भारत की माननीया राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में समापन संबोधन
इंदौर : 10.01.2023
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मुझे, 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में शामिल होकर और समापन अवसर पर आपसे बातचीत करते हुए प्रसन्नता हो रही है। मुझे आप सभी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर बहुत प्रसन्नता हो रही है, इसलिए भी कि यह सम्मेलन चार वर्षों के लंबे अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है। मैं इस अवसर पर आप सभी को एक खुशहाल और सफल नव वर्ष की शुभकामनाएं देती हूं।
इस वर्ष के सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में कोऑपरेटिव रिपब्लिक ऑफ गुयाना के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली का स्वागत करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। आप मूल रूप में बिहार राज्य से हैं। आपकी मौजूदगी ने इस इवेंट को और भी खास बना दिया है। मैं, रिपब्लिक ऑफ सूरीनाम के राष्ट्रपति महामहिम श्री चंद्रिकाप्रसाद संतोखी का भी स्वागत करती हूं, जो 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में हमारे मुख्य अतिथि थे, जिसे महामारी के कारण वर्चुअलआयोजित करना पड़ा था। मुझे यह जानकर भी प्रसन्नता हो रही है कि सबसे कम उम्र के भारतीय डायस्पोरा में एक सुश्री ज़नेटा मैस्करेनहास, संसद सदस्य, ऑस्ट्रेलिया ने भी युवा प्रवासी भारतीय दिवस के माननीय अतिथि के रूप में सम्मेलन में भाग लिया है।
देवियो और सज्जनों,
भारतीय डायस्पोरा आज वैश्विक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण और विशिष्ट शक्ति बन गया है। यह हर क्षेत्र में एक ऊर्जावान और आत्मविश्वासी समुदाय के रूप में विकसित हुआ है, और नेतृत्व के पदों से विश्व मामलों में शानदार योगदान दे रहा है। भारतीय डायस्पोरा ने असाधारण समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रदर्शन किया है, और कला, साहित्य, राजनीति, खेल, व्यवसाय, शिक्षा, परोपकार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट बनने के लिए कई चुनौतियों को पार किया है। आपकी उपलब्धियों पर हमें बहुत गर्व और खुशी है।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार, डायस्पोरा सदस्यों की भारत और उनके घरेलू देशों में उनके योगदान के लिए देश मेंसर्वोच्च प्रतिष्ठाका प्रतीक है। ये पुरस्कार इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये न केवल प्रवासियों की उपलब्धियों के प्रति हमारी प्रशंसा और स्वीकृति को दर्शाते हैं, बल्कि दुनिया में भारत के झंडे को ऊंचा रखने के आपके संकल्प में हमारे विश्वास को भी दर्शाते हैं। हमारे पूर्व पुरस्कार विजेताओं ने प्रवासी भारतीय सम्मान प्राप्त करने के बाद भी अधिक से अधिक ऊंचाइयों को छूने और अपने अच्छे कार्य के लिए प्रशंसा प्राप्त करना जारी रखा है। मैं, इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं को बधाई देती हूं और आशा करती हूं कि ये पुरस्कार आपको भविष्य में और भी अधिक ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
पिछले दो दशकों में, प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन ने सरकार, भारत की जनता और डायस्पोरा के बीच उपयोगी संबंध बनाने के लिए एक अद्वितीय मंच के रूप में कार्य किया है। हमने 9 जनवरी की तारीख को लक्षित करने के लिए डायस्पोरा के साथ अपने बंधनों का जश्न मनाने की इस परंपरा को शुरू किया, जिस दिन प्रवासियों के अग्रणी महात्मा गांधी ने भारत लौटने पर औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के पुनरुत्थान की शुरुआत की।
देवियो और सज्जनों,
जैसा कि आप सभी जानते हैं, देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर "आजादी का अमृत महोत्सव" मना रहा है। ये समारोह उन लोगों को समर्पित हैं जिन्होंने वर्तमान समय तक भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और उन लोगों को भी जिनकी,आत्मनिर्भर भारत के हमारे विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए, भारतीय डायस्पोरा द्वारा दिए गए योगदानों को याद करने के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था।
इस वर्ष के सम्मेलन की थीम - "डायस्पोरा: अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार" - हमारे राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों की उपलब्धि में भारतीय डायस्पोरा को भागीदार बनाने की भारत की इच्छा को दर्शाता है।
हाल के वर्षों में, सरकार ने हमारे भारतीय डायस्पोरा के लाभ के लिए कई पहल की हैं। ये पहल न केवल विदेशों में रहने वाले भारतियों के कल्याण के लिए हैं, बल्कि आप सभी को राष्ट्र निर्माण के कार्य में शामिल करने के लिए भी हैं।
प्रवासी भारतीय नागरिक और भारतीय मूल के व्यक्ति कार्ड स्कीमों का विलय कर दिया गया है और ओसीआई कार्डधारकों के लिए वीजा को जीवन भर के लिए वैध कर दिया गया है। हम भारतीय युवाओं के विदेशों में रोजगार के लिए सुरक्षित, व्यवस्थित और नैतिक कानूनी प्रवास को बढ़ाने के लिए भी कदम उठा रहे हैं। शिकायतों के समाधानऔर विपदा में फंसे भारतीय नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और प्रवासी श्रमिकों की मदद करने के लिए नए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा रहा है। हमने हाल ही में यूक्रेन में ऑपरेशन गंगा सहित संकटग्रस्त स्थितियों से भारतीयों और प्रवासियों को वापस लाने के लिए बड़े पैमाने पर उनकी निकासी के कार्य किए हैं।
पिछले तीन दिनों में विषयगत चर्चाओं के दौरान प्रस्तुत आपके विचार और सुझाव आगे का रास्ता तय करने में बेहद मूल्यवान साबितहोंगे। महिला डायस्पोरा उद्यमियों पर चर्चा करने वाला पूर्ण सत्र विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि यह भारत में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में हमारी महिलाओं की उद्यमशीलता की भावना को आकार देने में डायस्पोरा में हमारी साथी उद्यमियों और व्यापार से जुड़ी महिलाओं की क्षमता को दर्शाता है। हमारे achievers युवा डायस्पोरा भी भारत के युवाओं में नवाचार की भावना और नई प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
देवियो और सज्जनों,
आज हम चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं, हमारे चारों ओर आर्थिक और भू-राजनीतिक उथल-पुथल है। इन सभी चुनौतियों के बीच, भारत अधिक आत्मविश्वास और राष्ट्रीय हितों को हासिल करने के व्यापक लक्ष्य के साथ दुनिया के साथ जुड़ रहा है। यह सभी प्रमुख देशों के साथ हमारे मजबूत संबंधों और विभिन्न वैश्विक मंचों पर हमारे नेतृत्व में देखा जा सकता है। जैसा कि आप जानते हैं, भारत इस वर्ष G20 की अध्यक्षता कर रहा है, जिसकी थीम "एक पृथ्वी • एक परिवार • एक भविष्य" है। यह थीम, हमारे प्राचीन दर्शन वाक्य "वसुधैव कुटुम्बकम" से प्रेरित है, जो विश्वमें सभी के न्यायसंगत और समान विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ।
अगले 25 वर्षों में, भारत 2047 तक, जब हम अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहे होंगे, एक आत्मनिर्भर विश्व लीडर बनने के लिए सामूहिक परिश्रम, त्याग और गहन विकास की महत्वाकांक्षी यात्रा शुरू करने जा रहा है।
आपकी सामूहिक शक्ति और क्षमता राष्ट्र के समावेशी विकास को और बल प्रदान करेगी। मैं, डायस्पोरा परिवार के प्रत्येक सदस्य से इस यात्रा में पूरी तरह से भागीदार बनने का आग्रह करती हूं। आप अपनी ऊर्जा, अपने अनुभव, अपने विचारों, अपने व्यापार कौशल, अपने निवेश, अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और नॉलेज शेयरिंग में योगदान दे सकते हैं, ताकि आत्मनिर्भर भारत के विजन को प्राप्तकरने हेतुहमारी क्षमताओं को बढ़ाया जा सके।
अपनीमातृभूमि की माटी की पुकार ऐसी होती है जो समय और दूरी की बाधाओं को नहीं देखती है। भारतीय डायस्पोरा ने दुनिया के विभिन्न कोनों में अपने निवास के देशों में समृद्ध और उत्पादनशील जीवन का निर्माण किया है, उनका हमेशा हमारे दिलों में,केवल बढ़े हुएपरिवार के सदस्यों के रूप में ही नहीं बल्कि भारत के विकास में जिम्मेदार भागीदारोंके रूप में एक विशेष स्थान रहेगा।
मैं, एक बार फिर इस सभा के सम्मानित सदस्यों को अपनी शुभकामनाएं देती हूं और कामना करती हूं कि आने वाला वर्ष आप सभी के लिए सुख और समृद्धि लेकर आए।
धन्यवाद,
जय हिन्द!