र कानूनी शिक्षा देने में योगदान दे रहे हैं और उन्हें समाज के कमजोर वर्गों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनाने का कार्य कर हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि विचाराधीन बंदियों की स्थिति उनके लिए सदा एक गंभीर चिंता का विषय रही है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जेल व्यवस्था पर रिपोर्ट में विचाराधीन बंदियों की संख्या को कम करने में न्यायपालिका की भूमिका को समझाने का प्रयास किया गया है।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि आज आज विमोचित प्रकाशनों से नि:शुल्क विधिक सहायता और जेल सुधार के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी, साथ ही इनसे आमजन को गणराज्य के रूप में देश की यात्रा में उच्चतम न्यायालय की अद्वितीय भूमिका के बारे में जानकारी मिलेगी।
उन्होंने उच्चतम न्यायालय को एक महान संस्था के रूप में स्थापित करने के लिए वर्तमान और पूर्व न्यायाधीशों और वकीलों की सराहना की।