भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सैन्य अभियंता सेवाओं के प्रोबेशनर्स द्वारा भेंट के अवसर पर संबोधन
राष्ट्रपति भवन : 05.01.2023
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सैन्य अभियंता सेवाओं के प्रिय प्रोबेशनर्स,
मैं, आप सभी को इन प्रतिष्ठित सेवाओं में आपके चयन के लिए बधाई देती हूं, इसमें आपको हमारे सशस्त्र बलों की सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। मुझे बताया गया है कि आज यहां मौजूद अधिकारियों में एमईएस के भारतीय रक्षा सेवा के इंजीनियर्स, आर्किटेक्ट कैडर और सर्वेयर कैडर के अधिकारी हैं।
आप ऐसे समय में सेवाओं में शामिल हुए हैं जब भारत ने अभी-अभी अमृत काल में प्रवेश किया है और G20 की अध्यक्षता भी ग्रहण की है। यह वह समय है जब दुनिया नए नवाचारों और समाधानों के लिए भारत की ओर देख रही है।
सैन्य अभियंता सेवाएं (एमईएस) के अधिकारियों के रूप में, आप सभी रक्षा हथियारों, अर्थात थल सेना, वायु सेना, नौसेना, तटरक्षक और अन्य संगठनों को रियर लाइन इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आप सशस्त्र बलों को जो समर्पित इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करते हैं, उससे उनका समग्र प्रदर्शन बढ़ता है और उन्हें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखता है।
मुझे बताया गया है कि एमईएस सीमावर्ती क्षेत्रों सहित पूरे देश में आवासीय और कार्यालय भवनों, अस्पतालों, सड़कों, रनवे और समुद्री संरचनाओं का डिजाइन और निर्माण करता है। भारत के सबसे कठिन क्षेत्रों में भी सभी सुविधाओं और संपत्तियों के रखरखाव और सेवा की जिम्मेदारी आपकी है।
प्रिय प्रोबेशनर्स,
निर्माण के क्षेत्र में युवा अधिकारियों के तौर पर, पर्यावरण की देखभाल करना भी आपका प्रमुख कर्तव्य है। हमें सतत विकास के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाना चाहिए।
मुझे बताया गया है कि एमईएस बड़ी संख्या में सौर फोटोवोल्टिक परियोजनाओं को पूरा करके राष्ट्रीय कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में बहुत योगदान दे रहा है। आप ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में भी अनेक उपाय कर रहे हैं। GRIHA ग्रीन बिल्डिंग मानदंड भी प्रमुख परियोजनाओं में शामिल किए जा रहे हैं। आप ऐसी नई निर्माण सामग्री का पता लगा सकते हैं और उनका उपयोग कर सकते हैं जो निवासियों को खतरनाक रसायनों से बचाती हो। चारों और प्राकृतिक सामग्री होने पर समग्र मानव कल्याण को बढ़ावा मिलता है। ऐसी सामग्रियां पर्यावरण के अनुकूल हैं और इसके परिणामस्वरूप इनडोर वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।
मुझे यह भी बताया गया है कि एमईएस 'आत्मनिर्भर भारत' के हमारे विजन के अनुरूप 'मेक इन इंडिया' उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि जब भी मांग की जाती है, एमईएस नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने में सबसे आगे रहा है।
प्रिय अधिकारियों,
निर्माण क्षेत्र बहुत गतिशील है और प्रौद्योगिकियां बहुत तेजी से बदल रही हैं। हम सभी जानते हैं कि निर्माण क्षेत्र आर्थिक वृद्धि और विकास में प्रमुख भूमिका निभाता है। आप परियोजना प्रबंधन के आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके अवसंरचनात्मक ढांचे के विकास में अत्यधिक योगदान दे सकते हैं।
आपको अपने भविष्य की परियोजनाओं में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग करना चाहिए। यह अधिक कुशल डिजाइन बनाने और निर्माण कम समय सीमा में पूरा करने में मदद मिलेगी।
भारत ने सीओपी-27 में कहा कि दुनिया को तत्काल, नासमझ और विनाशकारी खपत से समझदारी भरे और सुविचारित जानबूझकर उपयोग की ओर बढ़ने की जरूरत है। भारत ने पृथ्वी ग्रह के trustees के रूप में मानव की भूमिका पर प्रकाश डाला और स्थायी जीवन शैली के माध्यम से इसे पोषित करने की आवश्यकता पर बल दिया। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि एमईएस इस दिशा में कदम उठा रहा है और गांधीनगर, गुजरात में अब तक का पहला 3डी प्रिंटेड हाउस का निर्माण पूरा कर लिया है। आपको ऐसी तकनीकों का अधिक उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए जो लागत प्रभावी हों और अपव्यय से बचा जा सके। आपको जहां भी संभव हो सामग्रियों के रिसाइकिल को बढ़ावा देना चाहिए।
प्रिय प्रोबेशनर्स,
आपको service delivery mechanism में सुधार करने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना चाहिए और अधिक कुशल शासन की ओर बढ़नाचाहिए । हमारे जवान देश और देशवासियों के लिए अपनी जान न्यौछावर करने के लिए हमेशा तैयार हैं। आपको मातृभूमि के वीर सुपुत्रों और सुपुत्रियों को सेवा और सहायता प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
प्रिय अधिकारियों,
मैं, एमईएस में अधिक संख्या में महिला अधिकारी होने की आवश्यकता पर भी जोर देना चाहूंगी। हाल के दिनों में, हमारे सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी में बढ़ोतरी हुई है। चाहे युद्ध में भूमिका हो या रक्षा बलों की चिकित्सा सेवा हो, महिला सशक्तिकरण को बहुत बल दिया जा रहा है। उम्मीद है कि मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज में भी यह सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
अंत में मैं, आप सभी से पुनः आग्रह करती हूं कि आप स्वयं को राष्ट्र सेवा में समर्पित कर दें। मैं आपको एक शानदार करियर और विख्यात जीवन के लिए शुभकामनाएं देती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!