भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Symbiosis International Deemed University के दीक्षांत समारोह में संबोधन

पुणे : 03.09.2024

डाउनलोड : भाषण भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Symbiosis International Deemed University के दीक्षांत समारोह में संबोधन(हिन्दी, 1.1 मेगा बाइट)

आज Symbiosis International deemed University के दीक्षांत समारोह में आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। सर्वप्रथम मैं उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देती हूं। आज स्वर्ण पदक पाने वाले सभी विद्यार्थी विशेष बधाई के पात्र हैं। मैं ‘Prof. Dr. S.B. Mujumdar Award for Outstanding Foreign Student of the Year’ का पुरस्कार जीतने वाले Nigeria के छात्र को हार्दिक बधाई देती हूं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मैं सभी प्राध्यापकों, संस्थान के सभी सदस्यों, विद्यार्थियों के माता- पिता और अभिभावकों को भी विशेष रूप से बधाई देती हूं क्योंकि आपके निरंतर सहयोग, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन के बिना विद्यार्थियों के लिए ये उपलब्धियां प्राप्त करना संभव नहीं हो पाता।

आज मुझे यह देखकर बहुत ख़ुशी हुई है कि स्वर्ण पदक पाने वाले 11 विद्यार्थियों में से 8 छात्राएं हैं। इनमें से दो बेटियां हमारे पड़ोसी देश नेपाल से भी हैं। मैं सभी बेटियों को हार्दिक बधाई देती हूं। आज हमारी बहनें और बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। नारी शक्ति का विकास देशवासियों के लिए गर्व की बात तो है ही, यह देश के विकास का एक महत्वपूर्ण मापदंड भी है। यह प्रशंसनीय है कि Symbiosis Deemed University में gender equity को भी प्राथमिकता दी जाती है। इस संस्थान में पढ़ने वाले करीब 33000 विद्यार्थियों में छात्रों और छात्राओं की संख्या लगभग समान है। मुझे बताया गया है कि बेटियों की शिक्षा के लिए, उचित वातावरण और सुविधाएं भी यहाँ उपलब्ध कराई जाती हैं। मैं सभी शिक्षण संस्थानों से आग्रह करती हूं कि छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कार्यक्रम चलाएं और उनके लिए सुरक्षित और सहायक वातावरण तैयार करें।

प्रिय विद्यार्थियो,

Symbiosis Deemed University का campus बहुत सुंदर है। साथ ही आपको समृद्ध विरासत वाले पुणे शहर में भी रहने का अवसर मिला है। पुणे, छत्रपति शिवाजी महाराज, बाल गंगाधर तिलक, वीर सावरकर, गोपाल कृष्ण गोखले, महर्षि कर्वे, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले सहित अनेक महान विभूतियों की भूमि है। मुझे विश्वास है कि आपने इस शहर और इसकी समृद्ध विरासत से बहुत कुछ सीखा होगा।

मैं इस संस्थान के Chancellor Professor S.B. Mujumdar की भी सराहना करती हूं कि उन्होंने 50 वर्ष पूर्व यह शिक्षण संस्थान स्थापित करने की दूरगामी पहल की जहां देश और विदेश के विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जा सके। अनेक वर्षों से विश्व के कई हिस्सों से bright young minds इस संस्थान में उच्च स्तर की शिक्षा पाने के लिए आते हैं। यहां विद्यार्थी भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार भी होते हैं और देश-विदेश में विभिन्न क्षेत्रों में अपना प्रभावी योगदान देने के लिए एक मजबूत नेटवर्क भी बनाते हैं। मुझे बताया गया है कि यहां 3000 से अधिक विदेशी विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आप सभी विद्यार्थी भविष्य में विदेश में रहकर भी इस संस्थान, इस क्षेत्र से जुड़े रहेंगे और अपने आधुनिक ज्ञान और कौशल का उपयोग मानवता के कल्याण के लिए करेंगे।

देवियो और सज्जनो,

मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इस campus में ‘‘Symbiosis Arogya Dham’ भी स्थापित किया गया है, जो चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने की ओर एक सराहनीय कदम है। यह एक व्यापक holistic healthcare campus है। इसमें चिकित्सा सम्बन्धी अनेक सुविधाएं और अनुसंधान केंद्र भी हैं। यहां महिलाओं को मेडिकल की शिक्षा प्रदान करने के लिए मेडिकल कॉलेज भी स्थापित है। यह सराहनीय है कि हमारे शिक्षण संस्थान inclusive development जैसे विषयों पर भी गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। मुझे बताया गया है कि Symbiosis Deemed University द्वारा campus के आस-पास के गांवों में mobile family health clinics का संचालन किया जा रहा है। आज की युवा पीढ़ी को नवीनतम technology के ज्ञान के साथ-साथ value based education प्रदान करना सभी शिक्षण संस्थानों का ध्येय होना चाहिए।

प्रिय विद्यार्थियो,

मैं यह कहना चाहूंगी कि आप केवल अपनी आजीविका और अपने परिवार के बारे में ही न सोचें, बल्कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ – पूरा विश्व एक परिवार है - की सोच के साथ आगे बढ़ें। इस संस्थान की शुरुआत भी इसी सोच के साथ हुई थी, ऐसा मुझे बताया गया है।

आज आप सभी विद्यार्थी इतने सक्षम बन गए हैं कि आप देश-विदेश में अपने व्यक्तित्व और ज्ञान से बड़े संस्थानों और अन्य लोगों में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। आप management, healthcare, law, social sciences, और अन्य क्षेत्रों में innovation तथा artificial intelligence और machine learning के द्वारा प्रभावी योगदान दे सकते हैं।

प्रतिभाशाली और उत्साही युवाओं से मिलना मुझे अच्छा लगता है। कुछ महीने पहले मैं कई युवा महिला उद्यमियों से राष्ट्रपति भवन में मिली थी। उनके संघर्षों और सपनों के बारे में सुनकर मुझे विश्वास हो गया कि हमारे देश के युवा, बेटे और बेटियां देश और देशवासियों के विकास के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं और बड़े जोश के साथ काम कर रहे हैं। हमारे देश के लोगों में भरपूर talent, knowledge और skills है। मैं चाहती हूं कि आप लोग देश के विभिन्न समुदायों और क्षेत्रों की संस्कृति और उनकी आज की ज़रूरतों को समझें। इस जानकारी के आधार पर आप ऐसे software, healthcare products और marketing strategies बनाएं जो सब के, विशेषकर वंचित वर्गों के लोगों के विकास में सहायक हों और sustainability को भी बढ़ावा दें। Start-up India, Skill India, Make in India और Digital India जैसे अभियानों के द्वारा भी आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

देवियो और सज्जनो,

मैं यहां उपस्थित प्राध्यापकों, संकाय सदस्यों और alumni को कहना चाहूंगी कि शिक्षा प्रणाली में अनुसन्धान को बढ़ावा देना चाहिए। वर्षों के शोध से नए आविष्कार होते हैं, चुनौतियों का सामना करने के नए समाधान मिलते हैं। भारत के research scholars केवल देश ही नहीं दुनिया की समस्याओं के हल खोज सकते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी अनुसन्धान को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त multi-disciplinary studies और holistic education को भी इस नीति के अंतर्गत बढ़ावा दिया जा रहा है। मुझे बताया गया है कि इस संस्थान में water resource management, stem cell, nano science, climate change सहित अनेक विषयों पर multi- disciplinary research centres काम कर रहे हैं। इस प्रयास के लिए मैं इस संस्थान की पूरी टीम की सराहना करती हूं।

प्रिय विद्यार्थियो,

आप सभी भाग्यशाली हैं कि इस संस्थान में आपको multi-cultural environment मिला है। इससे आपकी सोच अधिक विस्तृत हुई होगी और आपका दृष्टिकोण अधिक व्यापक हुआ होगा। भविष्य में देश-विदेश के लोगों के बीच रहना, उन्हें समझना और उनके साथ मिलकर कार्य करना आपके लिए आसान होगा। मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई है कि यहां के कार्यक्रम student driven होते हैं तथा यहां विद्यार्थियों को निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

भविष्य में आप भारत में रहें, या किसी और देश में जाकर काम करें, हर कार्य में उत्कृष्टता प्राप्त करने की कोशिश करें। यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी – Chase excellence and success will follow. लेकिन बहुत बार ऐसा होता है कि अधिक पैसा, बड़ा घर, बड़ी गाड़ी और अन्य वस्तुओं के होने को ही कुछ लोग success की निशानी मान लेते हैं। मैं जानती हूं कि आप जैसे प्रतिभावान विद्यार्थी सफलता का सही अर्थ समझेंगे और ऐसे कार्य करेंगे जिनसे दूसरों का जीवन-स्तर भी बेहतर होगा। आप सफलता और सार्थकता दोनों को महत्व देंगे, ऐसा मेरा विश्वास है।

अंत में एक बार फिर, मैं सभी विद्यार्थियों को बधाई देती हूं और आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं। आपका जीवन सार्थक हो और आप अपने माता-पिता, संस्थान तथा देश का नाम रोशन करें।

धन्यवाद!  
जय हिन्द!  
जय भारत!

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