भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन
राष्ट्रपति भवन : 04.03.2025
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भारतीय राजस्व सेवा के प्रिय प्रशिक्षु अधिकारियो,
आज आप सभी से मिलकर मुझे प्रसन्नता हुई है। मैं आप सभी को इस कठिन परीक्षा में सफलता पाने के लिए बधाई देती हूँ, जिसके लिए कड़ी मेहनत, दृढ़ता, क्षमता और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। इस प्रतिष्ठित सेवा के अधिकारी के रूप में आपको अनेक अवसर मिलेंगे और चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा।
भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों का कार्य शासन और कल्याण का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। कर संग्रह जीवंत अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा होती है। इससे ही हमारे दूरदराज के गांवों को जोड़ने वाली सड़कों, हमारे बच्चों को शिक्षा देने वाले स्कूलों और नागरिकों का इलाज करने वाले अस्पतालों का वित्तपोषण किया जाता है। भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों के रूप में, आप सबको यह सुनिश्चित करना है कि यह महत्वपूर्ण संसाधन निष्पक्ष, प्रभावी और पारदर्शी तरीके से एकत्र किया जाए।
भारत महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है और भारत तेजी से विस्तार कर रही प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इस विस्तार का लाभ हमारे शहरों, गांवों,और देश के हर कोने में हाशिए पर पड़े वर्गों तक पहुंच रहा है। हमारे बुनियादी ढांचे में विस्तार किया जा रहा है, डिजिटल कनेक्टिविटी से दूरी कम होती जा रही है और आर्थिक सुविधाएं पहले से कहीं अधिक सुलभ हैं। हालांकि, विकास को सतत और समावेशी बनाने के लिए संसाधनों का प्रबंधन दक्षता और निष्पक्षता के साथ किया जाना आवश्यक है और नागरिकों का सरकारी तंत्र पर भरोसा बनना चाहिए। ऐसे में आपका कार्य महत्वपूर्ण हो जाता है। आप सबको उस प्रक्रिया की देखरेख करनी है जिससे यह सुनिश्चित हो कि प्रत्येक अपनी वैध क्षमता के अनुसार योगदान दे तथा सम्मान और गरिमापूर्ण व्यवहार हो ।
प्रिय प्रशिक्षु अधिकारियो,
मैं इस बात की प्रशंसा करती हूं कि इस वर्ष प्रत्यक्ष कर संग्रह, पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत से अधिक हुआ है। इस संख्या से वित्तीय लक्ष्य हासिल करने से कुछ अधिक का पता चलता है। यह संख्या विभिन्न क्षेत्रों में देश की निरंतर प्रगति और नागरिकों के जीवन स्तर में हुई वृद्दि को दर्शाती है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह वृद्धि स्वैच्छिक नियम अनुपालन में वृद्धि को दर्शाती है। आयकर विभाग ने प्रक्रियाओं को सरल बनाकर और जनता का विश्वास और भरोसा जीतकर इसे प्राप्त करने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए हैं।
कुछ वर्ष पहले, कर प्रशासन के साथ व्यवहार करने का अनुभव अलग होता था। अनेक प्रक्रियाएं मैनुअल होती थीं और उनमें बहुत अधिक कागजी कार्रवाई होती थी, और करदाताओं को अक्सर अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से कार्यालयों में जाना पड़ता था। बदलते समय, बढ़ती अपेक्षाओं और सरकारी पहलों से अधिक दक्षता, पारदर्शिता और सुविधा के एक नए युग की शुरुआत हुई है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि पहले आयकर विभाग को कर संग्रहकर्ता के रूप में देखा जाता था और अब यह स्वैच्छिक कर-अनुपालन का सूत्रधार, आर्थिक प्रगति में भागीदार और पारदर्शी शासन का प्रतीक बन गया है।
हम जानते हैं, डिजिटल तकनीक से यह परिवर्तन हुआ है। करदाताओं को जो रिफंड मिलने में महीनों लग जाते थे, वे अब कुछ दिनों में मिल जाते हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आयकर विभाग पूरी सटीकता के साथ विसंगतियों का पता लगाने के लिए उन्नत डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करता है और यह सुनिश्चित करता है कि ईमानदार करदाताओं को असुविधा का सामना न करना पड़े। लेकिन आपको यह स्मरण रखना है कि तकनीक सिर्फ एक उपकरण है और यह मानवीय मूल्यों का स्थान नहीं ले सकती है। डेटा-संचालित प्रणालियों से क्षमता संवर्धन हो सकता है, लेकिन वे कभी भी समानुभूति और अखंडता की जगह नहीं ले सकतीं। आपके निर्णयों का लोगों के जीवन पर वास्तविक और दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा। आपकी नीतियों और कार्यों का उद्देश्य सभी का विकास, विशेष रूप से वंचित और कमजोर वर्गों का विकास होना चाहिए।
प्रिय प्रशिक्षु अधिकारियो,
कर संग्रह का आधुनिक दृष्टिकोण स्वैच्छिक अनुपालन आधारित है। यह प्रवर्तन के पुराने दृष्टिकोण से अलग एक आदर्श बदलाव को दिखाता है। जब करदाताओं को लगता है कि उनके योगदान को महत्व दिया जाता है, और उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाता है, तो वे स्वाभाविक रूप से जिम्मेदार नागरिक के रूप में कर-अनुपालन करते हैं।
युवा अधिकारियों के रूप में, जिस प्रकार आप करदाताओं से जुड़ेंगे, उनकी चिंताओं को दूर करेंगे और निष्पक्षता से कार्य करेंगे उससे विभाग की सेवा के प्रति प्रतिबद्धता सुदृढ़ होगी। परिवर्तनों को अपनाने और निरंतर सीखने की आपकी इच्छा आपकी सफलता की कुंजी होती है। आपको अपनी जिम्मेदारियों को करुणा और न्यायपूर्वक निभाना है। मैं आपसे अपेक्षा करती हूं कि आप अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में आगे आकर कार्य करें ताकि हर प्रकार की स्थितियों, विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण स्थितियों में आप अपने संगठन, विभाग और टीम द्वारा सर्वश्रेष्ठ कार्य करना सुनिश्चित कर सकें।
आपको एक नवीन, खुले विचारों वाले, नागरिक-केंद्रित और तकनीक-संचालित दृष्टिकोण से देश में कर प्रशासन के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। एक पारदर्शी और प्रभावी कर प्रणाली तैयार करके, आप सबको एक मजबूत, लचीली और समावेशी भारत के निर्माण में योगदान देना है। मैं आप सबके सफल करियर के लिए शुभकामनाएं देती हूं।
धन्यवाद, जय हिंद! जय भारत!