भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गोवा विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

राजभवन, गोवा : 23.08.2023

डाउनलोड : भाषण भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गोवा विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन(हिन्दी, 125.85 किलोबाइट)

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गोवा विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

गोवा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आज आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। युवा पीढ़ी के बीच आकर मुझे सदैव प्रसन्नता होती है।

मैं इस अवसर पर उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों और स्वर्ण पदक एवं पुरस्कार विजेताओं को बधाई देती हूं। मैं आपके माता-पिता, प्राध्यापकों और विश्वविद्यालय की टीम के सभी लोगों को भी बधाई देती हूं जिनका आपकी उपलब्धियों में महत्वपूर्ण योगदान है। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में लगभग 55 प्रतिशत लड़कियाँ हैं। मुझे यह जानकर और भी खुशी हुई कि आज जिन विद्यार्थियों ने स्वर्ण पदक प्राप्त किए, उनमें भी 60 प्रतिशत छात्राएं हैं। बेटियों को आत्मविश्वास और योग्यता के बल पर आगे बढ़ते हुए देख कर मुझे बहुत प्रसन्नता होती है।

प्रिय विद्यार्थियो,

दीक्षांत समारोह का दिन हर विद्यार्थी के जीवन का एक यादगार दिन होता है। इस दिन की मधुर यादें सदा आपके साथ रहेंगी। आज के दिन आपकी मेहनत सफल हुई है और आप भविष्य की सीढ़ियाँ चढ़ने जा रहे हैं। आज, आप अनंत अवसरों का उपयोग करने के लिए तैयार हो रहे हैं।

आज आपने जो डिग्रियां और स्वर्ण पदक अर्जित किए हैं, वे आपको रोजगार हासिल करने या व्यवसाय शुरू करने में मदद करेंगे। लेकिन एक गुण जो mआपको बहुत आगे ले जा सकता है, वह है जीवन में कभी हार न मानने का हौसला। परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हों, व्यक्ति को कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। महान नेता, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने कहा था and I quote, “Do not judge me by my successes, judge me by how many times I fell down and got back up again.” (Unquote) एक सारगर्भित पंक्ति है: मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।

प्रिय विद्यार्थियो,

आज की दुनिया में technology तथा innovation की प्रमुख भूमिका है। मुझे बताया गया है कि इस विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर technology को अपनाया गया है और innovation को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि विश्वविद्यालय के Directorate of Internships, Incubation and Industry Partnership Council और Innovation Council, नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय हैं।

हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों में Artificial Intelligence और Data science जैसे क्षेत्रों में विश्व-स्तरीय योग्यता को विकसित करना अनिवार्य है। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि गोवा विश्वविद्यालय ने इन क्षेत्रों में अनेक कार्यक्रम शुरू किये हैं। मुझे बताया गया है कि गोवा सरकार के उच्च शिक्षा निदेशालय के सहयोग से चलाया जा रहा कार्यक्रम Digital Integrated System for Holistic Teaching and Virtual Orientations, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

देवियो और सज्जनो,

शिक्षा प्राप्त करना आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। अवसरों का उपयोग करने के साथ-साथ, चुनौतियों का सामना करने में भी समर्थ बने रहने के लिए, निरंतर शिक्षार्थी की तरह आगे बढ़ना सहायक सिद्ध होता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु हमारी शिक्षा प्रणाली में सुधार लाये जा रहे हैं। यह शिक्षा नीति, skill development, industry-connect और employability का सामंजस्य करके समग्र शिक्षा को बढ़ावा दे रही है।

मुझे बताया गया है कि interdisciplinary studies को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, हाल ही में, विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न विभागों को समन्वित करके Schools का गठन किया गया है। मुझे जानकारी मिली है कि इन Schools में Environmental Science, Computational Physics & Biophysics, Behavioural Studies जैसे interdisciplinary programmes शुरू किए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप, ऐसे interdisciplinary programmes शुरू करने के लिए मैं गोवा विश्वविद्यालय की टीम की सराहना करती हूं। गोवा विश्वविद्यालय में शिक्षा और अनुसंधान का एक उत्कृष्ट केंद्र बनने की भरपूर क्षमता है। मुझे विश्वास है कि यह विश्वविद्यालय innovation और research के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान बनेगा।

देवियो और सज्जनो,

मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि गोवा विश्वविद्यालय में doctorate स्तर तक छह भाषाओं में programmes चलाए जा रहे हैं। मुझे बताया गया है कि गोवा विश्वविद्यालय द्वारा कोंकणी भाषा में स्नातकोत्तर शिक्षा प्रदान की जा रही है। गोवा विश्वविद्यालय के Visiting Chair Research Professorship Programme से देश-विदेश के अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात scholars, practitioners और artistes को इस विश्वविद्यालय में आने का अवसर प्राप्त हो रहा है। वे अपना ज्ञान और अनुभव न केवल विद्यार्थियों के साथ बल्कि समाज के अन्य जिज्ञासु लोगों के साथ भी साझा कर रहे हैं। मुझे बताया गया है कि गोवा में हजारों लोगों ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया है।

मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि गोवा विश्वविद्यालय द्वारा Swachh Bharat Student Internship की शुरुआत की गयी है। ‘उन्नत भारत अभियान’ के तहत विश्वविद्यालय ने पांच गांवों को गोद लिया है। Sustainability model को अपनाते हुए इन गांवों में mussels और mushroom की खेती की जा रही है। मुझे यह जानकर अच्छा लगा कि विश्वविद्यालय, यहाँ के विद्यार्थियों में सामाजिक समावेश और पर्यावरण संतुलन के बारे में संवेदनशीलता का संचार कर रहा है। ऐसे प्रयासों के लिए मैं विश्वविद्यालय की पूरी टीम को बधाई देती हूँ।

आज के युवा विद्यार्थी ही ‘संकल्प काल’ में विकसित भारत का निर्माण करेंगे। वे भारत को फिर से समृद्ध राष्ट्र बनाने के सपने को पूरा करेंगे। आज उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं एक बार फिर बधाई देती हूं तथा आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

समाचार पत्रिका के लिए सदस्यता लें

सदस्यता का प्रकार
वह न्यूज़लेटर चुनें जिसकी आप सदस्यता लेना चाहते हैं।
सब्सक्राइबर का ईमेल पता