भारतीय रक्षा लेखा सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा के परिवीक्षा अधिकारियों से भेंट के अवसर पर भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का संबोधन
राष्ट्रपति भवन : 22.01.2025
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भारतीय रक्षा लेखा सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा के प्रिय परिवीक्षा अधिकारियों,
मैं, आप सभी को कठिन परीक्षा प्रक्रिया के माध्यम से इन प्रतिष्ठित सेवाओं में आपके चयन के लिए बधाई देती हूँ। अब आप लोक सेवा के क्षेत्र में अपनी यात्रा आरंभ करने जा रहे हैं। आप से अपेक्षा की जाती है कि आप अपने करियर के दौरान विभिन्न भूमिकाओं का निर्वहन करते हुए निष्ठा और पेशेवर उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करेंगे।
प्रशिक्षण संबंधी आपके अनुभवों को सुनने के बाद, मुझे विश्वास है कि आपने देश के समग्र लक्ष्यों की गहन समझ प्राप्त की है और आप भारत को विकसित देश बनाने में अपना परिपूर्ण योगदान देंगे।
भारतीय रक्षा लेखा सेवा के प्रिय परिवीक्षा अधिकारियों,
आप हमारे देश के सशस्त्र बलों के वित्तीय पहलुओं की देख-रेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आपको निर्बाध वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करने, जवाबदेही के दायित्व को बढ़ावा देने और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की जिम्मेदारियां निभानी है।
मुझे पूरा विश्वास है कि आप रक्षा क्षेत्र में वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ कार्य करेंगे। हमारी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन आवश्यक है, इसलिए इस क्षेत्र में आपका योगदान राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को गहराई से प्रभावित करेगा।
मैं, चाहती हूँ कि आप ऑडिटिंग और अकाउंटिंग प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों और नए तरीकों को अपनाएं। पारदर्शिता और जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आपको अन्य रक्षा एजेंसियों को अपनी क्षमताओं को उन्नत बनाने और बढ़ाने में सक्षम बनाते हुए उनसे तालमेल भी बढ़ाना है। आपको रक्षा नीति निर्माताओं को व्यावहारिक और ‘विशेषज्ञ सलाह’ देनी है, ताकि वे सुविचारित निर्णय ले सकें।
सूचना और प्रौद्योगिकी के इस युग में, आपको एक ऐसी व्यापक ‘प्रबंधन सूचना प्रणाली’ तैयार करनी होगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर रक्षा व्यय के प्रभाव का अध्ययन और विश्लेषण किया जा सके। अपने कार्य को पूरी लगन से करके, आप न केवल हमारे सशस्त्र बलों के वित्तीय प्रबंधन को सुदृढ़ करेंगे, बल्कि देश की सुरक्षा और समृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
भारतीय दूरसंचार सेवा के प्रिय परिवीक्षा अधिकारियों,
पिछले दो दशकों में, देश मोबाइल टेलीफोनी और हाई-स्पीड इंटरनेट नेटवर्क आधारित परिवर्तनकारी दूरसंचार क्रांति के दौर से गुजरा है। इस क्रांति ने भारत की विशाल डिजिटल क्षमता को नया आयाम दिया है। इस संदर्भ में, आपकी भूमिका केवल विनियमन और प्रबंधन तक सीमित नहीं है। डिजिटल समावेशन, डिजिटल इंडिया का सार तत्व है। डिजिटल समावेशन से वित्तीय समावेशन बढ़ती है और इससे आर्थिक विकास को गति मिलती है। इंडिया स्टैक ने सुरक्षित डिजिटल बुनियादी ढाँचा प्रदान करके वित्तीय समावेशन में योगदान दिया है।
बुनियादी दूरसंचार ढांचे के माध्यम से डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाकर और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके आप नागरिकों को सशक्त बनाने और समग्र रूप से जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए देश के समावेशी विकास में मदद कर सकते हैं। आपको डिजिटल डिवाइड की दूरी को कम करने के लिए ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा, और इससे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है। दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपको दूरसंचार क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करते हुए नई संचार प्रौद्योगिकियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, देश की आर्थिक प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, आपको भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा उपाय भी सुनिश्चित करने होंगे।
"भारत 6G विजन" के एक हिस्से के रूप में देश 6G तकनीक के विकास की ओर आगे बढ़ रहा है, यह कार्य किफायत, अनुकूलता और सर्वव्यापकता के सिद्धांतों को केंद्र में रख कर किया जा रहा है। 6G नेटवर्क से कनेक्टिविटी क्षेत्र में सुधार होगा जिससे स्मार्ट शहरों के विकास, स्वास्थ्य सेवाओं की डिलिवरी में आमूलचूल परिवर्तन करने और उत्पादकता तथा प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। आपको नित परिवर्तनशील उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल बनाए रखना होगा और निर्बाध नेटवर्क कवरेज सुनिश्चित करना होगा।
प्रिय युवा अधिकारियों,
आप भारत की विकास यात्रा के एक परिवर्तनकारी क्षण में इन सेवाओं में आए हैं। उभरती प्रौद्योगिकियों का सम्मिलन, सूचना का तेज गति से प्रसार और बदलते वैश्विक परिदृश्य से जटिलताएं तो बढ़ी हैं साथ ही रोमांचक माहौल भी बना है। भारत के समावेशी विकास और भारत को वैश्विक रूप से अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी।
आपको अपने दायित्वों को निभाते समय हमेशा नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण अपना चाहिए और इस दृष्टिकोण को बढ़ावा देना चाहिए। आपको समाज के वंचित वर्गों और बेसहारा लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर निर्णय लेने होंगे।
आपके विचार, निर्णय और कार्य महत्वपूर्ण होंगे जो देश के भविष्य को दिशा देंगे। मुझे विश्वास है कि आप अपने कौशल, विशेषज्ञता और रचनात्मकता के बल पर भविष्य में आने वाली चुनौतियों का बखूबी सामना करेंगे और अपनी एक विशिष्ट छाप छोड़ेंगे।
मैं आप सब को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देती हूँ।
धन्यवाद!
जय हिन्दी!
जय भारत!