न्यूजीलैंड के स्वतंत्र राज्य के गवर्नर जनरल, महामहिम लेफ्टिनेंट जनरल मान्यवर सर जेरी मेटपरे द्वारा राष्ट्रपति के सम्मान में दिए गए रात्रि भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

सरकारी आवास, ऑकलैंड : 30.04.2016

डाउनलोड : भाषण न्यूजीलैंड के स्वतंत्र राज्य के गवर्नर जनरल, महामहिम लेफ्टिनेंट जनरल मान्यवर सर जेरी मेटपरे द्वारा राष्ट्रपति के सम्मान में दिए गए रात्रि भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण(हिन्दी, 271.33 किलोबाइट)

spमहामहिम लेफ्टिनेंट जनरल मान्यवर सर जेरी मेटपरे, महामहिमगण, विशिष्ट अतिथि, देवियो और सज्जनो, शुभ संध्या।

1.मैं आपके शालीन शब्दों के लिए आपको धन्यवाद करता हूं। भारतीय राष्ट्रपति की पहली राज्य यात्रा पर न्यूजीलैंड आने के लिए मैं सचमुच अपने को आनंद और बड़ा सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

2.मान्यवर, जैसा कि मैंने आज सुबह उल्लेख किया था कि इस सुंदर भू-भाग की यह मेरी पहली यात्रा है और मैं इस शहर से अनभिज्ञ भी नहीं हूं क्योंकि मुझे1995 में राष्ट्रमंडल के शीर्ष सम्मेलन में मेरे विदेश मंत्री होने के दौरान अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि दक्षिण अफ्रीका राज्य के प्रमुख के रूप में प्रथम बार नेल्सन मंडेला ने सरकार के राष्ट्रमंडल प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लिया।

3. इस यात्रा में मुझे कृषि एंव किसान कल्याण मंत्रालय में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान और हमारे देश के अलग-अलग दलों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों द्वारा इस सुंदर देश के बारे में बताया गया है। हम अपने साथ सरकार और भारत गणराज्य के लोगों की ओर से शुभकामनाएं लाए हैं।

4.मान्यवर, सर्वप्रथम मैं आपके द्वारा हार्दिक स्वागत और मुझे दिए गए आतिथ्य के लिए आपका धन्यवाद करता हूं। मुझे आपके सुंदर देश में आने पर बड़ी प्रसन्नता है।

5. भारत और न्यूजीलैंड की सरकार और जनता ने वर्षों से मैत्री और सहयोग के सफल संबंध को विकसित किया है। दोनों देशों के बीच एक परस्पर अनूठा विश्वास संबंध और समझ है जो हमारे साझे मूल्यों और सहक्रियाओं पर आधारित है। यद्यपि दोनों देश भौगोलिक दूरी द्वारा पृथक हैं, विगत वर्षों में, उनका सहयोग बढ़कर बहुमुखी,गतिशील और फलदायी सिद्ध हुआ है।

6. हमें ध्यान है कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक नए उत्साह विशेषकर प्रधानमंत्री, माननीय जॉन की, के जून, 2011 में भारत की यात्रा से एक नए उत्साह का संतोष है। 2013 में हमारे द्विपक्षीय व्यापार ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर की सीमा पार की। तथापि, हमारी अर्थव्यवस्थाओं और अनेक क्षेत्रों में हितों की वृहत अभिसारिता के सापेक्ष हम दोनों इस बात से सहमत हैं कि व्यापर और निवेश के वर्तमान स्तर को प्रबलता से विकसित किए जाने की आवश्यकता है ताकि इसकी पर्याप्त क्षमता का दोहन किया जा सके।

7. मान्यवर सरलता और नवीकरण वे गुण हैं जिनके लिए न्यूजीलैंड जाना जाता है। यदि कुछ नाम लिए जाएं तो न्यूजीलैंड ने डेरी विकास, खाद्य प्रसंस्करण, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी,स्वच्छ ऊर्जा और जल,आपदा प्रबंधन,बायोटैक्नोलॉजी, स्वास्थ्य देखभाल और सेवाओं में आश्चर्यजनक प्रगति की है। भारत सामान्य हित के क्षेत्रों में न्यूजीलैंड के साथ नई भागीदारी की उम्मीद करता है। भारत हमारी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल में भारतीय समकक्षों के साथ जुड़ने के लिए न्यूजीलैंड से निवेशकों और उद्यमियों को आमंत्रित करता है। हम इन क्षेत्रों में अपना द्विपक्षीय सहयोग अवश्य बढ़ाना चाहेंगे, न्यूजीलैंड के सफल अनुभवों और अभ्यास से सीखना चाहेंगे और आपको नए और अभिनव उत्पादों के निर्माण में और प्रौद्योगिकी में सहयोग करना चाहेंगे। भारत साझा हितों के क्षेत्र में न्यूजीलैंड के साथ नई भागीदारी को आगे बढ़ाने की उम्मीद करता है। हम न्यूजीलैंड से भारतीय समकक्षों के साथ मेरी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ में निवेशकों और उद्यमियों को आमंत्रित करते हैं।

मान्यवर, विशिष्ट देवियो और सज्जनो,

8. हमारे दोनों देश मूल्यों और आकांक्षाओं की असाधारण अभिसारिता के भागीदार हैं और दोनों ने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने और उसे बनाए रखने में स्वतंत्रता की शानदार भावना का प्रदर्शन किया है जो देशों के सौहार्द के लिए मुख्य रूप से महत्वपूर्ण है। हमारे दोनों देश क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों में सक्रिय भागीदार हैं और दोनों ने परस्पर हित और चिंता के विषय पर पर्याप्त निकटता से काम किया है। हम दोनों देश संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकताओं के सशक्तीकरण की आवश्यकताओं को पहचानते हैं। हम उनमें सुधार देखना चाहेंगे ताकि वे विश्व द्वारा आज सामना की जा रही चुनौतियों का मुकाबला करने में संदर्भित और प्रभावी रहें। इस संदर्भ में भारत अंतरराष्ट्रीय कार्यक्षेत्र में अहम उत्तरदायित्वों को निभाने के लिए पहले से तैयार है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में न्यूजीलैंड ने वैश्विक सुरक्षा के मामलों का निपटान किया है और छोटे राज्यों द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों को प्रकाशित किया है। न्यूजीलैंड द्वारा पिछले वर्ष यूएनएससी चुनाव में दर्शाए गए प्रभावी समर्थन से आपकी कूटनीति की गुणवत्ता और वह विश्वास जो अन्य देशों का आपमें है स्पष्ट होता है। हम क्षेत्रीय और वैश्विक संदर्भ में हमारे दोनों देशों के बीच संवर्धित सहयोग की उम्मीद करते हैं।

9. मान्यवर, न्यूजीलैंड में भारतीय मूल की 170,000से अधिक आबादी है। हमारे लोगों से लोगों के संपर्क बढ़ रहे हैं। भारतीय छात्र न्यूजीलैंड में उच्च अध्ययन के लिए बढ़-चढ़ कर विकल्प दे रहे हैं और दोनों दिशाओं में यात्रियों के प्रवाह में संवर्धन है। भारतीयों में जाना जाने वाला सबसे प्रसिद्ध न्यूजीलैंड सर एडमंड हिलैरी है। आज भारत के घर-घर में न्यूजीलैंड के क्रिकेटरों के नाम जुबान पर हैं। आज न्यूजीलैंड के क्रिकेटर भारत के घर-घर में जाने जाते हैं।

10. महामहिम, दोनों देशों के क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर हितों की वृहत अभिसारिता है। भारत विकसित और वृहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक सदस्य के रूप में नए न्यूजीलैंड के समर्थन की गहन सराहना करता है।

11.न्यूजीलैंड और भारत अंतरराष्ट्रीय उग्रवाद के विरुद्ध सामान्य चिंता करते हैं। हम बहुपक्षीय और क्षेत्रीय मंचों और नि:शस्त्रीकरण, जलवायु परिवर्तन और चिरस्थायी विकास सहित अन्य प्रमुख मसलों पर एक साथ कार्य कर रहे हैं।

12.यहां तक कि जब हम हमारी मजबूत मैत्री के निर्माण में तय की गई दूरी को संतोष से देखते हैं। हम दोनों देश इस बात से सहमत हैं कि अभी विशाल उपयुक्त क्षमता का एहसास करना बाकी है। इसके आगे जब हम हमारे द्विपक्षीय संवाद और अपने निर्णयों को देखते हैं, मुझे विश्वास है कि हम एक दूसरे के लिए और अधिक द्वार खोल सकते हैं क्योंकि हमने एक ठोस, व्यापार, आर्थिक स्थिति, राजनीतिक साझीदारी की स्थापना की है।

13.महामहिम इन शब्दों के साथ मैं आपको एक बार फिर आपकी शानदार आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।


धन्यवाद।

जयहिन्द।

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