भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 45 SQUADRON और 221 SQUADRON को STANDARD तथा 11 BASE REPAIR DEPOT और 509 SIGNAL UNIT को COLOURS प्रदान करने के अवसर पर सम्बोधन

हिंडन : 08.03.2024

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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 45 SQUADRON और 221 SQUADRON को STANDARD तथा 11 BASE REPAIR DEPOT और 509 SIGNAL UNIT को COLOURS प्रदान करने के अवसर पर सम्बोधन

भारतीय वायु सेना की चार units को एक साथ Standard और Colours प्रदान करने के इस ऐतिहासिक अवसर पर हिंडन एयर फोर्स स्टेशन आकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। मैं चारों units के सभी पूर्व और वर्तमान अधिकारियों और जवानों की देश-सेवा में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सराहना करती हूं।

देश की रक्षा में भारतीय वायु सेना का योगदान स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इस सेना के वीरों ने 1948, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में अद्भुत साहस, समर्पण और आत्म-बलिदान का परिचय दिया है। उन्होंने शांतिकाल के दौरान भी देश-विदेश में आपदा के समय राहत और बचाव कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारे वीर वायु सैनिकों द्वारा प्रदर्शित कर्तव्यनिष्ठा और दृढ़ता सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

यह बहुत ही खुशी का विषय है कि भारतीय वायु सेना न केवल देश के space की सुरक्षा कर रही है बल्कि भारत के space programme में भी अपना अहम योगदान दे रही है। वायु सेना के सभी अधिकारियों और जवानों के लिए यह बहुत ही गर्व की बात है कि जिन चार astronauts का ISRO के गगनयान मिशन के लिए चयन किया गया है, वे सभी वायु सेना के अधिकारी हैं।

देवियो और सज्जनो,

इस तेजी से बदलते युग में रक्षा संबंधी जरूरतें और प्राथमिकताएं भी तेजी से बदल रही हैं। अन्य क्षेत्रों की तरह रक्षा-क्षेत्र में भी technology की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है। आज केवल जल, थल और नभ की रक्षा ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि cyberspace और laboratories की सुरक्षा भी अत्यंत आवश्यक है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि विगत कुछ वर्षों से भारतीय वायु सेना आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपना रही है। समकालीन technological advancements के अनुरूप वायु सेना का तेज गति से विकास किया जा रहा है।

मुझे बताया गया है कि 1959 में गठित 45 Squadron - Flying Daggers ने 1965 एवं 1971 के युद्धों के दौरान अनेक operations को अंजाम देकर सम्मान अर्जित किया। Vampires विमानों से शुरू हुई इस Squadron की यात्रा Gnats एवं मिग-21 से होते हुए आज स्वदेशी तेजस विमान के माध्यम से आगे बढ़ रही है।

वर्ष 1963 में गठित 221 Squadron - Valiants ने भी 1965 और 1971 के युद्धों में असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया। इस Squadron ने बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष के दौरान आक्रामक युद्धशैली व कुशलता से अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित किया है। कारगिल युद्ध में, ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ के दौरान भी, भारतीय वायु सेना के कुल मिशनों में एक चौथाई से अधिक मिशन इस Squadron ने संचालित किए थे।

11 बेस रिपेयर डिपो भारतीय वायु सेना का एक अग्रणी रिपेयर डिपो है। मुझे बताया गया है कि भारतीय सशस्त्र संस्थानों का यह पहला डिपो है जिसे Centre for Military Airworthiness Certification द्वारा 'Approved Design and Life Extension Agency' का दर्जा प्रदान किया गया है। इस डिपो ने लड़ाकू विमानों के life-extension का अध्ययन करने और उनका कायाकल्प करने में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है। रख-रखाव में स्वदेशीकरण को अपना कर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के उद्देश्य की ओर भी कदम बढ़ाया है। 509 सिगनल यूनिट, उन वायु रक्षा-प्रणालियों का एक अत्यंत महत्वपूर्ण केन्द्र है जो सभी हवाई गतिविधियों की निगरानी करती है। यह यूनिट 'सतत् तत्पर' के अपने आदर्श वाक्य पर निष्ठापूर्वक अडिग रही है।

देवियो और सज्जनो,

आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मैं सभी बेटियों-बहनों, विशेषकर महिला वायु सैनिकों को हार्दिक बधाई देती हूँ। इस वर्ष के महिला दिवस का theme है ‘Invest in Women: Accelerate Progress’. यह बहुत ही प्रसन्नता की बात है कि भारतीय वायु सेना की सभी शाखाओं में महिलाओं को समान अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उन्हें वायु सेना में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में अधिक से अधिक बेटियाँ वायु सेना में भर्ती होंगी और देश की सेवा करेंगी। महिलाओं की संख्या बढ़ने से वायु सेना और भी अधिक समावेशी होगी।

मैं एक बार फिर, चारों units के सभी पूर्व व वर्तमान अधिकारियों और जवानों की राष्ट्र-सेवा के लिए सराहना करती हूँ। सभी देशवासियों को आप पर गर्व है। आपके और आपके परिवारजनों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए, मैं अपनी वाणी को विराम देती हूं।

धन्यवाद, 
जय हिंद! 
जय भारत!

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