राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
विज्ञान भवन : 11.05.2016
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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह की इस संध्या में आपके बीच होने में मुझे हर्ष है।18 वर्ष पूर्व का 11मई का यह दिन भारत की प्रौद्योगिकीय क्षमताओं के विकास के संबंध में महत्वपूर्ण हैं। वर्ष1998 में इस दिन भारत ने पोखरण में सफलतापूर्वक परीक्षण द्वारा परमाणु प्रौद्योगिकी में एक बड़ी खोज की थी। यह दिन हमारे मिसाइल और उड़ान प्रौद्योगिकियों की उपलब्धियों से भी संबंधित है।
2.राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस वैज्ञानिक जांच और तकनीकी उत्कृष्टता के हमारे प्रयास का प्रतीक है और उस प्रयास को एक वैज्ञानिक सामाजिक और औद्योगिक दृष्टिकोण में बदलना है। यह न केवल हमारे प्रौद्योगिकीय नवान्वेषण बल्कि कठिन अनुसंधान के बाद संपूर्ण जनता को सुपरिणाम उपलब्ध कराते हुए इसके सफल वाणिज्यिकरण का प्रतीक है।
3.इस अवसर पर मैं हमारे देश के समर्पित वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को बधाई देता हूं । उनके अथक प्रयास और अपार उत्साह ने भारत के उद्भव में एक प्रौद्योगिकी शक्ति का मार्ग प्रशस्त किया है। अब हम करोड़ों देशवासियों को सशक्त कराने के लक्ष्य वाली प्रौद्योगिकी क्रांति के लिए कार्य कर रहे हैं।
देवियो और सज्जनो,
4.आर्थिक विकास के एक प्रमुख घटक के रूप में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को पहचानते हुए हमने हमेशा अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास पर विशेष ध्यान दिया है। भारत धीरे-धीरे वैज्ञानिक अनुसंधान में एक अग्रणी देश बनने की ओर अग्रसर है। यह अंतरिक्ष खोज के क्षेत्र में सर्वोच्च पांच राष्ट्रों में प्रतिष्ठित है। हाल ही में अपनी35वीं उड़ान में इसरों के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ने धुरी में सफलतापूर्वक1425 किलोग्राम उपग्रह का प्रक्षेपण किया है। यह भारतीय क्षेत्रीय दिशासूचक ग्रह प्रणाली का सांतवा तथा अंतिम उपग्रह था जिसने हमें राष्ट्रों के विशिष्ट समूह में शामिल होने में सक्षम बना दिया। मैं भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के संपूर्ण समुदाय को इस ‘भारत में निर्माण’विशेष उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं। हमें अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होना हैं क्योंकि इस उपलब्धि से हमें मौजूदा प्रौद्योगिकी को और आगे बढ़ाने की प्रेरणा ग्रहण करनी चाहिए। विज्ञान,शिक्षा और अनुसंधान से तेजी से आ रहे बदलावों से प्रौद्योगिकी बढ़त वाले देश ही प्रतिस्पर्द्धात्मक विश्व बाजार में सफल होंगे।
देवियो और सज्जनो,
5.नवान्वेषण निष्क्रियता का उपचार है। हमारे देश के युवा विचारों और उद्यम भावना से भरपूर हैं। वे सामान्य जन की दैनिक समस्याओं के समाधान ढूंढने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर रहे हैं। चतुराई समर्थित प्रौद्योगिकी पर्याप्त कल्याण लाभ पैदा कर सकती है। इसलिए मैं इस वर्ष के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह के विषय‘स्टार्ट अप इंडिया में प्रौद्योगिकी सहायक’को पूर्णत: संदर्भित और उपयुक्त मानता हूं।
6.प्रौद्योगिकी स्टार्टअप दृष्टिकोण 2010 से भारतीय उद्यमिता के लिए प्रमुख प्रेरक बल के रूप में उभरा है। लगभग4300स्टार्टअप के साथ भारत आज दुनिया में तीसरा विशालतम स्टार्ट अप वातावरण प्रणाली है। इस स्टार्टअप अभियान की एक प्रमुख विशेषता हमारे युवाओं की अधिक भागीदारी है। वास्तव में भारत के72प्रतिशत स्टार्टअप संस्थापक 35 वर्ष से कम आयु के हैं,उन सभी को बधाई हो।
7.नए युग के उद्यमियों की इस प्रतिभावान पीढ़ी की एकजुट शक्ति को प्रयोग करना होगा। उनकी प्रौद्योगिकी एवं व्यवसाय मॉडल पहले ही कुछ झगड़े की उन समस्याओं को सुलझा रहे हैं जिनका सामना नागरिक अपने रोजमर्रा के जीवन में करते हैं। उनके द्वारा आरंभ किए गए कुछ अपूर्व समाधानों में दवाईयों और किराने का वितरण;बजट होटल मार्केट बढ़ाना;तीव्र एवं वहनीय स्वास्थ्य सेवाएं,शिक्षा और कृषि प्रौद्योगिकी प्रदान करना;और भाषा सीखना-सीखाना शामिल है। उनके उत्पाद उनकी अपने उद्योगों में सकारात्मक रूप से खलल पैदा कर रहे हैं। देश में बढ़ते हुए मोबाइल,आरंभ करते हुए हस्तशिल्प, शिक्षा, कृषि,पर्यटन और परिवहन के क्षेत्रों में स्टार्ट अप्स की शुरुआत हो रही है। स्टार्ट अप्स द्वारा सृजित रोजगार और इनके द्वारा कार्य करने के बाजार स्थल समेकित वृद्धि के यंत्र के रूप में कार्य कर रहे हैं। मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारतीय बाजार और समाज में समग्र समाज स्टार्ट अप प्रतिबद्धताओं की विशाल क्षमता का शोषण करने की क्षमता है।
देवियो और सज्जनो,
8.भारत के पास स्टार्टअप प्रणाली में भागीदारी के सार्थक अवसर उपलब्ध करवाने के लिए युवाओं की क्षमता को प्रयोग करने की कार्यनीति होनी चाहिए। इससे वर्तमान अनुकूल जनसांख्यिकीय परिवर्तन के लाभ हासिल करने में मदद मिलेगी। इससे पिछड़े हुए करोड़ों नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को बढ़ाने में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप करने और इसे प्रभावी बनाने में भी सहायता मिलेगी।
9.वित्तपोषण,समेकन मंच, उपयुक्त प्रौद्योगिकी तथा बढ़ते घरेलू बाजार की उपलब्धता जैसे अनुकूल तत्वों के कारण भारतीय स्टार्टअप प्रणाली का आशाजनक परिदृश्य उभर रहा है। हम भविष्य में और अधिक स्टार्टअप देख सकेंगे। 2020 तक 11,000स्टार्टअप की संभावना केवल स्वप्न नहीं बल्कि वास्तविकता है।
देवियो और सज्जनो,
10.सरकार ने देश में स्टार्ट अप्स की विकास क्षमता को कसकर पकड़ रखा है। स्टार्ट अप इंडिया पहल इस वर्ष देश में उद्यमिता और रोजगार सर्जन को बढ़ाने की योजना के साथ जनवरी में लॉन्च हुई थी। मैं पंख को फैलाते हुए अधिक से अधिक उद्यमी प्रतिभा के प्रसार और विकासशील बाजार में नवाचारी उत्पाद समाधान निकालने की उम्मीद करता हूं। भारत की स्टैंड अप इंडिया योजना महिलाओं और कमजोर वर्गों के बीच विद्यमान क्षमता को गतिशील बनाने में सहायक होगी। मेरे विचार से इन योजनाओं में मेरे विचार से सामाजिक आर्थिक बदलाव के दूसरा तरीका निकालने की क्षमता है, ठीक उसी प्रकार जैसे पिछले दशक में रोजगार का अधिकार,शिक्षा और खाद्य कानूनी गारंटी की सहायता पहल के रूप में प्रदान की गई थी।
11.डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहलों के द्वारा सरकार स्टार्ट अप्स के लिए सीधे अनुकूल वातावरण तैयार कर रही है तथापि ऐसी पारिस्थितिकीय तंत्र प्रणाली के लिए सरकार के प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। यह इसके लिए विभिन्न स्तर के स्टेक होल्डरों की सक्रिय भागीदारी और योगदान की आवश्यकता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर मैं आप सभी से इस दिशा में निरंतर प्रयास करने की शपक्ष लेने का आग्रह करता हूं।
12.निष्कर्ष से पूर्व मैं कहना चाहता हूं कि भारत बहुत से प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में एक विश्व अग्रणी के रूप में धीरे-धीरे उभर रहा है। नयेपन और रचनात्मक विचारों को प्राथमिकता देकर हम अपने समय की महत्वपूर्ण सामाजिक आर्थिक चुनौतियों के प्रति नवोन्वेषी उत्तर ढूंढने के लिए सामान्य नागरिकों को प्रेरित कर सकते हैं। मैं अपने देश के सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे इस अवसर पर खड़े हों और नवोन्वेष को जीवनशैली बना लें। मैं आपके उद्यम में आपकी तीव्र गति और सफलता की कामना करता हूं ।
धन्यवाद।
जय हिन्द।