राष्ट्रपति स्काउट/गाइड/रोवर/रेंजर तथा अडल्ट लीडर पुरस्कार प्रमाण-पत्र प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 09.09.2013
डाउनलोड : भाषण (हिन्दी, 229.72 किलोबाइट)
1.इस पुरस्कार वितरण समारोह में उपस्थित होकर तथा आपसे मिलकर मुझे वास्तव में खुशी हो रही है।
2. वर्ष 1961 में जब मेरे प्रख्यात पूर्ववर्ती डॉ. राजेंद्र प्रसाद, भारत के प्रथम राष्ट्रपति, ने खुद को भारत स्काउट और गाइड के साथ जोड़ा था, तभी से इन वार्षिक पुरस्कारों की परंपरा बनी हुई है। आप में से सर्वोत्तम उपलब्धि प्राप्त करने वालों को पुरस्कार मिलने से पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्काउट और गाइडों को अपनी ऊर्जा को बढ़-चढ़कर सामुदायिक सेवा तथा राष्ट्रनिर्माण में लगाने का प्रोत्साहन तथा प्रेरणा मिली है।
3. मैं, भारत में अपना विस्तृत राष्ट्रीय नेटवर्क विकसित करने तथा संपूर्ण विश्व में मैत्री और सहयोग का प्रसार करने के लिए अपने समकक्ष संगठनों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए भारत के स्काउट और गाइड अभियान की सराहना करता हूं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि आपकी संख्या 51 लाख तक पहुंच चुकी है जो कि एक रिकॉर्ड है। यह निश्चित रूप से ‘सेवा’ के ध्येय वाक्य को अपनाने तथा राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए कार्य करने के प्रति भारत के युवाओं के बढ़ते हुए उत्साह का प्रतीक है।
4. मुझे भारत स्काउट और गाइड समुदाय को अपना साधारण सा संदेश देने का अवसर मिला है इसकी मुझे विशेष खुशी है : आपके देश को आप पर गर्व है। आप समर्पित युवाओं के अत्यंत प्रेरित तथा सुसंगठित संगठन का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपने एक गैर राजनैतिक प्रकृति के अत्यंत कुशल स्वैच्छिक अभियान के रूप में अपनी उपयोगिता सिद्ध की है, जो कि एक जागरूक तथा प्रगतिशील समाज के निर्माण के उपयोगितापूर्ण कार्य में लगा हुआ है।
5. आपका प्रेरक नारा ‘ईश्वर के प्रति दायित्व, दूसरों के प्रति दाियत्व तथा अपने प्रति दायित्व’, आपमें ऐसे आध्यात्मिक सिद्धांतों का समावेश करेगा जो चरित्र का निर्माण करें। इससे आपको हमारे समाज में परस्पर सम्मान तथा भाईचारा फैलाने की प्रेरणा मिलेगी। स्काउट और गाइड अभियान में अपनी सहभागिता से आप खुद की बौद्धिक, शारीरिक और आध्यात्मिक क्षमता को साकार कर सकेंगे।
6. देवियो और सज्जनो, हमें आज उन सामाजिक टकरावों का अच्छी तरह अहसास है जो हमारे समाज में तेजी से बदलाव ला सकते हैं। हमारा देश इस समय एक अभूतपूर्व जनसंख्यात्मक बदलावों से गुजर रहा है। वर्ष 2020 में औसत भारतीय की आयु 29 वर्ष होगी। इससे पता चलता है कि हमारे लिए आज अपने युवाओं पर ध्यान केंद्रित करना कितना जरूरी है। जब हम समावेशी विकास की बात करते हैं, तो जमीनी स्तर पर मौजूद नेता ही इस बदलाव का माध्यम होंगे। मुझे विश्वास है कि स्काउट और गाइड अभियान इस तरह का नेतृत्व वहां उपलब्ध करा पाएगा, जहां इसकी जरूरत है अर्थात् पिरामिड की जड़ में।
7. मुझे मालूम है कि आपका एक अभियान है ‘खरी कमाई’, जिसमें आप पारिश्रमिक पर काम करते हैं और वह कमाई आपकी यूनिटों द्वारा उपयोग में लाई जाती है। यह साधारण-सा अभियान, आपको श्रम की गरिमा का पाठ पढ़ाता है, जो कि एक ऐसा महत्त्वपूर्ण मूल्य है जिसकी गांधी जी ने दृढ़ता से वकालत की थी। कम उम्र में ही आपमें इस मूल्य का समावेश होने से यह आप में आत्म-विश्वास, आत्म-निर्भरता तथा दायित्व बोध भर देगा।
8. भारतीयों के रूप में, हमने प्रकृति के प्रति गहरी श्रद्धा विरासत में प्राप्त की है। मेरे विचार से, अपने प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षा तथा परिरक्षा एक राष्ट्रीय दायित्व है। इस दायित्व के प्रति अधिक जागरूकता पैदा करना तथा हमारे समाज का प्रत्येक सदस्य इस महत्त्वपूर्ण दायित्व को किस तरह से पूरा कर सकता है, एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आपके सदस्य बहुत योगदान दे सकते हैं।
9. मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि अपने जीवन स्तर को सुधारने के अपने प्रयासों के दौरान हमें सामाजिक व्यवस्था का स्तर भी ऊंचा उठाने का प्रयास करना होगा। हमें अपने चारों ओर रहने वाले लोगों की भावनाओं तथा इस बात के प्रति अधिक-से-अधिक जागरूक रहना चाहिए कि हमारे शब्दों और कार्यों से उन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। जब हम उन समस्याओं का उन्मूलन करने का प्रयास कर रहे हैं, जो हमारी समाजिक व्यवस्था में समस्या खड़ी करते हैं और हम असंतुलनों का हल ढूंढ़ रहे हैं तो हमें सामूहिक रूप से उन मूल्यों की पहचान करनी चाहिए जिन्होंने सदियों से हमारे समाज के बहुलवादी तथा पंथनिरपेक्ष ताने-बाने को बनाए रखने में योगदान दिया है। और हमें इन नैतिक मूल्यों को इस तरह सशक्त करना होगा ताकि हम जब वैश्विक दुनिया में प्रवेश करें तो हम, भारतीयों के रूप में, इन विशिष्ट परंपराओं के प्रति ईमानदार बने रहें। इसी प्रकार हमें अपने लोकतांत्रिक समाज के सभी वर्गों के बीच अधिक सहिष्णुता तथा समझ विकसित करने के प्रयास करने होंगे। हमारे प्रयासों से युवाओं के बीच राष्ट्रीय गौरव की भावना विकसित करने में सहायता मिल सकती है तथा उन्हें संकीर्ण तथा बटवारा करने वाली विचारधाराओं की पहचान करके, उन्हें अस्वीकार करने की शिक्षा मिल सकती है। ‘शुद्ध मन, वचन और कर्म’ का स्काउट और गाइड का नियम वास्तव में एक शानदार सिद्धांत है। इस संदर्भ में, खासकर स्काउट, गाइड, रोवर तथा रेंजर सौभाग्यशाली हैं क्योंकि उन्हें अडल्ट लीडरों का मार्गदर्शन प्राप्त होता है।
10. मैं इस अवसर पर, कुछ ही माह पूर्व उत्तराखंड की भयावह बाढ़ सहित, विभिन्न बचाव और पुनर्वास कार्यों में स्काउटों और गाइडों के अथक प्रयासों की हार्दिक सराहना करता हूं। आप अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सबसे आगे रहे हैं। कुंभ मेले के दौरान रेलवे तथा नागरिक प्रशासन को सहायता, स्कूलों के पुनर्निर्माण का कार्यक्रम, पोलियो उन्मूलन, तंबाकू विरोधी अभियान, शिक्षा प्रसार तथा सामुदायिक कार्यशालाएं, आप द्वारा सफलतापूर्वक पूर्ण की गई परियोजनाओं में से कुछेक हैं। मैं भारत स्काउट और गाइड अभियान के हर एक सदस्य को राष्ट्र के प्रति उसकी नि:स्वार्थ सेवा के लिए धन्यवाद देता हूं। मुझे विश्वास है कि अपनी हर एक पहल के साथ आप बहुत से लोगों को आगे आने तथा समान समर्पण और ईमानदारी के साथ योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं।
11. इन्हीं शब्दों के साथ, मैं एडल्ट लीडरों सहित, भारत स्काउट और गाइड संगठन के सभी पुरस्कार विजेताओं को उनकी प्रशंसनीय तथा विशिष्ट सेवाओं के लिए बधाई देता हूं। मैं भारत स्काउट और गाइड का अभिनंदन करता हूं और आपके प्रयासों की निरंतर सफलता की कामना करता हूं। आप दिन-दूनी रात-चौगुनी तरक्की करें।
जय हिंद!