भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा और भारतीय नौसेना आयुध सेवा के अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन।

राष्ट्रपति भवन : 07.03.2024

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा और भारतीय नौसेना आयुध सेवा के अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन।(हिन्दी, 126.61 किलोबाइट)

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मैं आप सब को ऐसा करियर चुनने के लिए बधाई देती हूं जिसमें आपको भारतीय नौसेना में सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। आपको भारतीय नौसेना को हर समय आयुध और अन्य भौतिक संसाधनों से लैस करके राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है। इसलिए, देश के समुद्री हितों को सुरक्षा प्रदान करने वालों के लिए रसद सहायता और आयुध आपूर्ति के प्रबंधक के रूप में चुने जाने पर गर्व होना चाहिए।

प्रिय अधिकारियों,

आप सब ने इस प्रतिष्ठित पद तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है। आपके अध्यवसाय, दृढ़ संकल्प और स्मार्ट अध्ययन से आपको अपना लक्ष्य हासिल करने में सहायता मिली है। आप सबके लिए यह आवश्यक है कि आप राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए नई उमंग और गहन निष्ठा से अपना कार्य करें।

आज यहाँ कुछ महिला अधिकारी भी हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि अब महिला अधिकारी इन सेवाओं को चुन रही हैं। महिलाएं अब उन क्षेत्रों को चुन रही हैं जिन्हें पहले महिलाएं नहीं चुनती थे और अपनी पहचान बना रही हैं। यह प्रसन्नता की बात है कि हमारे रक्षा बल भी अधिक महिलाओं को इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं और उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने के नए अवसर दे रहे हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि भारतीय नौसेना ने अपनी सभी शाखाओं में महिलाओं के लिए अधिकारी संवर्ग के आने का मार्ग खोल दिया है तथा महिला-पुरुष समानता के लिए अन्य पहल भी शुरू की गई हैं। मुझे विश्वास है कि आज यहां उपस्थित महिला अधिकारी अन्य महिलाओं को इन सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगी।

प्यारे अधिकारियों,

वर्तमान समय में दुनिया के देश अपने समुद्री हितों पर पहले से कहीं अधिक ध्यान दे रहे हैं और समुद्री सहयोग बढ़ा रहे हैं और संयुक्त रूप से अभ्यास भी कर रहे हैं। भारत के एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने के साथ, अति उन्नत तकनीक का उपयोग करके कुशल रसद प्रबंधन के माध्यम से भारतीय नौसेना को सहयोग देने की आवश्यकता है। ये दोनों सेवाएं भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के इस दौर में भारतीय नौसेना के सुचारू कामकाज के लिए महत्वपूर्ण हैं।

मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि दोनों सेवाओं ने समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र के उभरते इकोसिस्टम के लिए स्वयं को ढाल लिया है। मुझे बताया गया है कि नौसेना आयुध संगठन (एनएओ) ने समय के साथ एक रखरखाव और भंडारण संगठन से एक अभिनव और तकनीक-उन्मुख संगठन में परिवर्तित कर लिया है। मुझे यह भी बताया गया है कि एनएओ स्वदेशी शस्त्रों के संबंध में डीआरडीओ और अन्य अनुसंधान और विकास संगठनों को भी सहायता प्रदान करता है। मुझे विश्वास है कि इन उपायों से आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में बहुत मदद मिलेगी।

भारतीय नौसेना की संचालन तत्परता को सुविधाजनक बनाने के लिए समय-समय पर सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने में भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा के अधिकारियों की प्रमुख भूमिका है। आपको सेवा प्रणाली में सुधार लाने के लिए नवीनतम तकनीक का पूरा उपयोग करना होगा। आप सब युवा अधिकारियों को इन्वेंट्री प्रबंधन और सेवा व्यवस्था को अत्यधिक कुशल और निर्बाध बनाने के लिए नवीन दृष्टिकोण अपनाए रखना है।

प्यारे अधिकारियों,

यहां मैं, पर्यावरण के प्रति आप सब की जिम्मेदारी पर भी प्रकाश डालना चाहूंगी। विभिन्न परियोजनाएँ शुरू करते समय, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि परियोजनाओं में ऊर्जा का सदुपयोग हो और वे पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ हो। हमें अपनी भावी पीढ़ियों को एक स्वस्थ, सुरक्षित और खुशहाल वातावरण देना है। इंजीनियर होने के नाते, आप सब पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर पहल की परिकल्पना करके और उसे कार्यरूप देकर असल में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

अंत में, मैं आप सब के अच्छे करियर और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं।

धन्यवाद, 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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