भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में संबोधन

वेलिंगटन : 28.11.2024

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में संबोधन(हिन्दी, 78.52 किलोबाइट)

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA SMT DROUPADI MURMU AT DEFENCE SERVICES STAFF COLLEGE, WELLINGTON

देश के प्रमुख त्रि-सेवा संयुक्त प्रशिक्षण संस्थान में आप सभी के बीच आकर मुझे अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। मैं नीलगिरी की सुंदर पहाड़ियों पर स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज के इस शानदार परिसर से अत्यंत प्रभावित हूँ। चाय के हरे-भरे बागानों से घिरा और विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों तथा जीव-जंतुओं से समृद्ध यह परिसर वास्तव में बड़ा ही चित्ताकर्षक है।

प्रिय अधिकारीगण,

मैं आप सभी को इस कठिन प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से चयनित होने पर बधाई देती हूँ। मैं इस पाठ्यक्रम में शामिल 26 देशों के 38 अंतरराष्ट्रीय छात्र अधिकारियों का भी स्वागत करती हूँ।

युवा छात्र अधिकारियों द्वारा साझा किए गए अनुभवों को सुनकर मुझे अत्यधिक प्रसन्नता हुई। देश की सेवा के लिए उनका दृढ़ संकल्प और उत्साह प्रसंसनीय है। मुझे यह जानकर भी खुशी हुई कि आप के साथ इस पाठ्यक्रम में कुछ महिला अधिकारी भी शामिल हैं। मुझे आशा है कि निकट भविष्य में इस पाठ्यक्रम में महिला अधिकारियों की संख्या में बढ़ेगी।

महिलाएँ पहले से ही हमारे सशस्त्र बलों सहित हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। मैं दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात महिला अधिकारी से मिली थी, मुझे उनसे मिलकर बहुत खुशी हुई थी। महिला अधिकारी अब तीनों सेवाओं की विभिन्न इकाइयों की कमान संभाल रही हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारतीय नौसेना में पहली बार किसी महिला अधिकारी को फ्रंटलाइन युद्धपोत की कमांडिंग ऑफिसर के रूप में तैनात किया गया है। इस महीने के आरंभ में, गोवा में INS विक्रांत पर ‘डे एट सी’ के दौरान मैंने युवा और ऊर्जावान महिला अग्निवीरों और महिला नाविकों से मुलाकात की। सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती शक्ति और भूमिका सभी के लिए, विशेषकर युवा बेटियों के लिए उत्साहवर्धक और प्रेरणादायक है। मैं अधिक से अधिक महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होते देखने के लिए अत्यंत उत्सुक हूँ, जहाँ वे अपनी असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकती हैं; और उन क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती हैं जो कभी उनके लिए उपयुक्त नहीं माने जाते थे। हमें स्मरण रखना चाहिए कि यह कोई बहुत अतीत की बात नहीं है जब महिला योद्धाओं ने भारतीय इतिहास के गौरवशाली अध्याय रचे हैं।

प्रिय अधिकारीगण,

रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज ने भारत और मित्र देशों के सशस्त्र बलों के भावी सामर्थ्यवान नायकों तथा चयनित सिविल अधिकारियों को शिक्षित तथा प्रशिक्षित करने में महनीय योगदान दिया है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इस संस्थान ने डिजिटीकरण पर बल देते हुए पिछले कुछ वर्षों में मूलभूत अवसंरचना का निरंतर उन्नयन किया है। पिछले सात दशक में, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज ने मिडिल लेवल अधिकारियों को पेशेवर रूप से तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कॉलेज की एक अनूठी विशिष्टता है कि यहाँ एक से अधिक सेवाओं और एक से अधिक देशों के छात्र-अधिकारियों के संयुक्त समूह प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं और यहाँ का संकाय पेशेवर रूप से अत्यंत समृद्ध है।

यह कॉलेज, विश्व भर के इसी प्रकार के संस्थानों में प्रचलित सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप, अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाने में अग्रणी रहा है। मुझे बताया गया है कि इस कॉलेज के कई पूर्व छात्र देश के विभिन्न प्रतिष्ठानों और सशस्त्र बलों में शीर्ष पदों पर पदस्थ हैं।

भारतीय सशस्त्र बलों का सभी जन सम्मान करते हैं। ये बल हमारे देश की सीमाओं और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। हमारे राष्ट्रीय हितों की निरंतर रक्षा करने के लिए हम देशवासी अपने रक्षा बलों पर गर्व करते हैं। सदैव ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ देश की सेवा करने वाले हमारे रक्षा कार्मिक सर्वोच्च सराहना के पात्र हैं। मैं रक्षा कार्मिकों के परिवारों के योगदान की भी सराहना करती हूँ। ये परिवार अपार साहस का प्रदर्शन करते हुए अपने प्रियजनों को राष्ट्रीय कर्तव्य पर भेजते हैं और उनके प्रियजनों द्वारा देश के लिए किए जाने वाले कार्यों के प्रति गर्व की भावना रखते हैं।

प्रिय अधिकारीगण,

भारत निरंतर प्रगति कर रहा है और दुनिया रक्षा क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत द्वारा की गई प्रगति की सराहना कर रही है। सशस्त्र बलों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने हेतु तैयार करने के लिए भारत स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता पर जोर दे रहा है। हमारा देश प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है, और विश्वसनीय रक्षा भागीदार तथा बड़ा रक्षा निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है। भारत का रक्षा उद्योग तेजी से नवीनतम प्रौद्योगिकियों को अपना रहा है तथा आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप आगे बढ़ रहा है। एचएएल जैसी हमारी रक्षा कम्पनियाँ और डीआरडीओ जैसे संगठन नए मानक स्थापित कर रहे हैं। आज भारत 100 से अधिक देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात करता है। पिछले एक दशक में भारत के रक्षा निर्यात में 30 गुना वृद्धि हुई है। इस सब में मेक इन इंडिया कार्यक्रम की प्रमुख भूमिका रही है।

तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में हमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की आवश्यकता है। भू-राजनीतिक समीकरणों ने सुरक्षा परिदृश्य को बदलकर रख दिया है, और इसलिए राष्ट्रीय तथा वैश्विक मुद्दों की गहन समझ रखने की आवश्यकता है। हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखना है, बल्कि साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी राष्ट्रीय-सुरक्षा संबंधी नई चुनौतियों से निपटने के लिए भी तैयार रहना है। जलवायु परिवर्तन का मुद्दा नए-नए रूपों में हमारे सामने आ रहा है, हमें इस मुद्दे को समझने और इसका समुचित प्रबंधन करने की आवश्यकता है। इसके लिए गहन शोध पर आधारित अद्यतन ज्ञान और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाए जाने की आवश्यकता है। मुझे विश्वास है कि हमारे सशस्त्र बलों के अधिकारीगण भविष्य में आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना करेंगे। यह पाठ्यक्रम आपको उच्चतर जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम बनाएगा और आप ऐसे रणनीतिकार बनेंगे जो जटिल परिस्थितियों का प्रभावी ढंग से सामना कर सके।

आज यहाँ हमारे मित्र देशों के अधिकारीगण भी उपस्थित हैं। मैं उन्हें भारत की ओर से एक संदेश देना चाहती हूँ कि भारत ने सदैव 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के सिद्धांत का पालन किया है और पूरे विश्व को अपना मित्र और परिवार माना है। भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के आदर्श का पालन करता है। मैं पुनः सभी अंतरराष्ट्रीय छात्र- अधिकारियों को अपनी शुभकामनाएँ देती हूँ। अंत में, मैं कॉलेज के सभी अधिकारियों, संकाय सदस्यों और कर्मचारियों का अभिनंदन करती हूँ। मैं आपके उज्ज्वल भविष्य और उत्कृष्ट करियर की कामना करती हूँ!

धन्यवाद!
जय हिंद!
जय भारत!

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