भारत की माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का फाइन 2023 के उद्घाटन और एनआईएफ के 11वें द्विवार्षिक राष्ट्रीय ग्रासरूट नवप्रवर्तन और विशिष्ट पारंपरिक ज्ञान पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 10.04.2023

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भारत की माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का फाइन 2023 के उद्घाटन और एनआईएफ के 11वें द्विवार्षिक राष्ट्रीय ग्रासरूट नवप्रवर्तन और विशिष्ट पारंपरिक ज्ञान पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर संबोधन

राष्ट्रपति भवन में आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे अपार खुशी हो रही है। हम आज यहां नवप्रवर्तन और रचनात्मकता का उत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। उद्यमशीलता की भावना और चुनौतीपूर्ण समस्याओं का समाधान खोजने के उत्साह को वास्तव में प्रोत्साहित और पुरस्कृत किया जाना आवश्यक है। भारत नवप्रवर्तन और आविष्कारों का देश रहा है। हम सभी जानते हैं कि सिंधु घाटी सभ्यता को इसके आविष्कारों और नवप्रवर्तनों, जैसे व्यवस्थित जल निकासी प्रणाली, सुनियोजित वास्तुकला, सिंचाई प्रणाली, धातु विज्ञान तकनीकों और बहुत सी विधियों के लिए जानते हैं। उस समय हमारे पूर्वज तकनीकी रूप से उन्नत संरचनाओं को विकसित करने में सक्षम थे। आज हम तकनीक के युग में जी रहे हैं। इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें और ऐसे इनोवेशन लाएं जो लोगों के जीवन को बदल सकें। और आने वाला समय नवप्रवर्तन और उभरते नवप्रवर्तकों का है।

आज हमारे पास एक संगठित डेटाबेस और एक विविध नवप्रवर्तक पारिस्थितिकी तंत्र है जिसका आज प्रदान किए गए पुरस्कारों से स्पष्ट पता चलता है। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के 11वें द्विवार्षिक नेशनल ग्रासरूट्स इनोवेशन एंड आउटस्टैंडिंग ट्रेडिशनल नॉलेज अवार्ड्स भारतीय इनोवेशन इकोसिस्टम के विविध दृष्टिकोण की पुष्टि करते हैं और इसे समृद्ध बनाते हैं। मैं देश के लोगों में रचनात्मकता और नवाचार की भावना को पहचानने और पुरस्कृत करने की दिशा में इस सराहनीय पहल के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन को बधाई देती हूं। फाइन- इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप का उत्सव एक अनूठा प्रयास है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन को बढ़ावा देता है और नागरिकों को उद्यमिता अपनाने और भारत और विदेशों में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

देवियो और सज्जनो,

जमीनी स्तर पर नागरिकों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित नवप्रवर्तन समाधान प्रस्तुत करने और अपनी सर्वोत्तम क्षमताओं के अनुसार देश की सेवा करने की क्षमता है। एनआईएफ ऐसे नवप्रवर्तकों को प्रोत्साहित करने और उनका समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सहायता से मार्च 2000 में स्थापित नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) - भारत, जमीनी तकनीकी नवप्रवर्तनों और उत्कृष्ट पारंपरिक ज्ञान को सुदृढ़ करने के लिए भारत की राष्ट्रीय पहल है। मुझे बताया गया है कि एनआईएफ ने देश के 625 से अधिक जिलों से 3,25,000 से अधिक तकनीकी विचारों, नवप्रवर्तनों और पारंपरिक ज्ञान प्रथाओं का एक डेटाबेस तैयार किया है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि एनआईएफ ने अपने विभिन्न पुरस्कार समारोहों में राष्ट्रीय स्तर पर 1093 जमीनी स्तर से जुड़े नवप्रवर्तकों और स्कूली छात्रों को पहले ही मान्यता दे दी है।

देवियो और सज्जनो,

ये इनोवेशन अवार्ड्स न केवल आप जैसे इनोवेटर्स द्वारा किए गए कार्यों की पहचान हैं बल्कि आपकी आगे की यात्रा में एक मील का पत्थर भी हैं। मुझे बताया गया है कि कई पद्म पुरस्कार विजेताओं को पहले इनोवेशन अवार्ड्स से भी सम्मानित किया जा चुका है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इस वर्ष के दो पद्म पुरस्कार विजेताओं - सी वी राजू और मोआ सुबोंग को पहले नवप्रवर्तन पुरस्कार मिल चुके हैं। सी वी राजू को एटिकोप्पाका लकड़ी के खिलौने बनाने के लिए पुरस्कार मिला है और मोआ सुबोंग को बम्हुम - बांस संगीत वाद्ययंत्र के लिए सम्मानित किया गया है। यह हमारी रचनात्मकता, हमारे नवप्रवर्तकों और समग्र रूप से हमारे नागरिकों की विशाल क्षमता को दर्शाता है।

आज हम न केवल इनोवेटर्स की उपलब्धियों बल्कि रचनात्मकता, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप की भावना का जश्न मना रहे हैं। हम अपने आसपास हर दूसरे दिन छोटे-छोटे अविष्कार होते हुए देख सकते हैं। माताएं अपने बच्चों के लिए भोजन बनाने में प्रतिदिन इनोवेशन का उपयोग करती हैं, शिक्षक नई शिक्षण विधियों को खोजने में रचनात्मकता का उपयोग करते हैं, और विज्ञापन और विपणन जैसे कुछ क्षेत्र तो रचनात्मक कौशल पर बहुत अधिक निर्भर हैं। हमें केवल पहले से ही हर जगह उपलब्ध क्रिएटिविटी और इनोवेशन को समझना और प्रोत्साहित करना है।

मैंने देखा है कि यहां सम्मानित किए गए 13 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं में केवल एक महिला है। सभी महिलाएं अपने घर के कामों में और अन्य क्षेत्रों में भी रोजाना क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करती हैं। अब समय आ गया है कि महिलाओं को ऐसे अभिनव समाधानों और उत्पाद लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए जिनकी देश को जरूरत है। मुझे विश्वास है कि जब परिवार महिलाओं को समर्थन देना करना शुरू कर देंगे, तो वे इस क्षेत्र में भी अधिक योगदान देने में सक्षम होंगी, जैसा कि वे पहले से ही अन्य क्षेत्रों में कर रही हैं।

देवियो और सज्जनो,

रचनात्मकता को सहयोग देने और इसे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण पहलू बच्चों और युवाओं को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करना है। चुनौती देने वाली समस्याओं के समाधान खोजने के लिए जिज्ञासा और अनुसंधान की सोच होना आवश्यक है। हमारे बच्चों को बड़ा होकर समाधान देने वाला बनना चाहिए। कम से कम उनके मन को उस दिशा में काम करना चाहिए। एक बार जब वे समझ जाते हैं कि उनके पास समाधान खोजने की क्षमता है, तो वे निश्चित रूप से समाधान तक पहुंचने के लिए रचनात्मक और नए तरीके खोज लेते हैं।

दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे नागरिकों में देश की सेवा करने का जज्बा होना चाहिए। उन्हें देश में उत्पन्न होने वाली समस्याओं और मुद्दों को समझने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें हल करने की दिशा में योगदान देने के लिए ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए, भले ही वह छोटे स्तर पर हो। मैं सभी इनोवेटर्स, उद्यमियों, पारंपरिक ज्ञानियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से भी आग्रह करती हूँ कि वे एक साथ आएं और पर्यावरण के अनुकूल और स्थाई समाधान खोजें और इस दिशा में इनोवेशन को प्रोत्साहित करें। ऐसे बुद्धिजीवियों के लिए उन्नत तकनीक के साथ सतत और समावेशी विकास हासिल करना बहुत मुश्किल नहीं है।

एनआईएफ सरकार के सहयोग से जमीनी स्तर पर नवाचारों को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हालांकि, मैं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से युवा नवप्रवर्तकों और उद्यमियों का समर्थन करने का आग्रह करूंगी। देश की बढ़ोतरी और विकास में, विशेष रूप से अमृत काल में उन्हें बहुत बड़ी भूमिका निभानी है। विश्व को भारत से आशाएँ हैं तथा हमें औरों को मार्ग दिखाना है। स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सरकार जनता को उद्यमशीलता अपनाने और रोजगार देने वाले बनने के अवसर प्रदान कर रही है।

आज के इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप इको-सिस्टम में, मुझे यह जानकर गर्व होता है कि हमारे जमीन से जुड़े इनोवेटर्स उत्साह और सेवा की भावना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। अपने नवप्रवर्तन की योग्यता के बारे में आश्वस्त हो जाने पर और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन जैसे संगठनों से सहयोग मिलता है, तो वे पेशेवर मार्ग चुनते हैं और जमीनी स्तर पर "इनोवेटर से उद्यमी" बन जाते हैं। वे स्थानीय समस्याओं को हल करने के लिए स्वदेशी संसाधनों का उपयोग करते हैं। इसके अलावा वे अपने सपनों को साकार करना जारी रखते हैं और राजस्व और रोजगार सृजन करते रहे हैं। मैं, इनोवेटरों और उद्यमियों को लीक से हटकर सोचने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात काम करने के लिए बधाई देती हूं। मैं, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और "नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन" को दो दशकों से अधिक समय से देश में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए काम करने के लिए बधाई देती हूं।

जबकि कई अर्थव्यवस्थाएं अभी भी योजना बना रही हैं कि क्या उनके पास अपना राष्ट्रीय इनोवेशन फाउंडेशन होना चाहिए। मुझे खुशी है कि हमारे पास यह फाउंडेशन है जिसके पास कुछ लाख नवप्रवर्तनों का डेटाबेस है। बहुत से प्रसार के विभिन्न माध्यम से हम तक पहुंच रहे हैं।

प्रिय ग्रासरूट इनोवेटर्स, स्टूडेंट इनोवेटर्स और आउट स्टैंडिंग ट्रेडिशनल नॉलेज होल्डर्स,

मैं कामना करती हूं कि आप हमेशा अपनी नवीनता और रचनात्मकता को जीवित रखें और मैं, आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देती हूं।

धन्यवाद,   
जय हिन्द!   
जय भारत!

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