रायपुर, छत्तीसगढ़ में राज्योत्सव समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
रायपुर, छत्तीसगढ़ : 06.11.2012
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12वें राज्य निर्माण दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ की नई राजधानी रायपुर में आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।
राष्ट्रपति के पद पर आसीन होने के बाद मेरी यह छत्तीसगढ़ की पहली यात्रा है। मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि मुझे इस नए और तेजी से प्रगतिशील राज्य की जीवंत साहित्यिक तथा अकादमिक बिरादरी के विभिन्न लोगों से मिलने का अवसर मिल रहा है।
मैं इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर आप सभी को तथा आपके माध्यम से इस नए राज्य के 25 मिलियन से अधिक लोगों को बधाई देता हूं।
छत्तीसगढ़ एक नया राज्य है जिसका अति प्राचीन इतिहास है तथा अपनी शानदार सांस्कृतिक विरासत है। यह माना जाता है कि यह भगवान राम की माता कौशल्य की भूमि तथा संत-कवि वाल्मीकि की तपो-भूमि है।
प्रकृति ने इसकी भूमि के 45 प्रतिशत से अधिक हिस्से को हरियाली से आच्छादित किया है। लौह अयस्क, एल्यूमीनियम, बौक्साइट, टिन, कोयला और हीरों के खनिज पदार्थों से समृद्ध होने के अलावा इस राज्य में महानदी, श्योनाथ, सोन, हसदेव आदि जैसी बड़ी-बड़ी नदियां भी मौजूद हैं।
छत्तीसगढ़ की जनसांख्यिकी का चित्रपट अनूठा है और इसमें उत्तर में सरगुजा और दक्षिण में बस्तर स्थित है। इसकी लगभग 32 प्रतिशत जनसंख्या जनजातियों की है जिसमें कुछ अति प्राचीन जनजातियां भी हैं। यह राज्य विभिन्न देशों के मानवशास्त्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है जिसमें सुप्रसिद्ध वैरियर एल्विन भी शामिल हैं जिन्हें गांधी जी अपना चौथा पुत्र मानते थे। एल्विन ने अपने जीवन के कई उपयोगी वर्ष बस्तर में बिताए और बस्तर की जनजातियों के जीवन और संस्कृति पर कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकें लिखी। इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति की झलक पाने के लिए मैं नारायणपुर भी जाऊंगा जो कि अबूझमाड़ का प्रवेश-द्वार कहा जाता है।
विशिष्ट अतिथिगण,
छत्तीसगढ़ वह राज्य है जहां पर सुप्रसिद्ध कलचुरी साम्राज्य ने लगभग 800 वर्षों तक शासन किया तथा इस राज्य के पास देश में सबसे पुरानी पंचायती राज प्रणाली की समृद्ध विरासत है। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद, यह राज्य देश के सबसे तेजी से प्रगति करने वाले राज्यों में शामिल है। नए राज्य ने कई मोर्चों पर समग्र विकास दर्शाया है तथा राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
यह जानकर खुशी होती है कि छत्तीसगढ़ विभिन्न जगहों से पर्यटन को आकर्षित कर रहा है। यहां ‘चित्रकूट’ तथा ‘तीरथगढ़’ जैसे सुंदर झरने हैं। यहां पर शिवरीनारायण, राजीव लोचन तथा चंपारण जैसे प्राचीन धार्मिक तथा आत्याध्यमिक तीर्थाटन केंद्र भी स्थित हैं। मुझे बताया गया है कि ‘सिरपुर’ में एक पुरातात्विक खुदाई के दौरान 7वीं ईसवी सदी का एक बौद्ध शहर खोज निकाला गया है जो कि इस राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का द्योतक है।
स्वामी विवेकानंद ने अपने बचपन के कई वर्ष रायपुर में बिताए। कोलकाता के अलावा उन्होंने अपने जीवन का सबसे अधिक समय रायपुर में बिताया। महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर कुछ महीनों के लिए अपनी पत्नी के साथ पेंड्रा में ठहरे थे। जब वे रेल की प्रतीक्षा कर रहे थे तो उन्होंने बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर एक सुंदर कविता लिखी थी जो कि वहां पर प्रदर्शित की गई है।
महात्मा गांधी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तीन बार छत्तीसगढ़ आए और उन्होंने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में इसके योगदान का भरपूर उल्लेख किया है। मैं इस अवसर पर, इस धरती के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करता हूं।
छत्तीसगढ़ में दो महान संतों संत कबीर और गुरु बाबा घासी दास के बहुत से अनुयायी हैं, जिन्होंने अपने गहन आध्यात्मिक ज्ञान से हमें प्रकाशित किया है। अमरकंटक के पहाड़ों की तलहटी में स्थित ‘कबीर चौरा’ को गुरु नानक और संत कबीर की मुलाकात के स्थान के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार छत्तीसगढ़ न केवल भौगोलिक दृष्टि से भारत के केंद्र में स्थित है बल्कि यह श्रेष्ठ भारतीय संस्कृति, विरासत तथा परंपराओं तथा प्राकृतिक सुंदरता का भी प्रतीक है।
मैं इस अवसर पर समाज के विभिन्न वर्गों के उन प्रमुख व्यक्तियों को बधाई देना चाहता हूं जिन्हें अपने-अपने क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। यह दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की बहुतायत है जो उसके जीवंत तथा सक्रिय समाज का द्योतक है।
मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि 21वीं सदी के भारत का, नया रायपुर पहला सुव्यवस्थित राजधानी शहर है और इसे आधुनिक और हरित शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसे पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए वर्षा जल संचयन तथा सौर ऊर्जा-उपयोग जैसी विशेषताओं को शामिल किया गया है। नागरिकों के आराम तथा उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अलग से बस लेन, साइकिल ट्रैक, पैदल पथ तथा बैरियर मुक्त आवागमन की व्यवस्था की गई है। हरित तथा स्वच्छ परिवहन व्यवस्था के लिए शुरुआती चरण से ही एक रेपिड बस ट्रांजिट सिस्टम विकसित किया जा रहा है।
मैं राज्य के नेतृत्व को बधाई देना चाहूंगा कि वे रायपुर शहर को कल्पनाशीलता से तथा सतत् विकास के प्रति प्रतिबद्धता के साथ विकसित कर रहे हैं। मैं राज्योत्सव के इस अवसर पर इस राज्य की जनता को बधाई देता हूं तथा मंत्रालय के नए भवन को जनता की सेवा के लिए समर्पित करता हूं। मुझे उम्मीद है कि छत्तीसगढ़, देश की उम्मीदों पर खरा उतरता रहेगा तथा अपनी जनता के प्रत्येक वर्ग, खासकर निर्धनतम लोगों की, जरूरतों को पूरा करने प्रयास करता हुआ प्रगति की ओर बढ़ता रहेगा।
मैं अंत में, त्यौहारों के इस मौसम में, आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएं देता हूं तथा शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना करता हूं।
जय हिंद!