भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्ता द्वारा आयोजित राजभोज में संबोधन।
दिली : 10.08.2024
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आज आपके सामने उपस्थित होकर मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं। भारत सरकार और भारत के लोगों की ओर से, कृपया मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सबसे पहले, मैं, मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को प्रदान किए गए सप्रेम आतिथ्य के लिए तिमोर-लेस्ते में हमारे मेजबानों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं।
देवियो और सज्जनो,
आज महामहिम राष्ट्रपति होर्ता और प्रधानमंत्री गुस्माओ के साथ मेरी उपयोगी बैठकें हुईं। हमारे बीच हुई उपयोगी चर्चाओं को देखते हुए, मुझे विश्वास है कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों की ताकत और मजबूत होगी।
मैंने यहां छोटे लेकिन जीवंत भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया। यह देखकर खुशी हुई कि भारतीय समुदाय ने तिमोर-लेस्ते में अपनी पहचान बनाई है, और यहाँ वे अब महत्वपूर्ण सदस्य हैं। मुझे गर्व है कि मेरे देश के लोग आपके देश की विकास यात्रा से निकटता से जुड़े हुए हैं।
राष्ट्रपति होर्ता के साथ मेरी मुलाकात में, उन्होंने भारत के प्रति अपना स्नेह व्यक्त किया और उल्लेख किया कि उन्होंने कई बार भारत का दौरा किया है। देवियो और सज्जनो, वह भारत का दौरा करने वाले तिमोर-लेस्ते के पहले राष्ट्राध्यक्ष भी हैं। उन्होंने इस साल जनवरी में गांधीनगर, गुजरात में आयोजित 'वाइब्रेंट गुजरात समिट' में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक चर्चा की। मेरा मानना है कि उच्च स्तरीय यात्राओं के इस तरह के आदान-प्रदान से हमारे संबंध और घनिष्ठ होंगे।
महामहिम, देवियो और सज्जनो,
भारत और तिमोर-लेस्ते न केवल ऐतिहासिक व्यापार संबंधों और उपनिवेशवाद के विरुद्ध एक जैसे संघर्ष से जुड़े हैं, बल्कि विशेषकर 'ग्लोबल साउथ' के देशों में शांति के लिए साझा प्रतिबद्धता और भविष्य की एक समान आकांक्षा से भी जुड़े हैं।
मुझे 1996 में आपने नोबेल शांति पुरस्कार भाषण के दौरान राष्ट्रपति होर्ता की कही गई बात याद आ रही है, जो आज भी प्रासंगिक है। मैं उसे उद्धृत कर रही हूं: “कूटनीति और मध्यस्थता प्रमुख शक्तियों के विशेषाधिकार नहीं हैं। छोटे और मध्यम आकार के देश, जिनकी नव-साम्राज्यवादी भूमिका निभाने की महत्वाकांक्षा नहीं है और नैतिक अखंडता जिनकी ताकत है, संघर्षरत पक्षों के बीच बातचीत शुरू करने की अच्छी स्थिति में हैं।
आज, तिमोर-लेस्ते अपना भाग्य स्वयं निर्मित कर रहा है। इसे दक्षिण पूर्व एशिया के जीवंत लोकतंत्रों में माना जाता है और यह तिमोरीस लोगों के साहस, सर्वानुकूलता और बहादुरी का प्रमाण है जिन्होंने स्वतंत्रता की कठिन राह के बावजूद इसे हासिल किया है।
भारत 2002 में तिमोर-लेस्ते को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने वाले शुरुआती देशों में रहा है, और इन 22 वर्षों में, तिमोर-लेस्ते लोकतंत्र और बहुलवाद के एक चमकते तारे के रूप में खड़ा हुआ है।
आज, मैं 2023 में 42वें आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान 'आसियान में तिमोर-लेस्ते की पूर्ण सदस्यता के लिए रोडमैप' को अपनाने पर आपको हार्दिक बधाई देती हूं।
महामहिम, देवियो और सज्जनो,
भारत ने अपनी आज़ादी के बाद विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आर्थिक विकास से लेकर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तक, स्वास्थ्य सेवा में प्रगति से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा में नवाचार तक, भारत प्रगति और विकास के ऐसे मार्ग पर चल रहा है जो समावेशी और स्थाई है।
तिमोर-लेस्ते के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के हमारे साझा लक्ष्यों में साफ दिखती है। भारत और तिमोर-लेस्ते शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचे और व्यवसाय जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विकासात्मक भागीदार हैं।
हालांकि हमारा व्यापार क्षेत्र बड़ा नहीं है, हम अपने वर्तमान सहयोग को बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। हम सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में कौशल प्रदान करके तिमोरीस युवाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी संचालित कर रहे हैं।
महामहिम,
मेरा मानना है कि दोनों देशों में रेजिडेंट मिशन खुलने से हमारे संबंध और मजबूत होंगे, जिससे वास्तव में 'दिल्ली-दिली' कनेक्शन को और बढ़ावा मिलेगा।
जब हम भविष्य की ओर देखते हैं, भारत प्रगति और विकास की दिशा में अपनी यात्रा में तिमोर-लेस्ते के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है। बाली से भारत के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू होने से दोनों देशों में आने-जाने में और कम समय लगेगा। इससे चिकित्सा पर्यटन जैसे सहयोग के नए रास्ते तलाशने में मदद मिलेगी।
आइए आज शाम, हम दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के बंधन को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएँ। हम एक ऐसा भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हों जो हमारे लोगों और आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्ध, समावेशी और स्थाईत्व लिए हो।
भारत वसुधैव कुटुंबकम के अपने लोकाचार का पालन करते हुए वैश्विक शांति और साझा समृद्धि के लिए एक ताकत बना रहेगा और मुझे विश्वास है कि तिमोर-लेस्ते इस यात्रा में हमारा एक विश्वसनीय मित्र और भागीदार बनेगा।
महामहिम राष्ट्रपति होर्ता, आपके भव्य आतिथ्य और इस यादगार शाम की मेजबानी के लिए एक बार फिर आपका धन्यवाद। तिमोर-लेस्ते के मित्रवत लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए मेरी शुभकामनाएं।
धन्यवाद!