साइबर पार्क तथा जेंडर पार्क, डिजीटल सशक्तीकरण अभियान के उद्घाटन और ‘कनिवु’ योजना के शुभारंभ के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
कोझीकोड : 27.02.2016
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1. कोझीकोड के इस समारोह में यहां उपस्थित होना मेरे लिए प्रसन्नतादायक है जहां विशिष्ट पहल,जैसे (1) श्रम सहकारी क्षेत्र में साइबर पार्क (2)सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का डिजीटल सशक्तीकरण अभियान (3)जैंडर पार्क और (4) सामाजिक न्याय विभाग की योजना कनिवु का उद्घाटन किया जा रहा है। मैं यहां आमंत्रित किए जाने तथा केरल के लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करने का अवसर देने के लिए राज्य सरकार का आभारी हूं।
देवियो और सज्जनो,
2. विगत कुछ दशक में केरल द्वारा की गई प्रगति सराहनीय है। आज यह सामाजिक विकास विशेषकर शिक्षा,स्वास्थ्य और महिला सशक्तीकरण के क्षेत्रों में गौरवपूर्ण रूप से अग्रणी पंक्ति में है। केरलवासी उत्तम जीवन जीते हैं जिसकी विश्व के अधिकांश विकसित देशों के साथ तुलना की जाती है। यह उल्लेखनीय प्रगति सरकार,विभिन्न सामाजिक संगठनों के मिलेजुले प्रयासों और सबसे महत्त्वपवूर्ण केरल के लोगों के परिश्रम,खुलेपन तथा उद्यम की भावना के कारण संभव हुई है।
3. केरल क्रमिक रूप से एक अधिक सभ्यतामूलक समाज के रूप में विकसित हो चुका है। इसकी देश में सबसे अधिक साक्षरता दर है। केरल2002 के आरंभ में दो सफल परियोजनाओं की शुरुआत करके ई-साक्षरता में भी अग्रणी है। अक्षय परियोजना प्रत्येक परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को ई-साक्षर बनाने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी। आई टी@ स्कूल परियोजना का लक्ष्य प्रत्येक उच्च विद्यालय के विद्यार्थी को कम्प्यूटर का मौलिक ज्ञान प्रदान करना है।
4. केरल ने ई-शासन के माध्यम से सरकारी सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए2005 में अपना प्रथम राज्य आंकड़ा केंद्र स्थापित किया। इसे2011 में दूसरे केंद्र द्वारा और सुदृढ़ बनाया गया। यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि केरल में अपने नागरिकों को ई-सेवाएं प्रदान करने के लिए लगभग सभी विभागों को शामिल करते हुए अब छह सौ से अधिक ई-शासन अनुप्रयोग मौजूद हैं। इन्हें अब मोबाइल प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। राज्य के सभी जिलों को ई-जिला परियोजना के दायरे में लाया गया है। अकेले राजस्व विभाग प्रतिदिन अपने नागरिकों को लगभग तीस हजार डिजीटल प्रमाण पत्र डिजीटल तौर से प्रदान करता है। सरकार के सक्रिय उपायों के साथ इंटरनेट और स्मार्टफोन प्रयोग की वृद्धि के कारण गत्यात्मक प्रौद्योगिकी परिदृश्य ने केरल को तेजी से एक ज्ञान सशक्त अर्थव्यवस्था में बदल दिया है। राज्य में95 प्रतिशत मोबाइल घनत्व है तथा साठ प्रतिशत से अधिक जनसंख्या की पहुंच इंटरनेट तक है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में ब्रॉडबैंड संबद्धता से केरल वास्तव में डिजीटल राज्य के रूप में उभरा है।
देवियो और सज्जनो,
5. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि केरल सरकार ने अपनी सशक्त डिजीटल अवसंरचना का लाभ उठाते हुए एक डिजीटल साक्षरता अभियान आरंभ किया है। तिरुअनंतपुरम जिले में प्रायोगिक परियोजना के तौर पर शुरू और विद्यार्थी पुलिस कैडेट की मदद से कार्यान्वित, इस पहल का लक्ष्य सभी वर्गों के नागरिकों को डिजीटल रूप से सशक्तीकरण बनाना है। इससे सरकारी और निजी सेवाओं को सुरक्षित तरीके से प्राप्त करने के लिए सामान्य नागरिक इंटरनेट का प्रभावी प्रयोग कर पाएगा। एक बार सम्पूर्ण राज्य में फैलने के बाद, अभियान में तीस से साठ वर्ष की आयु समूह के लगभग तीस लाख नागरिक शामिल हो जाएंगे। इस शानदार पहल से,केरल2020 तक एक पूर्ण डिजीटल समाज बनने की राह पर है।
6. मुझे प्रसन्नता है कि इस अवसर पर,एक साइबर पार्क, जो मालाबार प्रदेश का पहला सूचना प्रौद्योगिकी पार्क है,का भी उद्घाटन किया जा रहा है। इस सूचना प्रौद्योगिकी पार्क को एक श्रम सहकारी संस्था उरालुंगल श्रम संविदा सहकारी संस्था द्वारा देश में विकसित अपनी तरह का प्रथम होने की प्रतिष्ठा प्राप्त है। प्रख्यात समाज सुधारक गुरु वाग्भदानंद द्वारा1925 में स्थापित इस संस्था ने क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने रोजगार अवसर प्रदान करके आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद की है। यू एल साइबर पार्क नामक यह सूचना प्रौद्योगिकी पार्क ज्ञान आधारित क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने में मदद करेगा। मुझे बताया गया है कि5 लाख वर्ग फुट क्षेत्र का प्रथम चरण प्रदेश के बीस हजार लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने के अलावा पांच हजार पेशेवरों के लिए एक आधार मुहैया करवाएगा। मुझे विश्वास है कि यह पार्क केरल को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अन्य अग्रणी भारतीय राज्यों की पंक्ति में खड़ा कर देगा।
देवियो और सज्जनो,
7. इस प्रदेश के सामाजिक,आर्थिक विकास के सतत् पथ का दायित्व आर्थिक कार्यकलापों में महिलाओं की अधिकाधिक भागीदारी पर है। ऐसे अनेक कार्यक्रम हैं जिनका लक्ष्य महिलाओं को विकास और निर्णय प्रक्रियाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है। केरल लैंगिक समता उपायों में अग्रणी है तथा अधिक लैंगिक केंद्रित दृष्टिकोण में अग्रणी राज्य है। तथापि यह अनुभव किया गया है कि और अधिक बड़ा लैंगिक केंद्रित दृष्टिकोण आवश्यक है जहां सभी स्त्री-पुरुषों की विकास अवसरों,संसाधनों और लाभों तक बराबर पहुंच हो तथा प्रमुख निर्णय करण क्षेत्र में समान भागीदारी हो।
8. इस संदर्भ में,सामाजिक न्याय विभाग द्वारा आरंभ जैंडर पार्क की अभिनव अवधारणा महत्त्वपूर्ण है। यह विशिष्ट पार्क लैंगिक संबंधित शिक्षा,उद्यमशील प्रशिक्षण तथा क्षमता विकास कार्यकलापों के एक समागम केंद्र के रूप में कार्य करेगा। यह लैंगिक समावेशी विकास को एक सुदृढ़ गति प्रदान करेगा।
9. मेरे विचार से,पार्क में परिकल्पित प्रासंगिक बहुविधात्मक अनुसंधान तथा शिक्षण प्रक्रियाओं के जरिए ज्ञान सृजन को नीति निर्माण के साथ जोड़ना होगा। मुझे बताया गया है कि यह पार्क न केवल गैर-सरकारी संगठनों,शिक्षा जगत और नागरिक समाज को लैंगिक सम्बंधित अनुसंधान कार्यकलाप आरंभ करने के लिए एक मंच उपलब्ध करवाएगा बल्कि महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में नए प्रयासों का परीक्षण और अनुकरण भी करेगा। जैंडर पार्क पहले ही शी टैक्सी और संदेश वन जैसे नवान्वेषी कार्यक्रमों को आजमा रहा है जो महिलाओं को उन आर्थिक क्षेत्रों में शामिल करेगा जिनके लिए उन्होंने पहले प्रयास नहीं किए हैं। जैंडर पार्क से शुरू अनुसंधान और ज्ञान आधार के दीर्घकालिक लाभ होंगे। मैं यह जानने के बाद और अधिक आशान्वित हूं कि केंद्र का कायाकल्प अंतत: लैंगिक समानता, महिला सशक्तीकरण और विकास पर केंद्रित विश्वविद्यालय में हो जाएगा।
देवियो और सज्जनो,
10. केरल की देखभाल और करुणा की एक लम्बी परंपरा है। कनिवु योजना इस संबंध में एक और पहल है। केरल में एक सुदृढ़ सामाजिक सुरक्षा तानाबाना होने के बावजूद,आबादी के एक बड़े हिस्से को गरीबी,पुराने जानलेवा रोगों, अशक्तता और आकस्मिक निर्धनता की समस्याओं से निपटने में कठिनाई हो रही है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि राज्य में किसी को खाद्य,चिकित्सा उपचार और देखभाल का अभाव न रहे।
11. कनिवु पहल के माध्यम से सरकार उन रोग शैय्या पर पड़े हुए और गंभीर मनोविकारग्रस्त लोगों तक पहुंचेगी जो वास्तव में अकेले रह रहे हैं। इस परियोजना के लिए100 करोड़ रुपए निर्धारित करके,राज्य सामुदायिक भागीदारी के जरिए ऐसे जरूरतमंद लोगों तक खाद्य,चिकित्सा और देखभाल पहुंचाने का दायित्व उठाएगा। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि राज्य सरकार की सभी सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक देखभाल पहल अब‘कनिविंते केरलम’अथवा ‘करुणामय केरल’के छत्र के अंतर्गत आ जाएंगी।
देवियो और सज्जनो,
12. लोगों की सक्रिय भागीदारी से बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। केरल ने स्थानीय सरकारों को मजबूत बनाने तथा विकास के विकेंद्रण में काफी सफलता प्राप्त की है। इसने नियोजन,निर्णयकरण, संसाधन जुटाने तथा पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में सभी वर्गों के लोगों की भागीदारी तय करने के कदम उठाए हैं। लोकतंत्र केरल के विचार और संस्कृति में निहित है। केरल में संसदीय लोकतंत्र, विविध विचार मानने वाले शिक्षित और जागरूक मतदाताओं की सुदृढ़ नींव पर फल-फूल रहा है। यहां एक बहुपंथीय और बहुजातीय समाज समावेशिता और सहिष्णुता की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए सदियों से मिलजुल कर रह रहा है। केरल वास्तव में अनेकता में एकता की अवधारणा का प्रतीक है,यही विचार भारत को परिभाषित करता है।
13. मैं एक बार पुन: केरल की जनता को अपनी हार्दिक बधाई देता हूं तथा उनके उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य की कामना करता हूं। मैं आज उद्घाटित इन सभी परियोजनाओं की अत्यधिक सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्वास है कि वे लोगों के जीवन स्तर को सुधारने और उनके कल्याण में उल्लेखनीय योगदान देंगी।
धन्यवाद,
जय हिंद!