भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Institute of Liver & Biliary Sciences (ILBS) के दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

नई दिल्ली : 27.12.2023

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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Institute of Liver & Biliary Sciences (ILBS) के दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी students को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। इस अवसर पर ILBS की पूरी टीम को भी मैं साधुवाद देती हूं। सभी students के परिवार-जनों को मैं विशेष बधाई देती हूं।

ILBS ने केवल 13 वर्षों की अवधि में ही अपनी विशेष पहचान बनाई है। इस ख्याति के पीछे आपके संस्थान की विश्व-स्तरीय दक्षता और निष्ठा की भूमिका रही है। निरंतर उच्च-स्तरीय चिकित्सा सुविधा प्रदान करने और विशेषज्ञता को समृद्ध करने के लिए मैं आप सब की सराहना करती हूं।

मैं यह जानकर अत्यंत प्रभावित हुई हूं कि ILBS में 1000 से अधिक liver transplants और लगभग 300 renal transplants किए जा चुके हैं। आपकी सफलता के आंकड़े बहुत प्रभावशाली हैं। ऐसी उपलब्धियों के लिए मैं ILBS से जुड़े वर्तमान और पूर्ववर्ती सभी चिकित्सा-कर्मियों और डॉक्टरों को बधाई देती हूं। अपेक्षाकृत कम खर्च पर विश्व-स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करके ILBS जैसे संस्थानों के बल पर भारत एक international healthcare hub के रूप में प्रतिष्ठित हो रहा है।

Dear students,

आज आप सब ने medical education में एक ऊंचा मुकाम हासिल किया है। यहां तक पहुंचने के लिए आप सब ने कई वर्षों तक कड़ा परिश्रम किया है, कठिन परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए हैं तथा निष्ठापूर्वक मरीजों की सेवा की है। मुझे यह जानकर विशेष प्रसन्नता हुई है कि आज उपाधि प्राप्त करने वाले 65 students में 37 बेटियां हैं। यह इस तथ्य का उदाहरण है कि यदि बेटियों को समुचित अवसर मिले तो वे लड़कों से आगे निकल जाती हैं।

आज आप सबने super-specialist का दर्जा प्राप्त कर लिया है। आप सब medical-fraternity के अत्यंत महत्वपूर्ण सदस्य बन गए हैं। आम बोल-चाल की भाषा में कहें तो आज उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी students, अब बड़े डॉक्टर बन गए हैं। बड़े डॉक्टरों को सम्मान तो अधिक मिलता है लेकिन उनकी ज़िम्मेदारी भी बढ़ जाती है। मुझे विश्वास है कि आप सब super-specialists के रूप में पूरी विनम्रता, सेवा-भावना और संवेदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाएंगे।

Life sciences और आधुनिकतम information technology के जुड़ने से healthcare के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहे हैं। आपके संस्थान में Artificial Intelligence Learning Unit की स्थापना एक समयानुकूल पहल है। मैं चाहूंगी कि चिकित्सा के साथ-साथ अनुसंधान के क्षेत्र में भी ILBS में विश्व- स्तरीय कार्य होता रहे।

देवियो और सज्जनो,

हमारी परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों में वात, पित्त और कफ के संतुलन को स्वास्थ्य का आधार माना गया है। Bile के असंतुलन को पित्त का कुपित होना कहा जाता है। जठराग्नि के घटने-बढ़ने का भी Bile से सीधा संबंध है। संतुलित जीवन-शैली को अपनाने से शरीर का आंतरिक संतुलन बना रहता है और स्वास्थ्य ठीक रहता है।

श्रीमद्-भगवद्-गीता में जीवन-शैली के संतुलन को दुख-नाशक योग-साधना का दर्जा दिया गया है:

युक्ताहारविहारस्य, युक्तचेष्टस्य कर्मसु। 
युक्त स्वप्नावबोधस्य, योगो भवति दु:खहा।

अर्थात

समुचित आहार-विहार करने वाले, समुचित रूप से कर्मशील रहने वाले तथा समुचित समय पर सोने और जागने वाले व्यक्ति के लिए योग दुख-नाशक होता है।

भारतीय परंपरा में, सबके कल्याण के लिए प्रार्थना की जाती है ‘सर्वे संतु निरामयाः’ अर्थात सभी रोगमुक्त रहें। सबके रोगमुक्त होने के लक्ष्य को पाने के लिए ‘preventive healthcare’ पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। Prevention के लिए, डॉक्टरों द्वारा सभी stakeholders को जागरूक बनाना होगा। Liver की बीमारियों के Prevention में ILBS की टीम से महत्वपूर्ण योगदान की अपेक्षा की जाती है।

यह कहा जा सकता है कि Liver हमारे शरीर का security guard है। यदि liver स्वस्थ और पूर्णतया सक्रिय रहता है तो वह diabetes, heart diseases तथा अनेक life-style diseases को शरीर में प्रवेश नहीं करने देता है। हमारे देश में liver से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं गंभीर हैं तथा उनके कारण होने वाले रोगों की भारी संख्या चिंताजनक है।

पर्याप्त संख्या में organs के उपलब्ध न होने के कारण बहुत से मरीज liver या kidney transplant अथवा किसी अन्य transplant से वंचित रह जाते हैं। बहुत से मरीज बड़ी कठिनाई और विलंब के बाद transplant करवा पाते हैं। दुर्भाग्य से organ donation से जुड़े अनैतिक कृत्य भी समय-समय पर उजागर होते रहते हैं। इन समस्याओं का समाधान करना एक जागरूक समाज की ज़िम्मेदारी है। हमारे देश में organ donation यानी देह-दान के बारे में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए बड़े से बड़े पैमाने पर अधिक से अधिक जागरूकता अभियानों को आयोजित करने की आवश्यकता है।

Dear doctors and nurses,

पश्चिम के देशों की परंपरा में एक कहावत सदियों से प्रचलन में रही है जिसका लोकप्रिय अंग्रेजी रूपांतर है:

Physician, heal thyself.

इस कहावत के बहुत से अर्थ निकाले गए हैं। लेकिन, इसका जो अर्थ स्पष्ट दिखाई देता है वह Oxygen Mask Principle से मिलता जुलता है। हवाई यात्राओं में Oxygen Mask के प्रयोग के बारे में बताया जाता है कि यात्री-गण पहले स्वयं Oxygen Mask पहनें फिर दूसरे की सहायता करें। इसका अभिप्राय यह है कि अपनी देखभाल करके ही आप दूसरों की देखभाल करने में सक्षम बने रहेंगे। आप सबके duty hours काफी लंबे हो जाते हैं। Emergency cases आते रहते हैं। Night shifts होती रहती हैं। इन सब चुनौतियों के बीच आप सब को निरंतर पूरी सतर्कता और उत्साह के साथ मरीजों की सेवा करनी होती है। इसलिए यह जरूरी है कि सभी चुनौतियों के बावजूद आप सब शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ और सजग बने रहें।

प्यारे विद्यार्थियो,

हर क्षेत्र में सक्रिय लोग अपने क्षेत्र के icons तथा role-models के आदर्शों को अपने सामने रखते हैं। भारत में medical-care के क्षेत्र में ‘भारत-रत्न’ से अलंकृत डॉक्टर बी. सी. रॉय ने उच्चतम आदर्श प्रस्तुत किए थे। वे एक बहुत सफल डॉक्टर होने के साथ-साथ हमारे स्वाधीनता संग्राम में भी सक्रिय थे। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के कर्तव्यों का पूर्णत: पालन करते हुए वे मरीजों की नि:शुल्क सेवा भी करते रहे। उनके नाम पर दिये जाने वाले ‘डॉक्टर बी. सी. रॉय अवार्ड’ को हमारे देश में डाक्टरों के लिए अत्यंत प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है।

मुझे विश्वास है कि ऐसे उच्च आदर्शों को ध्यान में रखकर आप सब विशेषज्ञता और मानव सेवा के नए प्रतिमान स्थापित करेंगे। मैं आप सब के स्वर्णिम भविष्य की मंगलकामना करती हूं।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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