सिंगापुर के राष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित राजभोज के अवसर पर माननीय राष्ट्रपति का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 09.02.2015
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महामहिम,
डॉ. टोनी तान केंग यम,
सिंगापुर गणराज्य के राष्ट्रपति,
मादाम मैरी तान,
विशिष्ट अतिथिगण,
महामहिम आपका और मादाम मैरी तान तथा आपके शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यों का आपकी भारत की पहली यात्रा पर, अत्यंत हार्दिक स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है।
महामहिम,
आपकी भारत की यात्रा विशेषकर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिन हमारी दोनों सरकारों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मनाने का महत्वपूर्ण अवसर है।
महामहिम,
भारत और सिंगापुर के बीच बहुत सी बातें समान हैं। हमारे संबंध चोलवंश के समय से शुरू हुए थे, जो संभवत: आपके देश में पहले बसने वाले लोगों में से थे। ये संपर्क औपनिवेशिक काल में,विशेषकर व्यापारियों, विद्वानों तथा बौद्ध भिक्षुओं के आवागमन के साथ, प्रगाढ़ हुए। हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, भारत से बहुत से देशभक्तों ने आपके देश में ठिकाना बनाकर औपनिवेशिक शासन के खिलाफ अपनी सेनाओं को इकट्ठा किया। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि आप अपने भारत विरासत केन्द्र में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने जा रहे हैं। वर्तमान समय में, भारत से पेशेवरों तथा कामगारों ने खुद को मनोयोग से सिंगापुर के आर्थिक विकास और प्रगति में लगाया है।
हम दोनों देश, लोकतंत्र,बहु-सांस्कृतिक समाजों, कानून के शासन,स्वतंत्र उद्यम और जनता के बढ़ते हुए पारस्परिक संपर्क के माध्यम से क्षेत्रीय भूमिका तथा साझा संपर्क पर आधारित साझीदारी की परिकल्पना करते हैं। हम समुद्र के आर-पार के साझीदार हैं तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय परिवेश के अभिन्न अंग हैं।
आज, हम इतिहास के ऐसे संक्राति काल में हैं जहां हमारे चारों ओर बड़े बदलाव दिखाई दे रहे हैं। हमने वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट तथा उसका हमारे क्षेत्र पर प्रभाव देखा है,भले ही इसका हम पर दूसरों से कम प्रभाव पड़ा है। हमने भू-सामरिक केन्द्र को एशिया की ओर खिसकते देखा है। हमने एशिया में शक्तियों का एकीकरण देखा है। महामहिम, यह हमारा प्रयास होगा कि हम अपने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने तथा अपनी जनता के विकास के लिए मिल-जुलकर प्रयास करें।
हाल ही के वर्षों में, हमारे द्विपक्षीय सहयोग की मात्रा और गुणवत्ता में विस्तार हुआ है। मुझे खुशी है कि हमने व्यापार और निवेश की मात्रा बढ़ाने, संयोजकता में तेजी लाने, स्मार्ट शहर, कौशल विकास तथा राज्य पर ध्यान देने जैसे पांच सूत्रीय कार्यक्रम को शुरू किया है। इससे उन प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को समसामयिक स्वरूप मिल पाएगा, जिनमें हमारी अनुपूरकताएं हैं। इसके अलावा, इससे अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, संस्कृति तथा दोनों देशों की जनता के बीच पारस्परिक आदान-प्रदान के परंपरागत क्षेत्रों में हमारे मौजूदा सहयोग में सहायता मिलेगी।
महामहिम,
हम सिंगापुर को आसियान तथा इस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ और अधिक नजदीकी सहयोग के प्रवेशद्वार के रूप में देखते हैं। हम भारत और आसियान को नजदीक लाने में आपकी भूमिका की सराहना करते हैं। भारत एशिया-प्रशांत में बड़ी भूमिका शुरू करने के लिए भी उत्सुक है।
महामहिम,
मैं भारत की आपकी सफल और आनंददायक यात्रा की उम्मीद करता हूं। हम कल आपके द्वारा पेरानाकन प्रदर्शनी के उद्घाटन के लिए उत्सुक हैं जो भारत की जनता के समक्ष आपकी सांस्कृतिक परंपराओं का प्रदर्शन करेगी। मुझे उम्मीद है कि आप हमारे कुछ सांस्कृतिक स्थलों को देख पाएंगे तथा हमारे समाज की धड़कनों का अनुभव कर पाएंगे।
महामहिम, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस जयंती वर्ष के दौरान हमारे बीच होने वाले आदान-प्रदानों से, हमारी जनता के लाभ के लिए तथा हमारे क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए हमारा सहयोग और अधिक प्रगाढ़ होगा।
देवियो और सज्जनो, इन्हीं शब्दों के साथ, आइए हम सब मिलकर:
-महामहिम राष्ट्रपति टोनी तान केंग यम और श्रीमती मैरी तान के स्वास्थ्य और खुशहाली;
- सिंगापुर की मैत्रीपूर्ण जनता की निरंतर प्रगति और समृद्धि; तथा
- भारत की जनता और सिंगापुर की जनता के बीच स्थाई मैत्री और सहयोग के लिए, कामना करें।
धन्यवाद,