सैन्य इंजीनियरिंग कॉलेज के इंजीनियरिंग स्नातक पाठ्य्रम पास करने के दीक्षांत समारोह पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
पुणे : 17.06.2017
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1. इस सुप्रसिद्ध कॉलेज के दीक्षांत समारोह पर आपके बीच उपस्थित होना मेरे लिए सचमुच गौरवशाली सौभाग्य है। सर्वप्रथम मैं पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक समाप्त करने के लिए सभी स्नातकों को बधाई देता हूं।
2.यह दीक्षांत समारोह आपके शैक्षिक विकास में एक महत्वपूर्ण आधारशिला है। आपके द्वारा अर्जित की गई डिग्री और पुरस्कार आपके कठोर परिश्रम और गहन समर्पण का परिणाम है। आप सबके लिए यह उतना ही गर्व का क्षण है जितना कि आपके प्रशिक्षकों, मार्गदर्शकों,संकाय सदस्यों और अभिभावकों के लिए है। उच्च शिक्षा के लिए आपकी जिज्ञासा जो कॉलेज के पोर्टल्स में आरंभ हुई,भारतीय सेना में आपके व्यवसायिक जीवन में सदैव बनी रहेगी। सीखना एक कभी समाप्त न होने वाली प्रक्रिया है और आपके मातृ संस्था द्वारा आपको प्रदान की गई। यह आपको नई सीमाओं तक पहुंचने के लिए सशक्त करेगी।
3. सज्जनो,यद्यपि आपके पाठ्यक्रम की सफलतापूर्वक समाप्ति गर्व और प्रसन्नता का विषय है,यह उन चुनौतियों के लिए केवल प्रारंभिक प्रयास हैं जो भविष्य में आपके सामने आने वाले हैं। आप एक ऐसे युग में रहते हैं जहां मन की सीमाओं के ऊपर प्रौद्योगिकी परिवर्तन का कदम स्थान ले रहा है। आज भी मैं बोलता हूं कि नई अवधारणाएं आरंभ हो रही हैं और स्थापित उदाहरणों का शोध किया जा रहा है और अनुसंधान के नए मार्ग खुल रहे हैं। अग्रणी अनुसंधान द्वारा परिवर्तन प्राणपोषक और मंत्रमुग्ध कर देने वाला है।
4.युवा टेक्नोक्रेट्स के रूप में आपके समक्ष चुनौति होगी कि रक्षा बलों के लिए प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अद्यतन विकास को ग्रहण किया जाए सैन्य बलों की तकनीकी बुद्धि के रूप में राष्ट्र इन प्रौद्योगिकी विकास के दोहन द्वारा रक्षा बलों को ऑपरेट करने के तरीकों को परिभाषित करने और उनमें सुधार लाने की आपसे अपेक्षा करेंगे। वर्दी में इंजीनियर के रूप में आपको अच्छे इंजीनियर होने और समान रूप से अच्छे सैनिक होने की दोहरी भूमिका निभानी होगी। राष्ट्र और लाखों लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी नियत कार्य की पूर्ति करने के लिए आपको उन्हें आवश्यक तकनीकी जानकारी और कौशल व्यवस्था देने का प्रमुख कार्य करना होगा। देश के दूर-दराज क्षेत्रों में अवसंरचना का निर्माण करना इंजीनियर्स के रूप में आपके समक्ष सबसे बड़ी चुनौति है और बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे विश्वास है कि आप तकनीकी जानकारी और विशेषज्ञों का इन चुनौतियों को पूरा करने के लिए भरपूर लाभ उठाएंगे।
5.जैसा कि आप सभी अवगत हैं। ज्ञान इस सदी में विश्व की उपभरती हुई करेंसी है। इस सैन्य इंजीनियरी के सुविख्यात उत्कृष्ट संस्थाओं में आपके द्वारा दी गई तकनीकी जानकारी का आपको उपयोग करना चाहिए। आप अपने सभी प्रयासों में सफलता, व्यवसायिक दक्षता और अद्यतन विकासों की जानकारी रखकर सफलता पा सकते हैं। इसलिए समय की मांग है कि आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सर्वोपयुक्त अद्यतन प्रौद्योगिकीयों का दोहन किया जाए। चुनौतियों को स्वीकार करने का आपका भावावेश आपको अभूतपर्वू लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए और भी अधिक सशक्त बनाएगा। मुझे यह जानकर खुशी है कि यह कॉलेज अगले वर्ष अपनी प्लैटिनम जुबली मनाएगा। कीर्तिमान75 वर्षों में इस कॉलेज ने देश की सेवा में अमिट छाप छोड़ी है। मुझे बताया गया है कि वे कार्मिक जो सीएमई के पोर्टल द्वारा उत्तीर्ण हुए हैं,उन्होंने अपने उत्साह को ऑपरेशनों और शांतिमय समय में साबित किया है। यह सुनिश्चित करना संकाय के अथक प्रयासों के कारण संभव हो सका है कि संस्थान ने परिवर्तनशील सुरक्षा वातावरण और प्रौद्योगिकीय विकास में कदम रखा है।
6.तीव्र परिवर्तनशील वातावरण में एक कारक जो बदला नहीं है वह है पूरे देश द्वारा सैन्य बलों में आस्था रखना। भारतीय सैन्य इंजीनियरों ने पारंपरिक रूप से सुविख्यात राष्ट्रीय परियोजनाओं चाहे वह सियाचीन की तेल पाइपलाइन हो,सुप्रसिद्ध नौसेना ठिकाने और उत्तरपूर्व में एयर फिल्डस अथवा हिमालयी शृखंला में सड़क कटान हो,में पारंपरिक रूप से अपने निशान छोड़े। मुझे विश्वास है कि आपमें से प्रत्येक भी अपने दिग्गज पूर्वजों के पद्चिह्नों का अनुसरण करेगा और आपसे अपेक्षित उच्च मानदंडों पर कायम रहेगा।
8.आज जब आप स्नातक हो गए हैं,मैं आपसे प्रार्थना करूंगा कि आप अपने लिए एक योग्य लक्ष्य निर्धारित करें और इसको साकार करने के लिए अपने तकनीकी ज्ञान और समर्पित परिश्रम का उपयोग करें। आप सबके साथ मेरी शुभकामनाएं और बधाई विशेषकर विजेताओं को उनके परिश्रम में आश्चर्यजनक सफलता के लिए।
9.अंत में मैं आप सबको एक पारितोषिकीय व्यवसायिक संतोषजनक जीवनवृत,अच्छे स्वास्थ्य और आपके सभी प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं। आपके साथ समस्त देश की शुभकामनाएं हैं।
जय हिंद।