संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति, महामहिम श्री बराक ओबामा के सम्मान में आयोजित राजभोज में माननीय राष्ट्रपति का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 25.01.2015
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महामहिम, राष्ट्रपति बराक ओबामा,
श्रीमती मिशेल ओबामा,
महामहिमगण,
विशिष्ट अतिथिगण,
देवियो और सज्जनो,
राष्ट्रपति महोदय, आज की शाम आपका और प्रथम महिला का स्वागत करना बहुत सम्मान तथा सौभाग्य की बात है। आपकी भारत की पिछली यात्रा के दौरान ऐसे ही राजभोज में आपसे मिलने की खुशी के बाद मुझे इस बार मेजबान के रूप में आपकी अगवानी करते हुए दोगुनी प्रसन्नता हो रही है।
महामहिम, आज आपने सम्मानित अतिथि के रूप में हमारे गणतंत्र दिवस समारोह की शोभा बढ़ाने वाले प्रथम अमरीकी राष्ट्रपति बनकर; पद पर रहते हुए भारत की दो बार यात्रा करने वाले पहले अमरीकी राष्ट्रपति होकर; तथा चार माह के न्यूनतम समय के अंदर दूसरी शिखर स्तरीय बैठक करके, तीन बार इतिहास रच डाला है। ये कीर्तिमान इसे वास्तविक रूप में ऐतिहासिक यात्रा बनाते हैं। जहां मुझे इस बात पर गर्व है कि हम मिलकर इतिहास बना रहे हैं, वहीं मुझे इस बात की और भी खुशी है कि हम अपने दोनों देशों और विश्व के लिए उज्ज्वल भविष्य की रचना कर रहे हैं।
भारत और संयुक्त राज्य के बीच संबंध विशिष्ट है। यह विशिष्ट इसलिए है क्योंकि यह ऐसा संबंध है जो हमारे दोनों देशों की जनता के दिलों और मनों में है, हमारे दोनों देशों के व्यवसायों के बीच वाणिज्यिक रिश्तों में हैं,हमारे दोनों देशों के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के बीच आदान-प्रदानों में है तथा हमारे सैकड़ों संस्थानों के बीच स्थाई संबंधों में है। यह एक ऐसा संबंध है जहां दो सरकारें साधिकार इस बात को स्वीकार करते हुए गर्व महसूस कर सकती हैं कि उन्होंने अपनी जनता द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए एक ‘कार्यनीतिक साझीदारी’ स्थापित कर ली है।
यही वह मजबूत आकर्षण और अनुभूति है जो यह बताती है कि दोनों देशों के लोगों ने क्यों हर जनमत सर्वेक्षण में एक दूसरे को मित्र के रूप में देखा है; यही यह भी बताता है कि क्यों इस संबंध को निरंतर द्विपक्षीय राजनीतिक समर्थन प्राप्त होता रहा है। भ्रातृत्व का यह स्वाभाविक भाव उन बुनियादी मूल्यों से उपजता है, जिन्हें हमारे दोनों देशों के लोग अत्यंत प्रिय मानते हैं—अर्थात् व्यक्ति की स्वतंत्रता तथा आजादी, लोकतंत्र, विविधता तथा न्याय के मूल्य। ये बुनियादी मूल्य न केवल यह तय करते हैं कि हम कैसे जीते हैं तथा एक राष्ट्र के रूप में हमारा शासन कैसे चलता है; वरन् वे भविष्य की हमारी आकांक्षाओं को तथा ऐसे विश्व की हमारी परिकल्पना को भी तय करते हैं जो हम अपने बच्चों को और उससे अगली पीढ़ी को सौंपना चाहते हैं।
महामहिम, यही वह साझा परिकल्पना है जो हमारे फलते-फूलते रिश्तों को मजबूत आधार प्रदान करती है। आज, हमारे लोग—भारतीय मानसून को समझने के लिए संयुक्त रूप से समुद्र तल की खुदाई से लेकर मंगल पर संयुक्त अंतरिक्ष अभियान तक तथा इसके बीच जो कुछ भी है, मानवीय क्रियाकलापों के लगभग हर क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं। परंतु असीम संभावनाओं से युक्त हमारे जैसे संबंध में ऐसा बहुत कुछ है जो हम कर सकते हैं तथा जिसे हमें करना चाहिए। महामहिम, इसलिए मुझे खुशी है कि हमारे देश अपने दोनों राष्ट्रों, इस क्षेत्र तथा विश्व को सुरक्षित स्थान बनाने के लिए कार्यनीतिक, सुरक्षा तथा रक्षा सहयोग को प्रगाढ़ कर रहे हैं; संयुक्त राज्य द्वारा हमारे साथ अवसंरचना विकास,स्वच्छ ऊर्जा समाधानों, निवेश, प्रौद्योगिकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा तथा कौशल विकास के क्षेत्र में हमारे महत्वाकांक्षी आर्थिक तथा विकास कार्यक्रम में सहयोग किया जा रहा है; आपके लोग स्मार्ट शहर स्थापित करने,बीमारियों से लड़ने तथा जल, स्वास्थ्य और स्वच्छता सुधार में भी हमारे साथ सहयोग कर रहे हैं।
कल हमारी प्रिय गणतंत्र दिवस परेड में आपकी उपस्थिति से दुनिया के सामने मैत्री तथा विश्वास के उन बढ़ते रिश्तों का प्रदर्शन होगा जो हमारे दोनों लोकतंत्रों को प्रगाढ़ता से बांधे हुए हैं। राष्ट्रपति महोदय, जब हम इतिहास में नए कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे हैं तथा भविष्य की ओर अपनी संयुक्त यात्रा में नई मंजिलों को तय करने जा रहे हैं, आपकी यात्रा इतिहास तथा भविष्य दोनों के निर्माण का प्रतीक है।
महामहिमगण तथा विशिष्ट अतिथिगण, आइए अब हम सब मिलकर:
- महामहिम राष्ट्रपति ओबामा और महामान्या श्रीमती मिशेल ओबामा के अच्छे स्वास्थ्य;
- संयुक्त राज्य अमरीका की निरंतर समृद्धि और खुशहाली; तथा
- भारत और संयुक्त राज्य के बीच मैत्री और सहयोग के संबंधों को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए नए कीर्तिमानों की प्राप्ति के लिए, कामना करें।