सैन्य इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियरी कॉलेज के दीक्षांत समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
सिकंदराबाद : 19.12.2015
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1. मुझे 96वें डिग्री इंजीनियरी और 24वें तकनीकी प्रवेश योजना पाठ्यक्रमों के दीक्षांत समारोह के लिए आपके बीच उपस्थित होने का अवसर प्राप्त करके वास्तव में प्रसन्नता हो रही है। सर्वप्रथम,मैं पाठ्यक्रम की सफल पूर्णता के लिए सभी स्नातक अधिकारियों की सराहना करता हूं।
2. यह दीक्षांत समारोह आपके शैक्षिक विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। आप सभी के द्वारा प्राप्त डिग्री और पुरस्कार आपके परिश्रम और समर्पण का फल है। यह आपके शिक्षकों,मार्गदर्शकों, संकाय सदस्यों और अभिभावकों के लिए उतना ही गौरवपूर्ण क्षण है जितना कि आपके लिए। उच्च शिक्षण का आपका प्रयास जो सैन्य इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियरी कॉलेज के मंच से आरंभ हुआ,भारतीय सेना में आपके संपूर्ण पेशेवर कार्यावधि में जारी रहेगा। सीखना एक कभी न समाप्त होने वाली प्रक्रिया है और आपकी मातृसंस्था द्वारा प्रदत्त मजबूत नींव विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए क्षितिज खोजने में आपको सबल बनाएगी।
3. सज्जनो,आपकी स्नातक शिक्षा एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण यात्रा की शुरुआत है। आप ऐसे युग में रह रहे हैं जहां प्रौद्योगिकी संक्रमण इतना तेज है कि मेरे बोलने के दौरान नई अवधारणाएं शुरू की जा रही हैं,स्थापित उदाहरण पुन:परिभाषित हो रहे हैं तथा अनुसंधान नए पथ खोल रहे हैं। मौलिक अनुसंधान द्वारा प्रेरित बदलाव उत्साहजनक और आकर्षक दोनों हैं। नवीनतम रक्षा प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना तथा यह सुनिश्चित करना आपकी चुनौती होगी कि भारतीय सेना इनसे लाभान्वित हो।
4. युद्ध सामग्री का इतिहास सैन्य संघर्ष के परिणाम में प्रौद्योगिकी की निर्णायक भूमिका का प्रमाण है। संभावित प्रतिद्वन्द्वियों के मुकाबले सैन्य क्षमता में बढ़त कायम रखने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नत करने की आवश्यकता है। राष्ट्र की रक्षा क्षमता को विकसित करने और बढ़ाने में सैन्य बल और प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण साझीदार रहे हैं।
5. युवा प्रौद्योगिकीविदों के रूप में, आपकी सैन्य नवान्वेषण की गति को तेज करके रक्षा बलों के प्रयोग हेतु प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम विकासक्रम को अपनाने की जिम्मेदारी होगी। राष्ट्र आपसे हमारे प्रतिद्वंदियों पर स्पर्द्धात्मक बढ़त प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नति के प्रयोग द्वारा रक्षा बलों के कार्य के तरीके को परिभाषित और परिवर्तित करने की उम्मीद करता है।
6. सैन्य इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियरी कॉलेज सचमुच एक अनूठा संस्थान है जो प्रौद्योगिकी प्रबंधन के उच्चतम कौशल स्तर द्वारा इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियरी कोर के मानव संसाधन को सशक्त बनाता है,वर्तमान इंजीनियरी के सर्वोत्तम तरीकों को अपनाता है तथा सैन्य प्रणालियों के विकास के लिए अनुपयुक्त अनुसंधान भी करता है। सैन्य इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियरी कॉलेज में प्रशिक्षण का दायरा विस्तृत और विविध है जिसमें जवानों के लिए प्रौद्योगिकी स्नातक तथा अधिकारियों के लिए प्रौद्योगिकी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का बुनियादी प्रशिक्षण शामिल है।
7. मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई है कि इस कॉलेज में प्रशिक्षण की रूप-रेखा ने सामाजिक वातावरण और प्रौद्योगिकी उन्नति दोनों के साथ तेजी बना रखी है। मार्गदर्शक अस्त्र प्रणालियां और संबद्ध प्रौद्योगिकी संकाय राष्ट्र की रक्षा के अपने उद्देश्य के साथ जोड़ने की रक्षा बलों दूरदृष्टि का प्रमाण है।
8. सज्जनो,ज्ञान परम शक्ति है जो वर्तमान शताब्दी में विश्व मुद्रा के रूप में उभर रही है। आपका ज्ञान और उत्साह आपको रचनात्मक विचारों और नवान्वेषणों की दिशा में अग्रसर करेगा जिससे मौजूदा पद्धतियों और प्रणालियों पर प्रभाव पड़ेगा और उनमें सुधार होगा। चुनौतियों को स्वीकार और नियंत्रित करने की आपकी जिजीविषा से आप राष्ट्रीय और संगठनात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सशक्त बनेंगे।
9. युवा प्रौद्योगिकीविदों के तौर पर,आपको याद रखना चाहिए कि भारतीय सेना अनेक असैन्य नवान्वेषणों में अग्रदूत रही है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि दोनों स्नातक पाठ्यक्रमों में बायोमीट्रिक से लेकर सौर ऊर्जा तक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। परियोजनाओं की व्यापक विविधता का नागरिक समाज तथा सैन्य क्षेत्र दोनों में प्रयोग किया जाएगा। सैन्य प्रौद्योगिकी ने नागरिक समाज को अत्यंत लाभ पहुंचाया है तथा इसके अप्रत्यक्ष उत्पादों ने राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इस वर्ष सैन्य दिवस पर प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना की आठ परियोजनाओं में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्रदान किए जिनमें से चार सैन्य इलेक्ट्रानिक और मैकेनिकल इंजीनियरी कॉलेज की हैं। मुझे विश्वास है कि आप सभी इस विरासत को जारी रखेंगे और प्रौद्योगिकी के साथ आपका संबंध जारी रहेगा।
10. आपके स्नातक बनने पर, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप अपने लिए एक उपयुक्त लक्ष्य तय करें तथा ऐसा करके इसे साकार करने के लिए अपनी तकनीकी क्षमता,कौशल और परिश्रम को प्रयोग करें। मैं आप सभी विशेषकर पुरस्कार विजेताओं को यह व्यक्तिगत उपलब्धि प्राप्त करने के लिए सराहना करता हूं। मुझे विश्वास है कि इसके बाद आप और उपलब्धियां हासिल करेंगे।
11. अंत में मैं एक सौभाग्यपूर्ण और पेशेवर रूप से संतोषप्रद जीवनवृत्ति,अच्छा स्वास्थ्य तथा आपके सभी प्रयासों के सफल होने की कामना करता हूं। ईश्वर सदैव आपके साथ रहे।
जयहिन्द।