भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा, भारतीय रेलवे सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों द्बारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन
राष्ट्रपति भवन : 24.02.2025
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मैं भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा के सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई देती हूँ। मैं भूटान की रॉयल ऑडिट अथॉरिटी के अधिकारियों को विशेष बधाई देती हूँ।
मैं रेलवे सेवाओं के यातायात, लेखा एवं सुरक्षा से संबंधित परिवीक्षा अधिकारियों को भी बधाई देती हूँ।
आप सब ने देश की सेवा करने का विकल्प चुना है। आप सभी कठिन प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करके आए हैं। जब भारत वर्ष 2047 में अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष का उत्सव मना रहा होगा, तब आप सभी अपने- अपने क्षेत्रों का नेतृत्व कर रहे होंगे।
भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा के प्रिय प्रशिक्षु अधिकारियो,
वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के महान राष्ट्रीय प्रयास में आपको भूमिका निभानी है। आप सब को राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनना है। मुझे बताया गया है कि लेखापरीक्षा विभाग का इतिहास 160 वर्ष से भी अधिक पुराना है। हमें इस बात का पूरा-पूरा बोध होना चाहिए कि औपनिवेशिक सरकार और उनकी लेखापरीक्षा विंग का कार्य और दृष्टिकोण हमारे गणतंत्र में किए जाने वाले कार्य से बहुत अलग था। 19वीं सदी का शिमला, औपनिवेशिक ताकत और शान-शौकत का प्रतीक था। हालांकि, हमारे संविधान को अपनाने के 75 वर्ष बाद, हमें इस बात पर जोर देना है कि हम सब भारतीयों को अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ आगे बढ़ना है।
आप सभी को भारत के संविधान के उन प्रावधानों को ध्यान में रखना है जो भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की संपूर्ण संस्था का आधार है। संविधान के भाग-V के अध्याय-V आपकी संस्था कार्यों, कर्तव्यों और शक्तियों से अवगत कराता है, संविधान की प्रस्तावना और सीएजी की शपथ आप सबकी, संस्था के महत्वपूर्ण कार्यों और कर्तव्यों के निर्वहन की मार्गदर्शक होनी चाहिए। बाबासाहेब अंबेडकर के अक्सर सीएजी के बारे में कहे जाने वाले कथन के पीछे के दर्शन को ध्यान में रखने की आवश्यकता है कि सीएजी संभवतः भारत के संविधान में सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी है। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश और सीएजी द्वारा ली जाने वाली शपथ एक ही है। यह वित्तीय शासन के क्षेत्र में निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका की ओर इशारा करता है। आपको हितधारकों को नवीन समाधानों के साथ मार्गदर्शन और सुविधा प्रदान करनी है। दोस्त, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रूप में आपका कार्य मॉनिटर और नियंत्रक जितना महत्वपूर्ण होगा। वित्तीय उपयुक्तता और आर्थिक उत्पादकता को साथ लेकर चलना होगा। आपको दोनों उद्देश्यों को साथ लेकर चलने के तरीके पता लगाने हैं।
मुझे विश्वास है कि आप अपने शीतकालीन अध्ययन दौरे और पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम का सर्वोत्तम उपयोग करेंगे। आपके बैच के साथियों द्वारा आप सभी की ओर से साझा किए जाने वाले अनुभवों से मुझे पता चलता है कि आप गर्व, देशभक्ति और जिम्मेदारी के भाव से कार्य करेंगे।
रेलवे सेवाओं के प्रिय परिवीक्षा अधिकारियो,
भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा प्रतिदिन रेल से यात्रा करता है। इसलिए यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भारतीय रेल देश के समाज, संस्कृति और व्यवसाय की जीवन रेखा है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि भारतीय रेल अपने बुनियादी ढांचे, सुविधाओं और सेवाओं का आधुनिकीकरण कर रही है। रेल सेवा अधिकारियों के रूप में, आपको हमारी मोबिलिटी में तेजी लाकर हमारी अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाने में प्रमुख भूमिका निभानी है। रेलवे सेवाओं से बड़ी संख्या में लोगों के दैनिक जीवन की गुणवत्ता का निर्धारण होता है। मुझे पता चला है कि रेलवे सुरक्षा बल, भारतीय रेल प्रबंधन सेवा के लेखा और यातायात विंग के अधिकारी यहां हैं। मैं रेलवे के तीनों अलग-अलग विंग के सभी युवा अधिकारियों से विशेष रूप से कहना चाहूंगी कि वे हमेशा ‘एक जगह पर ही कार्य करने’ की सोच से ऊपर रहें। आप केवल उस कार्यक्षेत्र के लिए काम नहीं कर रहे हैं जिसमें आप कार्यरत हैं। आप एक परिवर्तन करने वाले और देश के सेवा प्रदाता के रूप में रेलवे की समग्र प्रभावशीलता के लिए कार्य कर रहे हैं।
जैसा कि मैंने लेखापरीक्षा के संदर्भ में उल्लेख किया है, मैं औपनिवेशिक काल के दौरान रेलवे विभाग कैसा था और अमृत-काल के भारत में इसकी क्या भूमिका होने वाली है, के बीच अंतर को भी बताना चाहती हूं। आपको विरासत के अच्छे पहलुओं को अपनाए रखने और अनुत्पादक प्रणालियों और प्रक्रियाओं के बोझ से छुटकारा पाने का प्रयास करना चाहिए। मैं चाहती हूं कि आज के रेलकर्मी 21वीं सदी के भारत के विकास में गौरवशाली योगदान के नए आयाम जोड़ें।
आईआरपीएफएस के परिवीक्षा अधिकारी बल के अग्रणी अधिकारी बनेंगे। आपको कई चुनौतियों और खतरों से निपटना होगा। आपके सहकर्मियों द्वारा साझा किए गए अनुभव को सुनने के बाद, मुझे पता चला है कि आपको सुरक्षा और संरक्षा के कई आयामों को कवर करने वाला बहुत व्यापक और गहन अनुभव प्रदान किया गया है। मुझे विश्वास है कि आप सीखना जारी रखेंगे और भविष्य के कार्यों के लिए तैयार रहेंगे।
जैसा कि लेखा कार्य के परिवीक्षा अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें भारतीय रेलवे वित्तीय प्रबंधन संस्थान में गहन और व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षकों और प्रशिक्षुओं को इस मूलभूत तथ्य को ध्यान में रखना होगा कि 1920 के दशक की दुनिया, जब ‘एकवर्थ समिति’ ने अपनी रिपोर्ट दी थी, 2020 के दशक में वह अब मान्य नहीं रह गई है। आपके विचारों और कार्यों में सेवा प्रदाता के रूप में कार्य करने वाली आधुनिक रेलवे प्रणाली की आवश्यकता सदा रहनी चाहिए।
मुझे उम्मीद है कि यहां एकत्रित सभी परिवीक्षा अधिकारी और प्रशिक्षु भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कार्य करेंगे।
मैं आप सबके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं।
धन्यवाद!
जय हिंद!
जय भारत!