भारत की राष्‍ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय बाल पुरस्‍कार प्रदान करने के अवसर पर संबोधन

नई दिल्ली : 22.01.2024

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आज मुझे आप सभी के बीच उपस्थित होकर हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। खासकर यहां आए हुए बच्चों को देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। यह पुरस्कार समारोह young achievers की अद्भुत क्षमता और प्रतिभा को प्रोत्साहित करने का अवसर है। यह बच्चों की उपलब्धियों का उत्सव मनाने का अवसर भी है। मैं सभी पुरस्कार विजेता बच्चों को बहुत-बहुत बधाई देती हूँ।

मुझे बताया गया है कि इस वर्ष के राष्‍ट्रीय बाल पुरस्‍कार विजेता 18 राज्यों से आते हैं। आज के पुरस्कार विजेताओं में सबसे कम उम्र के पुरस्कार विजेता मास्टर अरमान उभरानी हैं। उन्हें Wonder Boy of Chhattisgarh और Google Math Boy कहा जाता है। अनुष्का भी हैं जो चार साल की कम उम्र से ही कहानियां सुनाने में कुशल हैं। यह छोटी सी प्रतिभाशाली बच्ची अपनी कथाओं से हमारे जीवन-मूल्यों को लोगों तक पहुंचा रही हैं। जम्मू-कश्मीर के इशफाक़ हामिद रबाब बजाने जैसी दुर्लभ हो रही कला को बढ़ावा दे रहे हैं। यह बहुत ही प्रसन्नता की बात है कि आज पुरस्कृत सभी बालक-बालिकाएं अपने-अपने क्षेत्र में बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं। मैं आप सभी बच्चों की सराहना करती हूँ।

मुझे खुशी है कि इस वर्ष के पुरस्कारों में जहां bravery, art & culture, social service और sports जैसी श्रेणियाँ हैं, वहीं science & technology और innovation को भी स्थान दिया गया है। पुरस्कारों की categories को समय की मांग के अनुसार update करने के लिए मैं महिला और बाल विकास मंत्री, स्‍मृति ईरानी जी और उनकी पूरी टीम की सराहना करती हूं।

देवियो और सज्जनो,

हमारे बालक-बालिकाएं बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उनमें अपनी लगन और मेहनत के बल पर अपनी पहचान बनाने की असीम क्षमता है। उन्हें सही दिशा दिखाना हमारा कर्तव्य है ताकि वे अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का उचित उपयोग कर सकें। जब उनका ध्यान अच्छे कार्यों में लगेगा तब वे अपने जीवन को सही दिशा दे पाएंगे। वे भविष्य के राष्ट्र-निर्माता भी बनेंगे। स्वामी विवेकानंद ने कहा था “There is no limit to the power of the human mind. The more concentrated it is, the more power is brought to bear on one point.”

आज भारत के पास युवाओं की बड़ी संख्या के रूप में एक अमूल्य संसाधन है। यह संसाधन केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हमें अपने युवाओं को technology के उपयोग में सक्षम बनाना है। उन्हें innovation और entrepreneurship के लिए प्रोत्साहित करना होगा। तभी वे इस तेजी से बदलते युग में अपना समुचित स्थान बना पाएंगे। सरकार द्वारा बच्चों और युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। लेकिन समाज के सभी सदस्यों का कर्तव्य है कि वे बच्चों को सही राह दिखाएँ।

प्‍यारे बच्‍चो,

आज हमारा देश तेज गति से आगे बढ़ रहा है। भारत, निकट भविष्य में ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। हमारी सरकार new-age skills, futuristic technology और AI को प्राथमिकता दे रही है ताकि हमारे युवा भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रह सकें।

आजकल के बच्चे tech-savvy होते हैं। यह बहुत ही अच्छी बात है कि आप technology का उपयोग अपनी शिक्षा और अपने विकास के लिए कर सकते हैं। लेकिन अक्सर technology का दुरुपयोग भी होता है। Deep fake, financial fraud, बच्चों का शोषण जैसे अनेक अपराध technology के माध्यम से हो रहे हैं। Social media जहां एक ओर अपनी बात रखने, किसी मुद्दे पर लोगों में जागरूकता फैलाने का सशक्त माध्यम है, वहीं दूसरी ओर अफवाह फैलाने में भी इसका दुरुपयोग हो रहा है। इसलिए आपको सचेत रहना है और गलत कामों से दूर रहना है। क्योंकि एक गलत कदम, आपके भविष्य को खतरे में डाल सकता है।

Mobile, laptop और television जैसे साधनों में बहुत अधिक समय लगाने से आज की पीढ़ी की physical activities कम हो रही है। इससे कई ऐसी बीमारियां जो बच्चों और युवाओं में बहुत कम होती थीं, आज बढ़ रही हैं। इसलिए मैं युवाओं से यह अपील किया करती हूं - आप कम से कम एक खेल जरूर सीखें, और उसमें भाग लें। आप खेल को करियर के रूप में भले ही न अपनाएं, लेकिन खेल-कूद आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हैं। इससे आप में टीम भावना विकसित होती है। आप स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार होते हैं।

पर्यावरण प्रदूषण और global warming के बढ़ते प्रभाव ने पूरे विश्व को चिंतित कर रखा है। भारत green hydrogen, solar energy, bio-fuels जैसे वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों को बढ़ावा दे कर clean और green विश्व के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। सरकार LiFE को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन इन प्रयासों में सबका साथ आवश्यक है। मेरा मानना है कि बचपन की अच्छी आदतें जीवन भर साथ रहती हैं। इसलिए आप सब को मेरी सलाह है कि आप अभी से ही ऐसी जीवन-शैली अपनाएं जो पर्यावरण अनुकूल हों जिससे धरती माता पर कम से कम दबाव रहे। प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग और संरक्षण आपके भविष्य को बेहतर बनाएगा।

देवियो और सज्जनो,

बच्चे और युवा हमारे देश के स्वर्णिम भविष्य के कर्णधार हैं। उन्हें आधुनिक शिक्षा देने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और जीवन-मूल्यों से अवगत कराना हमारा कर्तव्य है। आप सब जानते हैं कि आज प्रभु श्री राम की मूर्ति की अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा की गई है। यह एक ऐतिहासिक दिन है। धीरज रखना, बड़ों का सम्मान करना, छोटों को प्यार देना, सबको साथ लेकर चलना, संकट के समय साहस से काम लेना, मर्यादा का हमेशा ध्यान रखना और सबकी भलाई के लिए काम करना, यह सब भगवान राम के आदर्श हैं। इस अवसर पर हमें भगवान राम के ऐसे आदर्शों और रामायण में वर्णित जीवन-मूल्यों को अपने जीवन में ढालने का संकल्प लेना चाहिए।

प्यारे बच्चो,

वर्ष 2047 में, जब देशवासी आज़ादी की शताब्‍दी का उत्‍सव मनाएंगे तब आप महत्वपूर्ण जिम्‍मेदारियां निभा रहे होंगे। वर्ष 2047 का भारत न केवल आर्थिक रूप से विकसित हो बल्कि अपने आदर्शों से भी दुनिया को राह दिखाए, यह आप सब का प्रयास होना चाहिए। आपके कार्यों से भारत की तरक्की में तेजी आए, मैं यही मंगल कामना करती हूं। मैं आप सब बच्चों को आशीर्वाद देती हूं।

धन्‍यवाद, 
जय हिन्‍द! 
जय भारत!

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