भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नागपुर के प्लेटिनम जुबली समारोह में सम्बोधन

नागपुर : 01.12.2023

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इस महत्वपूर्ण अवसर पर आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। यह प्रतिष्ठित संस्थान पिछले 75 वर्षों से healthcare, education और research में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहा है। इसके लिए मैं सभी पूर्व और वर्तमान शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों की सराहना करती हूँ। इस अवसर पर, मैं इस कॉलेज की स्थापना में योगदान देने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल ए. एन. बोस, डॉक्टर जीवराज मेहता, कर्नल के. वी. कुकड़े जैसी विभूतियों का भी सादर स्मरण करती हूँ। 

GMC नागपुर वर्ष 1947 से ही ऐसे health professionals तैयार करता रहा है जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुझे खुशी है कि इस कॉलेज के पूर्व विद्यार्थियों ने समाज के अनेक क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी है। उनके कार्यों के लिए उन्हें पद्म पुरस्कारों और Dr. BC Roy Award से भी सम्मानित किया गया है। डॉक्टर प्रकाश आमटे को समाज सेवा के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं। 

नागपुर महाराष्ट्र का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र है। इस प्रसिद्धि में GMC नागपुर का भी महत्वपूर्ण योगदान है। आज इस संस्थान में न केवल 20 से ज्यादा subjects में post-graduation की पढ़ाई हो रही है और 6 विषयों में super-specialty programs चल रहे हैं, बल्कि super-specialty hospital और trauma care centre द्वारा जरूरतमंदों को चिकित्सा सेवा भी प्रदान की जा रही है। यहाँ पर महाराष्ट्र के साथ-साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे पड़ोसी राज्यों के लोग भी चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाने आते हैं। 

देवियो और सज्जनो,  

चिकित्सा सस्ती और सुलभ हो यह किसी भी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। Covid की अभूतपूर्व महामारी ने हमें एक मजबूत Healthcare System के महत्व को गहराई से अनुभव कराया। Doctors, nurses और अन्य medical professionals की निरंतर मेहनत का ही परिणाम था कि भारत अपनी इतनी बड़ी जनसंख्या का vaccination शीघ्रता से कर पाया। 

Doctors की संख्या में कमी universal health coverage प्रदान करने में एक प्रमुख बाधा है। हाल के वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। साथ ही MBBS और post-graduate की सीटों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मुझे विश्वास है कि ये निर्णय भविष्य में सबको उचित चिकित्सा उपलब्ध कराने में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगे। चिकित्सा सुविधाओं में असमानता भी एक समस्या है। इसको दूर करने के लिए केंद्र सरकार जिला अस्पतालों से सम्बद्ध मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सहायता प्रदान कर रही है। यह योजना चिकित्सा शिक्षा के अवसरों में क्षेत्रीय असंतुलन और शहरी-ग्रामीण विभाजन को कम करने में सहायक होगी। स्वास्थ्य सेवा की आधारभूत संरचना के विकास के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि स्वास्थ्य सेवा लोगों की पहुँच में हो। गरीब लोग धन के अभाव में चिकित्सा सेवा उपलब्ध होने के बावजूद उसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। इसलिए भारत सरकार द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू की गई। 

मैं health records के digitization की सरकार की पहल की सराहना करती हूँ। Health से जुड़े व्यक्तिगत रिकार्ड मरीजों के लिए लाभकारी होते सिद्ध होते हैं। Doctors भी इन records के जरिये सही diagnosis कर पाते हैं। Ayushman Bharat Health Accounts के जरिये किसी व्यक्ति का health record आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। यह एक ऐसी पहल है जिसमें technology के द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को जनता के लिए सुगम और बेहतर बनाया जा सकता है। 

हमारे देश में organ donors की कमी है। यह कमी न केवल जरूरतमंदों को लंबी प्रतीक्षा के लिए मजबूर करती है, बल्कि अंगों के अवैध कारोबार को भी बढ़ावा देती है। इस कमी का प्रमुख कारण है, लोगों में जागरूकता का अभाव। लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करके इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। इसलिए मेरी medical fraternity के सभी लोगों से अपील है कि जनता को इस बारे में जागरूक करने का प्रयास करें।   

Mental health भी एक बड़ी समस्या है जिसका सहानुभूतिपूर्ण निदान आवश्यक है। मुझे खुशी है कि GMC नागपुर न केवल मरीजों का इलाज कर रहा है बल्कि mental health के क्षेत्र में research भी कर रहा है। Post-Covid psychological helpline भी एक सराहनीय कदम है।

देवियो और सज्जनो,   

अस्वस्थ और कमजोर लोगों की देखभाल करना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। चरक, सुश्रुत और धन्वंतरि जैसे चिकित्सकों को हमारी परंपरा में उच्च स्थान प्राप्त है। डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है, क्योंकि वे लोगों को नया जीवन देते हैं। Doctors हमारे देश के assets हैं। उनके ऊपर देशवासियों को स्वस्थ रखने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। आपके संस्थान का ध्येय वाक्य है ‘ज्ञान, धैर्य, सेवा’। आपको मन लगाकर ज्ञान अर्जित करना है और लोगों की धैर्य के साथ सेवा करनी है।  

चिकित्सा में बढ़ते हुए तकनीकी प्रयोगों से स्वास्थ्य-व्यवस्था में मौलिक परिवर्तन आने की संभावना है। Artificial Intelligence और अन्य अत्याधुनिक technologies से healthcare को नई दिशाएँ प्राप्त होंगी। ऐसे में आवश्यक है कि GMC नागपुर अपने विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार रखे। Technology के जरिये उत्तम सुविधा जन-जन तक पहुंचे, यह आपका प्रयास होना चाहिए। मेरे विचार में GMC नागपुर को इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए तथा अन्य मेडिकल संस्थानों के लिए role-model बनना चाहिए। 

आपके संस्थान की यात्रा स्वाधीन भारत की यात्रा के साथ-साथ आगे बढ़ रही है। जब भारत की स्वतन्त्रता के 100 वर्ष पूरे होंगे तब GMC नागपुर भी अपने स्थापना की शताब्दी मनाएगा। भारत को 2047 से पहले एक पूर्ण विकसित और शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। आपने भी अपनी संस्था के भविष्य की रूप-रेखा बनाई होगी। आपको तय करना है कि भारत की इस विकास यात्रा में आप कैसे योगदान करेंगे। मेरे विचार में आपको medical research और healthcare में देश को अग्रणी बनाने के लक्ष्य को लेकर चलना चाहिए। आपको ऐसे affordable healthcare के लिए प्रयास करने चाहिए जिससे पूरे विश्व के लोग यहाँ चिकित्सा के लिए आना चाहें। साथ ही, आपको ऐसे प्रयास भी करने चाहिए जिससे भारत की एक medical innovation hub के रूप में पहचान स्थापित हो। 

अंत में, मैं एक बार फिर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। मैं कामना करती हूं कि GMC नागपुर आने वाले समय में न केवल भारत के बल्कि विश्व के शीर्ष Medical Colleges में अपना स्थान सुनिश्चित करे।  

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत! 
 

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