मॉरीशस के प्रधान मंत्री महामहिम प्रविंद कुमार जगनाथ द्वारा आयोजित रात्रि भोज में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सम्बोधन
मॉरीशस : 11.03.2024
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मॉरीशस के 56वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेना, और आज आप सब के साथ यहां होना, मेरे लिए बड़ी ख़ुशी की बात है।
इस सम्मान के लिए, और मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को प्रदान किए गए स्वागत और उत्कृष्ट आतिथ्य के लिए, 140 करोड़ से अधिक भारतीयों की ओर से, मॉरीशस सरकार और यहां के लोगों को धन्यवाद।
अभी कुछ क्षण पहले, State House में राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिंह रूपन के साथ मेरी बहुत सौहार्दपूर्ण बैठक हुई। वहां मेरी First Lady श्रीमती सयुक्ता रूपुन से भी मुलाकात हुई। भारत के इतिहास में पृथ्वीराज-संयुक्ता की जोड़ी प्रसिद्ध है। यहां मॉरीशस में आते ही, ऐसी एक और पृथ्वीराज-संयुक्ता की जोड़ी को देख कर मैं बहुत प्रसन्न हुई।
महामहिम, देवियो और सज्जनो,
मॉरीशस उन पहले कुछ देशों में से एक है, जहां मैं राष्ट्रपति के रूप में राजकीय यात्रा कर रही हूं। मैंने हिंद महासागर स्थित इस सुन्दर द्वीप के बारे में कई अच्छी बातें सुनी तो थी, लेकिन यहां कुछ ही घंटे बिताने के बाद, मुझे महसूस हो रहा है कि आपके देश को “Paradise Island" क्यों कहा जाता है। आज मॉरीशस सही मायने में, विकास, लोकतंत्र, विविधता और गतिशीलता का एक चमकता हुआ प्रतीक है।
मॉरीशस जिस असाधारण मानवीय भावना के विजय को दर्शाता है, उससे मैं गौरवान्वित और प्रेरित हूं। मैं आपके बहादुर पूर्वजों, विशेष रूप से ‘गिरमिटिया’ अप्रवासियों को, श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद, परिश्रम, बलिदान और धैर्य से इस देश का निर्माण किया। मैं आपके दूरदर्शी राष्ट्र निर्माताओं का नमन करती हूं, जिन्होंने यहां की अर्थव्यवस्था को एक “Mauritian Miracle” बना दिया, जो न केवल अफ्रीका, बल्कि पूरे विश्व को प्रेरित करता है।
एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में 56 वर्षों की छोटी सी अवधि में, मॉरीशस एक अग्रणी लोकतंत्र, बहुलवाद का प्रतीक, एक समृद्ध देश, एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र, संपन्न पर्यटन स्थल, और सबसे महत्वपूर्ण बात - दुनिया के सबसे सुरक्षित और शांतिपूर्ण देशों में से एक, के रूप में उभरा है।
हम सभी भारतीयों को, आपकी असाधारण उपलब्धियों पर गर्व है। हमें मॉरीशस में अपने भाइयों और बहनों की सफलताओं से ख़ुशी मिलती है, क्योंकि हम राष्ट्र निर्माण की अपनी यात्रा में एक साथ चले हैं। हमारी नियति एक दूसरे के साथ तब जुड़ी, जब तीन शताब्दियों से भी पहले, भारतीयों ने यहां कदम रखा। उसके बाद, हमारे दोनों देशों के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, हम ने एकजुट होकर आज़ादी के लिए एक-दूसरे को प्रेरित किया। इस तरह हमारा “खून का रिश्ता", “दिल का रिश्ता” बन गया।
इसलिए, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि स्वतंत्र मॉरीशस के संस्थापकों ने राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण दिन - स्वतंत्रता दिवस - के लिए, हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में, 12 मार्च को चुना।
आज भी, हमारे दोनों देश, अच्छे और बुरे समय में, कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। पिछले कुछ दशकों में हमारा रिश्ता और मजबूत हुआ है, चाहे वह Indian Ocean को एक साथ सुरक्षित रखना हो; या महामारी के दौरान हमारे COVID vaccines को साझा करना हो; विभिन्न क्षेत्रों में capacity building हो; हमारी अर्थव्यवस्थाओं और हमारे लोगों को जोड़ना हो; या वैश्विक मंचों पर एक दूसरे का समर्थन करना हो।
Metro project, नया ENT Hospital, नया Supreme Court भवन, 8 MW का solar power plant, और कई अन्य भारत-सहायता प्राप्त development projects, मॉरीशस के विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं।
पिछले जनवरी में, इंदौर में, प्रवासी भारतीय दिवस में मॉरीशस के विशाल प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी, और भारतीय G20 Presidency के तहत मॉरीशस का ‘Special Guest' के रूप में भाग लेना, इस बात को दर्शाते हैं।
देवियो और सज्जनो,
कल, 12 मार्च की ऐतिहासिक तारीख पर, जब शा दे मार्स में मॉरीशस का झंडा फहराया जाएगा, और उसके साथ भारतीय तिरंगा लहराएगा, मैं प्रार्थना करूंगी कि हमारे ये विशेष संबंध फलते-फूलते रहें।
इन शब्दों के साथ, महामहिम, देवियो और सज्जनो, आइए हम सब मिल कर:
• मॉरीशस गणराज्य के प्रधान मंत्री और श्रीमती कोबिता जगनाथ के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण,
• मॉरीशस के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि,
• और भारत और मॉरीशस के बीच स्थायी मित्रता के लिए,
अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
जय हिन्द! वीव मौरिस!
धन्यवाद।