भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह 2023 में सम्बोधन
नई दिल्ली : 11.01.2024
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स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के अनुसार पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी विजेताओं को मैं हार्दिक बधाई देती हूं।
स्वच्छ भारत मिशन Urban को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार में आवासन और शहरी कार्य मंत्री, श्री हरदीप पुरी जी और उनकी टीम को मैं साधुवाद देती हूं।
व्यापक भागीदारी के साथ किया गया यह स्वच्छ सर्वेक्षण और पुरस्कार समारोह भी स्वच्छता के स्तर को ऊंचा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सोपान है। मुझे बताया गया है कि इस सर्वेक्षण के लिए हर वर्ष एक महत्वपूर्ण विषय नियत किया जाता है और उस विषय से जुड़े मानकों को विशेष महत्व दिया जाता है। मैं समझती हूं कि इस thematic approach से स्वच्छता अभियान के विभिन्न आयामों को बल मिला होगा। वर्ष 2023 का विषय है ‘Waste to Wealth’. यह बहुत अच्छा और उपयोगी विषय है। आपकी इस सोच को आगे बढ़ाते हुए मैं कहना चाहूंगी कि ‘Waste is Wealth’. आपके सुमधुर संगीतबद्ध Anthem में बहुत अच्छा संदेश दिया गया है कि:
कूड़ा-कचरा को, कंचन में परिवर्तित कराना है,
सम्पूर्ण स्वच्छता में, भारत को दिव्य बनाना है।
आप सब ‘स्वच्छता से संपन्नता’ के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं तथा स्वच्छता अभियान के द्वारा महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता के अवसर उत्पन्न कर रहे हैं, इसके लिए मैं आप सबकी बहुत सराहना करती हूं।
स्वच्छता अभियान को जन-आंदोलन का रूप देने में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, विभिन्न संगठनों, जागरूक नागरिकों और सबसे बढ़कर हमारे सफाई मित्रों ने निष्ठापूर्वक योगदान दिया है। यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि पिछली गांधी जयंती के एक दिन पहले यानी 1 अक्तूबर के दिन प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से करोड़ों देशवासियों ने स्वच्छता के लिए श्रमदान करते हुए ‘एक तारीख, एक घंटा, एक साथ’ कार्यक्रम को सफल बनाया। ऐसा करके हमारे देशवासियों ने राष्ट्रपिता को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वच्छता के महत्व पर गांधीजी के विचार और कार्य हमारी विरासत के गौरवशाली अध्याय हैं। सत्य और अहिंसा के साथ, गांधीजी के स्वच्छता के आदर्श को अपने आचरण में ढालकर हम सब गांधीजी के सपनों के भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं।
हमारे सफाई मित्र हमारे स्वच्छता अभियान के कर्णधार रहे हैं। मैं सभी देशवासियों की ओर से सफाई मित्रों को हार्दिक धन्यवाद देती हूं। मुझे यह जानकर संतोष हुआ है कि सफाई मित्रों की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। Mechanized cleaning के जरिए man-hole को समाप्त करके machine-hole के माध्यम से sanitation का लक्ष्य हासिल करके ही हम एक संवेदनशील समाज के रूप में अपनी सही पहचान बना सकेंगे।
यह अत्यंत सराहनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में Circularity in Waste Management पर ज़ोर दिया जा रहा है। अधिक से अधिक वस्तुओं को re-cycle और re-use करने की circular economy की पद्धतियां sustainable development के लिए सहायक सिद्ध हो रही हैं। Waste management के क्षेत्र में भी ऐसी प्रणाली अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आप सब ने वर्ष 2024 के स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए ‘Reduce, Re-use and Re-cycle’ का विषय निर्धारित किया है। यहां उल्लेखनीय है कि G20 की भारत की अध्यक्षता की सराहना करते हुए सभी सदस्य देशों ने Resource Efficiency and Circular Economy Industry Coalition की स्थापना के लिए भारत के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही, सभी सदस्य देशों ने पर्यावरण अनुकूल Waste Management और वर्ष 2030 तक Waste Generation में भारी कमी लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। Zero Waste Initiatives के महत्व को सभी सदस्य देशों ने प्राथमिकता प्रदान की।
देवियो और सज्जनो,
Value from Waste की धारणा पर गहराई से विचार करें तो जाहिर होता है कि हर चीज valuable है, कुछ भी waste नहीं है। Green waste से bio-gas बनाने और Refuse Derived Fuel से बिजली पैदा करने के पीछे यही समग्र और प्रगतिशील सोच काम करती है। Waste management के क्षेत्र में आप सब के आधुनिक विचारों और कार्यों की मैं सराहना करती हूं।
हमारे लगभग एक-तिहाई देशवासी शहरों में रहते हैं। शहरों की स्वच्छता उनके स्वास्थ्य तथा विकास के लिए अनिवार्य है। मुझे बताया गया है कि बहुत बड़ी मात्रा में शहरी जमीन कूड़े के पहाड़ों से दबी हुई है। कूड़े के ऐसे पहाड़ बहुत बड़ी शहरी जनसंख्या के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद हानिकारक हैं। लेकिन, प्रसन्नता की बात यह है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत ऐसे dump-sites समाप्त किए जा रहे हैं। आज पुरस्कार प्राप्त करने वाले शहरों में ऐसे dump-sites की समस्या का समाधान कर लिया गया है। मैं आशा करती हूं कि देश के सभी शहरी क्षेत्रों में प्रभावी कार्य किए जाएंगे और Zero Dump-site का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए तथा इसकी उपलब्धियों को निरंतर बनाए रखने के लिए जन-जन की भागीदारी तो अनिवार्य है ही, सभी हितधारक वर्गों का सक्रिय सहयोग भी जरूरी है। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई है कि Ministry of Urban Development द्वारा multi-stakeholder approach को अपनाया गया है और सभी संस्थानों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि यहां उपस्थित हैं।
आज हमारे बीच पद्मश्री से सम्मानित असाधारण बालुका-शिल्पी श्री सुदर्शन पटनायक जी सहित अनेक स्वच्छता ambassadors विद्यमान हैं। यहां उपस्थित प्रत्येक प्रतिभागी से मेरा आग्रह है कि आप सब स्वच्छता के दूत की तरह अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता का प्रसार करें और सब को स्वच्छता कार्यों के लिए प्रेरित करें। मुझे पूरा विश्वास है कि आज के पुरस्कार विजेताओं से प्रेरणा लेकर सभी लोग और संस्थान स्वच्छता की दिशा में अपने प्रयासों को और अधिक सुदृढ़ करेंगे।
हमारे युवा हमारे सबसे महत्वपूर्ण stakeholders हैं। यदि हमारी युवा पीढ़ी ठान ले कि सभी शहरों को और पूरे देश को स्वच्छ रखना है तो निश्चय ही वर्ष 2047 का भारत विश्व के सर्वाधिक स्वच्छ देशों में शामिल होकर अपनी स्वाधीनता की शताब्दी मनाएगा। मैं देश के सभी युवाओं से आग्रह करती हूं कि वे भारत को विश्व का सबसे साफ-सुथरा देश बनाने के बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ें और स्वर्णिम भारत का निर्माण करें। मैं सभी देशवासियों के उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना करती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!