भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गृह मंत्रालय के जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति भवन में आए युवाओं को सम्बोधन

राष्ट्रपति भवन : 05.11.2023

डाउनलोड : भाषण भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गृह मंत्रालय के जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति भवन में आए युवाओं को सम्बोधन (हिन्दी, 121.63 किलोबाइट)

छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, बस्तर, दांतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर और राजनंदगांव तथा मध्य प्रदेश के बालाघाट से आए मेरे प्यारे युवा साथियों, आप सबका राष्ट्रपति भवन में हार्दिक स्वागत है। आज आपसे मिलकर मुझे अपने गाँव की याद आ गयी। यहां उपस्थित बेटियों में मैं आपने आप को देख पा रही हूं। आपके चेहरे की चमक देख कर मुझे लग रहा है कि आप लोग बहुत कुछ देखने और सीखने के लिए उत्सुक हैं।

मुझे बताया गया है कि दिल्ली प्रवास के दौरान आप लोगों का IIIT, Delhi के Incubation Centre और Innovation Lab तथा मानेसर में Honda की Factory जाने का कार्यक्रम है। आप लोग दिल्ली भ्रमण के साथ-साथ education, skill development, carrier counselling, entrepreneurship के बारे में मार्गदर्शन भी प्राप्त करेंगे। मुझे विश्वास है कि इस दौरान आप न केवल सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों से अवगत होंगे, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में सफल रहे व्यक्तियों से प्रेरणा भी लेंगे। यह यात्रा आपको सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवसर भी प्रदान करेगी।

प्यारे युवा साथियों,

मैं आपसे अपील करना चाहूंगी कि आप बड़े-बड़े सपने देखें और उसे पूरा करने के लिए जुट जाएँ। देश के संविधान और लोकतन्त्र में पूरी आस्था रखें। हमारी लोकतान्त्रिक व्यवस्था सबके लिए समान अवसर प्रदान करती है। बस आपको मेहनत व लगन से अपना रास्ता बनाना है। मेरा बचपन और युवावस्था भी आप लोगों की तरह ही गाँव में बीता है। यह लोकतन्त्र की ताकत ही है कि सामान्य परिवेश से आने वाली ओडिशा की यह बेटी, आपको भारत की राष्ट्रपति के रूप में संबोधित कर रही है।

हमारे देश में लोकतन्त्र की जड़े गहरी और मजबूत हैं। इस व्यवस्था में हर समस्या के समाधान की ताकत है। आपका और देश का भविष्य इसी व्यवस्था में उज्ज्वल है। आपको इस राह से भटकना नहीं है। हिंसा के माध्यम से विकास कदापि नहीं किया जा सकता है।

हमारा देश प्रगति की राह पर तेजी से बढ़ रहा है। आज भारत विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और निकट भविष्य में ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में सबका योगदान अहम है। आप अगर लगन, मेहनत, सच्चाई के साथ कार्य करेंगे तो न सिर्फ आपका, बल्कि पूरे देश का भविष्य उज्ज्वल होगा।

सरकार देश और सभी देशवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयत्नशील है। सभी को, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान करना सरकार की प्रतिबद्धता है। दुर्गम और सुदूर क्षेत्रों में भी सड़क, संचार, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध करा कर समाज के प्रत्येक वर्ग और व्यक्ति को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं। सड़कों और mobile टावरों सहित बुनियादी ढांचे में निवेश द्वारा दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों और शहरों के बीच के अंतर को पाटने का प्रयास किया जा रहा है। आपको अपने घर के पास ही अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए कई आवासीय स्कूल खोले गए हैं। युवाओं के व्यावसायिक कौशल को बढ़ाने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए अनेक ITI और Skill Development Centres बनाए गए हैं।

प्यारे युवा साथियों,

आप सब जानते हैं कि शिक्षा व्यक्तिगत और सामुदायिक विकास की आधारशिला है। मैं जब भी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों की यात्रा पर जाती हूं और वहां के स्थानीय जनजाति भाई-बहनों से मिलती हूं तब उनको शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करने का प्रयत्न करती हूं। मैं आपसे भी अपील करूंगी कि आप न केवल शिक्षा का महत्व समझें बल्कि अपने पास-पड़ोस के लोगों को भी इसका महत्व बताएं।

भारत का इतिहास स्वर्णिम था और भविष्य उज्ज्वल है। हमें अपने गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेते हुए स्वर्णिम भारत का निर्माण करना है। 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाएगा। यह अवसर अपने पूर्वजों पर गर्व करने तथा उनके मूल्यों और आदर्शों को आत्मसात करते हुए भारत को मजबूत करने का अवसर है।

मैं गृह मंत्रालय की इस जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम के आयोजन के लिए सराहना करती हूं। मुझे विश्वास है कि इस कार्यक्रम द्वारा अधिक से अधिक ग्रामीण युवा भारत की समृद्ध संस्कृति से अवगत होंगे तथा लोकतान्त्रिक व्यवस्था में उनकी आस्था और गहरी होगी।

अंत में, मैं आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए अपनी वाणी को विराम देती हूं। मेरा आशीर्वाद सदैव आपके साथ है।

धन्यवाद, 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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