रोटरी इंटरनेशनल द्वारा पोलियो-फ्री कॉन्क्लेव के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

विज्ञान भवन : 29.03.2014

डाउनलोड : भाषण रोटरी इंटरनेशनल द्वारा पोलियो-फ्री कॉन्क्लेव के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण(हिन्दी, 222.11 किलोबाइट)

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मुझे आज भारत की पोलियो मुक्त स्थिति का जश्न मनाने के लिए आपके बीच आकर बहुत खुशी हो रही है। अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन आयोग द्वारा इस आशय की आधिकारिक मान्यता प्रदान किया जाना कि भारत ने पोलियो के विरुद्ध अपनी जनसंख्या को कारगर ढंग से प्रतिरक्षित कर लिया है और पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया है, एक ऐतिहासिक अवसर है। एक ऐसे देश के लिए जो हाल ही तक इस विषाणु से सबसे बुरी तरह प्रभावित था, यह एक भारी उपलब्धि है।

2. पोलिया उन्मूलन भारत सरकार का एक प्राथमिकता प्राप्त स्वास्थ्य लक्ष्य रहा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति भारत सरकार द्वारा संपूर्ण देश में संचालित किए गए एक अभूतपूर्व तथा विशाल कार्यक्रम के द्वारा संभव हो पायी है। चिकित्सकों, स्वयंसेवकों, पेशेवरों, निजी उद्यमों तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भारत सरकार तथा राज्य सरकारों की इस अभियान में सहायता दी। वे सभी इस असाधारण, सामूहिक प्रयास के लिए एकजुट हुए—जो कि इस गंभीर बीमारी के उन्मूलन के लिए जरूरी था। यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा रोटरी इंटरनेशनल नेटवर्क जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने विभिन्न तरह के मानवीय तथा सामग्री संसाधनों और बेहतर परिपाटियों के साथ इसमें सहयोग दिया।

3. मैं उन सभी के प्रति हार्दिक सराहना व्यक्त करना चाहूंगा। मैं उन अनगिनत भारतीय पुरुषों एवं महिलाओं को बधाई देना चाहूंगा जिन्होंने विभिन्न स्तरों पर संचालित इस प्रयास के कार्यान्वयन में बढ़चढ़कर खुद को लगाया। उन्होंने आज प्राप्त इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, जहां भी जरूरत पड़ी, जागरूकता फैलाने, पोलियो की खुराक पिलाने तथा अनुवर्ती चौकसी संबंधी जांचों तथा तत्काल चिकित्सा प्रदान करने में निरंतर सहयोग दिया।

भारत जैसे देश में, जहां हमारी भारी जनसंख्या तथा सुदूर के क्षेत्रों तक पहुंच एक चुनौती है, इस कार्यक्रम का देश के प्रत्येक कोने तक पहुंचना, स्वयंसेवकों द्वारा सभी समुदायों को प्रतिरक्षण के महत्त्व के बारे में बताकर उनसे निर्धारित खुराक को समय पर लेने के लिए हर बार सहयोग प्राप्त करना, इस कार्यक्रम में सभी संबंधित लोगों की अभूतपूर्व प्रतिबद्धता का प्रतीक है

5. रोटरी इंटरनेशनल को मुझे यहां बुलाने के लिए धन्यवाद देते हुए, मैं वर्षों के दौरान देश के सभी हिस्सों में पोलियो के विरुद्ध व्यापक मुहिम के संचालन के प्रति उनके अडिग समर्थन तथा निरंतर प्रयासों का उल्लेख करना चाहूंगा।

6. देवियो और सज्जनो, आज इस खुशी के मौके पर, हमें उन देशों के बारे में सोचना होगा, जिनकी पोलियो के विषाणु के विरुद्ध लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और जिनके बच्चों की इससे अभी पूरी तरह सुरक्षा नहीं हो पाई है।

7. कुछ ही सप्ताह पूर्व, भारत के पोलियो-मुक्ति के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर, मैंने इस बात पर जोर दिया था कि हमारी इस सफलता के बाद हमें और सतर्क रहना होगा : हम तब तक जोखिम में बने रहेंगे जब तक कि पूरा विश्व इस जीवाणु से मुक्त नहीं हो जाता। हमें सतर्क तथा तैयार रहना होगा तथा यह सुनिश्चित करने के लिए हरेक सावधानी बरतनी होगी कि हमारे देश में इस भयंकर बीमारी की पुनरावृत्ति न हो। मैं मानता हूं कि क्योंकि विषाणु और रोग सीमाओं को नहीं मानते इसलिए यह हमारे हित में है कि हम विश्व समुदाय की उस जनसंख्या की सहायता करें जिन्हें अभी भी पोलियो का खतरा है। मैं चाहूंगा कि हमारे लोग उन देशों तक पहुंचें जो हमारी सफलता तथा अनुभव से लाभ उठा सकते हैं। नाइजीरिया, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, पश्चिम अफ्रीकी देशों तथा सीरिया, जिनको पोलियो ग्रस्त माना जाता है, की कई तरीकों से सहायता की जा सकती है। हम उनके साथ ऐसी कार्यनीतियां, जिनसे हमें सफलता मिली है तथा जिनसे हमारी स्वास्थ्य प्रणालियों और अवसंरचना में सुधार आया है, साझा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक कहीं भी पोलियो के विषाणु जीवित हैं, तब तक यह सभी जगह की जनसंख्या को खतरा है।

8. मुझे विश्वास है कि जब हम पूरी दुनिया से पोलियो के विषाणु के स्थाई उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग कर रहे हैं, हमें अपने साझीदारों की सहायता का भरोसा कर सकते हैं, इस बारे में रोटरी इंटरनेशनल का विश्वव्यापी नेटवर्क मूल्यवान होगा। उन्होंने यह दिखाया है कि स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को हल करने के सरकारी प्रयासों में सहयोग तथा अनुपूरकता में सिविल समाज महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने ऐसा अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है कि, मुझे विश्वास है कि यह हमारे देश में स्वास्थ्य सेवा के अन्य क्षेत्रों में इसी तरह की साझीदारी की प्रेरणा देगा। मेरा मानना है कि चाहे वह बड़ा योगदान हो या छोटा, इस समग्र प्रयास में मूल्यवान होगा।

9. इन्हीं शब्दों के साथ, मैं एक बार फिर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राज्य सरकारों तथा उन सभी को फिर से बधाई देता हूं जिन्होंने भारत को पोलियो मुक्त करने में योगदान दिया है। मैं इस ऐतिहासिक दिवस पर भारत की जनता का अभिनंदन करता हूं तथा उनके स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना करता हूं।

जय हिंद!

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