भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय आयुध निर्माणी सेवा और भारतीय रक्षा लेखा सेवा के अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन।

राष्ट्रपति भवन : 17.11.2023

डाउनलोड : भाषण भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय आयुध निर्माणी सेवा और भारतीय रक्षा लेखा सेवा के अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन।(हिन्दी, 173.09 किलोबाइट)

मैं, आप सब को सिविल सेवा और इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने और प्रतिष्ठित सेवाओं में आने के लिए बधाई देती हूं। यहां आपकी उपस्थिति आपकी कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और दृढ़ता को दर्शाती है।

मैं, आपको देश के लक्ष्यों के संबंध में समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने वाले व्यापक प्रशिक्षण के बारे में जानकर प्रभावित हुई हूं। मुझे विश्वास है कि आप सब प्रतिबद्ध लोक सेवक के रूप में देश और देशवासियों के लाभ के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। मेरा मानना ​​है कि आप जैसे युवा प्रतिभाओं में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देने के लिए ऊर्जा, रचनात्मकता, क्षमता जोश और सोच है।

भारतीय आयुध निर्माणी सेवा के प्यारे अधिकारियों,

भारत एक समावेशी और विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है। आप सब जानते हैं कि आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने में स्वदेशी उद्योगों की बहुत बड़ी भूमिका होती है। 'आत्मनिर्भर भारत', 'मेक इन इंडिया', 'स्टार्ट-अप इंडिया' और 'राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन' जैसे अभियान ऐसे कुछ प्रमुख कार्यक्रम हैं जो इस उद्देश्य को पूरा करना करने के लिए बनाए गए हैं।

सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई नीतिगत पहल की हैं और रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सुधार किए हैं। रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया-2020 के तहत घरेलू स्रोतों से पूंजीगत वस्तुओं की खरीद को प्राथमिकता देना, औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रक्रिया का सरलीकरण, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उदारीकरण, मिशन डेफस्पेस का शुभारंभ और स्वदेशीकरण की सुविधा के लिए सृजन पोर्टल लॉन्च करना जैसी पहल और दो रक्षा औद्योगिक गलियारे स्थापित किए जाने का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। आप रक्षा प्रणालियों में स्वदेशीकरण के सूत्रधार रहेंगे और आपसे उम्मीद है की आप सब भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में कार्य करेंगे।

प्यारे आईओएफएस अधिकारी,

हम जानते हैं कि भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2013-14 में 686 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2022- 23 में लगभग रु. 16,000 करोड़ रुपये हो गया है। आज भारत 85 से अधिक देशों को रक्षा निर्यात कर रहा है और दुनिया को भारत के रक्षा उद्योग के डिजाइन और विकास की क्षमता का पता चला है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आज लगभग 100 कंपनियां रक्षा उत्पादों का निर्यात करती हैं। भारत अब विभिन्न प्रकार के रक्षा उत्पादों का निर्यात करता है, जिसमें डोर्नियर-228, ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, रडार, सिमुलेटर आदि जैसे विमान शामिल हैं। भारत के स्वदेशी उत्पादों जैसे एलसीए-तेजस, एयरक्राफ्ट कैरियर और एमआरओ गतिविधियाँ की वैश्विक मांग बढ़ रही है। प्यारे युवा अधिकारियों, यह जरूरी है कि आप अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए विकास कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लें और भारत को रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएं।

भारतीय रक्षा लेखा सेवा के प्यारे अधिकारियों,

आप सब को देश के सशस्त्र बलों के वित्तीय पहलुओं के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। आप रक्षा क्षेत्र के भीतर कुशल वित्तीय प्रबंधन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार रहेंगे। मुझे विश्वास है कि अपनी पेशेवर सत्यनिष्ठा और अपने मजबूत प्रशिक्षण मॉड्यूल के आधार पर, आप रक्षा बलों में वित्तीय प्रबंधन को बढ़ावा देंगे और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने देंगे। मेरा आप सबसे आग्रह है की रक्षा प्रणालियों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए ऑडिटिंग और अकाउंटिंग के लिए नवीनतम तकनीकों और तरीकों को अपनाएं।

मुझे यह जानकर खुशी हुई कि रक्षा लेखा महानियंत्रक ने रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में स्पर्श - पेंशन प्रशासन प्रणाली (रक्षा) नामक पहल की है, जिसका उद्देश्य, सरकार के डिजिटल इंडिया और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के दृष्टिकोण के अनुरूप रक्षा पेंशनभोगियों को पेंशन प्रदान करने के लिए पूर्ण एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करना है।

प्यारे युवा अधिकारियों,

आप ऐसे समय में आपकी सेवाओं में शामिल हुए हैं जब देश स्थानीय और वैश्विक स्तर पर व्यापक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों के उद्भव और नवीनतम तकनीकों और सूचनाओं के दुनिया के हर हिस्से में तेजी से फैलने के साथ, एक विकसित राष्ट्र के निर्माण और भारत को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में आपकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। आपकी सोच, निर्णय और कार्य रक्षा प्रणालियों और देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुझे विश्वास है कि आप चुनौतियों का सामना करेंगे और उन विभागों को लाभ पहुंचाएंगे जिनमें आप सब को कार्य करने की ज़िम्मेदारी दी जाएगी। इस प्रकार, आप राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में भूमिका निभाएंगे।

मैं, आप सब के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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