भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 18वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के समापन के अवसर पर संबोधन
भुवनेश्वर : 10.01.2025
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नमस्कार, आपकी-अपनी भारत-भूमि में आपका हार्दिक स्वागत है!
आज मैं, संस्कृति और विरासत से समृद्ध जीवंत शहर भुवनेश्वर में आप सबके साथ उपस्थित हूँ, यह मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता और गर्व की बात है। 2023 में इंदौर में पिछले प्रवासी भारतीय दिवस की सफलता के बाद, मैं आप सबके साथ यहाँ इस समारोह में हमारे प्रवासी भारतीयों के अदम्य भाव को देखकर बहुत प्रसन्न हूँ। जैसा कि आज हम इस नए वर्ष 2025 के पहले माह में यहां एकत्र हुए हैं और मैं आप सबको समृद्ध और खुशहाल नव वर्ष के लिए बधाई और शुभकामनाएँ देती हूँ।
देवियो और सज्जनो,
मैं इस अवसर पर त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य की राष्ट्रपति महामहिम क्रिस्टीन कंगालू को प्रवासी भारतीय सम्मान 2025 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देती हूँ। महामहिम, आपने महिलाओं और वहां रह रहे भारतीयों पर विशेष ध्यान दिया है और अपने देश का उत्कृष्ट नेतृत्व किया है और विश्व मंच पर एक उच्च मानक स्थापित किया है। यह हमारे दोनों देशों के बीच मैत्री और सहयोग के गहरे संबंधों को प्रतिबिंबित करता है साथ ही यह उन साझा मूल्यों को भी पुख्ता करता है जिनसे दोनों देश बंधे हैं।
देवियो और सज्जनो,
प्रवासी भारतीय हमारे देश के श्रेष्ठ प्रतिनिधि हैं। आप, भारत के बेटे और बेटियाँ, अपने साथ न केवल इस पवित्र भूमि में अर्जित ज्ञान और कौशल लेकर गए हैं, बल्कि आप सब मूल्य और लोकाचार भी लेकर गए हैं जो सहस्राब्दियों से हमारी सभ्यता का आधार रहे हैं। प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, कला का क्षेत्र हो अथवा उद्यमिता का क्षेत्र हो, भारतीय प्रवासियों ने एक ऐसी छाप छोड़ी है जिसे दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है और उसका सम्मान किया जाता है।
आज हम, आप में से उन लोगों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने अनुकरणीय उपलब्धियों के माध्यम से स्वयं का विशेष स्थान बनाया है। उनके असाधारण योगदान के सम्मान देने के लिए भारत की ओर से उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। आपकी सफलता की कहानियां न केवल भारत के लिए गर्व की बात हैं, बल्कि वे पूरी दुनिया में लाखों लोगों को उत्कृष्टता के लिए तत्पर रहने के लिए प्रेरित करती हैं।
देवियो और सज्जनो,
पिछले कुछ वर्षों में प्रवासी भारतीय दिवस अब मात्र एक आयोजन ही नहीं है बल्कि यह एक ऐसा मंच बन गया है जहां सब अपने-अपने विचार रखते हैं, सहयोग करते हैं तथा भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच संबंध और गहरे होते हैं। मुझे विश्वास है कि पिछले तीन दिनों में आप सब ने इस अवसर पर सार्थक संवाद किया होगा और अपने अनुभव साझा किये होंगे। इस आयोजन से एक तथ्य और सामने आता है कि भले ही आप अपनी मातृभूमि से शारीरिक रूप से दूर हों, लेकिन भारत के साथ आपके भावात्मक संबंध हमेशा मज़बूत रहे हैं।
देवियो और सज्जनो,
हमारा देश आज वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनने की ओर बढ़ रहा है, उस समय हम अपनी स्वाधीनता के 100 वर्ष मना रहे होंगे। यह विजन केवल एक सरकारी पहल नहीं है; यह हमारा राष्ट्रीय मिशन है जिसमें विदेश में रहने वाले भारतीयों सहित प्रत्येक भारतीय की सक्रिय और उत्साही भागीदारी की आवश्यकता होगी।
प्रवासी भारतीय विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पूरे विश्व में आप सबकी उपस्थिति महत्व रखती है और आप अपनी उपलब्धियोँ से विकसित भारत के लक्ष्य को को हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं । मैंने यह विदेश यात्राओं के दौरान प्रवासी भारतीयों के साथ अपनी बातचीत के दौरान इसे प्रत्यक्ष रूप से देखा है। मैं, आप सब से इस यात्रा में सक्रिय भूमिक निभाने का आग्रह करती हूँ, क्योंकि आप सबकी सफलता में ही भारत की सफलता निहित है।
देवियो और सज्जनो,
देश के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार ने आपकी सहायता के लिए अनेक पहल की हैं। अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए कांसुलर सेवाओं को सरल बनाया गया है। भारत के विदेशी नागरिकों (ओसीआई) के कार्यों के लिए प्रक्रियाओं को डिजिटल और सुव्यवस्थित किया गया है। “भारत को जाने कार्यक्रम” जैसी पहल हमारे युवा प्रवासी भारतीयों को अपनी भारतीय जड़ों को जानने के अवसर प्रदान करती है।
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि ओडिशा सरकार द्वारा परियोजनाओं, निवेशों आदि में प्रवासी भारतीयों की भागीदारी के लिए एक नोडल मंत्री नियुक्त कर रही है। मैं ओडिशा सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना करती हूँ।
हम विदेशों में रहने वाले भारतीयों के हितों की रक्षा करने में भी सक्रिय रहे हैं। हाल के वर्षों में, हमने संकट में फंसे भारतीयों की सहायता के लिए ऑपरेशन कावेरी, ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन वंदे भारत सहित कई मिशन शुरू किए हैं। आज, दूसरे देशो में रहने रहने वाले भारतीय ज़रूरत के समय सहयोग और सुरक्षा के लिए अपनी मातृभूमि पर भरोसा करते हैं।
देवियो और सज्जनो,
पिछले तीन दिनों में, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भारत और प्रवासी भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। आप सभी ने सम्मेलन में विशेष प्रदर्शनियों को देखा होगा, जिसमें हमारे प्रवासी समुदाय के भारत से जुड़ाव और योगदान के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं को मुख्य रूप से दिखाया गया। मुझे विश्वास है कि यहां की गई व्यावहारिक चर्चाओं से भारत और वैश्विक समुदाय दोनों को लाभ पहुँचाने वाली नीतियों को आकार देने में मदद मिलेगी।
हमारे प्रवासी भारतीय महिलाओं, विद्यार्थियों और युवाओं के योगदान का भी विशेष उल्लेख किया जाना जरूरी है। विश्व में भारतीय महिलाओं की उपलब्धियाँ हमारे लिए बहुत गर्व की बात हैं, क्योंकि उन्होंने बाधाओं को तोड़ते हुए विभिन्न क्षेत्रों में नई ऊँचाइयों को छूआ है। हमारे सक्रिय और रचनाशील विद्यार्थी और युवा हमारे भविष्य के पथप्रदर्शक हैं। यही लोग एक जीवंत और प्रगतिशील भारत की विरासत को आगे लेकर जाएंगे।
देवियो और सज्जनो,
विकसित भारत के हमारे विजन के साथ विश्व मंच पर हमारा कद भी बढ़ रहा है, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए हम एक अग्रणी देश के रूप में बढ़ रहे हैं। यह सब वसुधैव कुटुम्बकम, अथवा 'पूरा विश्व एक परिवार है' के हमारे शाश्वत दर्शन पर आधारित है।
यह विजन एक ऐसा ईकोसिस्टम तैयार करने से संबंधित है जिसमें न केवल अपनी आवश्यकताएं पूरी हो सकें, बल्कि विश्व कल्याण भी हो। हमें एक ऐसा राष्ट्र बनना है जहां सामाजिक न्याय और पर्यावरणीय प्रबंधन के साथ आर्थिक प्रगति में संतुलन हो, ताकि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य उज्ज्वल बने। आप सबको उद्यमिता, परोपकार अथवा ज्ञान-साझा करके, इस विजन को प्राप्त करने में एक उल्लेखनीय भूमिका निभानी है।
देवियो और सज्जनो,
प्रवासी भारतीयों का मातृभूमि के साथ शाश्वत संबंध है। भले ही आप दुनिया में कहीं भी रहें, भारत आपका घर है और हमेशा रहेगा। यह बंधन हमारी साझा विरासत, संस्कृति और मूल्यों में निहित है। इसी संबंध का आज हम जश्न मना रहे हैं और यही संबंध हमारा भविष्य में भी रहेगा।
हम अपने प्रवासी भारतीय परिवार की उपलब्धियों का समारोह मना रहे हैं, आइए हम आशा और दृढ़ संकल्प के साथ भविष्य के लिए कार्य करें। आइए. हम सब मिलकर विकसित भारत का निर्माण करें, एक ऐसा राष्ट्र बनाएं जिसकी विश्व मंच पर साख हो और जो दुनिया का मार्गदर्शन करे।
धन्यवाद,
जय हिंद!
जय भारत!