नर्सिंग कर्मियों के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 12.05.2016
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1.हमारे देश के योग्य नर्सिंग कर्मियों को वर्ष2016 का राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार प्रदान करना वास्तव में मेरे लिए एक सुखद अवसर है। ये पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर प्रदान किए जाते हैं। सर्वप्रथम,मैं इस मौके पर संपूर्ण नर्सिंग समुदाय को अपनी हार्दिक बधाई देता हूं।
आज इन पुरस्कारों के माध्यम से हमने उन 35पुरुषों और महिलाओं को सम्मानित किया है जिन्होंने नर्सिंग के क्षेत्र में अपनी असाधारण सेवाओं के लिए विशिष्टता अर्जित की है। राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार विख्यात लेडी विद द लैंप के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है जो नर्सों के समर्पण का प्रतीक बनी हुई हैं तथा पूरे विश्व के नर्सिंग समुदाय को प्रेरित करती हैं। फ्लोरेंस नाइटेंगेल नर्सिंग को एक ऐसे स्वतंत्र पेशे के तौर पर देखती थी जिसका चिकित्सा पेशे के साथ एक अद्वितीय संबंध है। नर्सिंग पेशेवर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का आधार हैं। शिक्षा और नवान्वेषण के माध्यम से इस पेशे ने विगत कुछ वर्षों के दौरान अत्यधिक पेशेवर कौशल हासिल किया है।
देवियो और सज्जनो,
3.नर्सों की चाहे पोलियो उन्मूलन,दाई सेवा या समुदायिक शिक्षा जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान हों,स्वास्थ्य देखभाल के सभी पहलुओं में अहम भूमिका है। निष्ठा और देखभाल का उनका स्तर देश के सुदूर इलाकों सहित शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। राष्ट्र के स्वास्थ्य देखभाल लक्ष्यों की प्राप्ति में उनका योगदान अत्यावश्यक है। स्वास्थ्य क्षेत्र में उनका योगदान उतना ही अहम है क्योंकि वे उनके कार्य के लिए आवश्यक सहयोगी कार्य वातावरण पैदा करने में मदद करती हैं।
4.यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद ने इस वर्ष का उपयुक्त विषय‘नर्सेजःए कोर्स फॉर चेंजः इंप्रूविंग हेल्थ सिस्टम्स रेजीलेंस’चुना है।संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दि विकासात्मक लक्ष्यों को साकार करने के लिए लचीली स्वास्थ्य प्रणाली विकसित करना आवश्यक है। जीवाणु संबंधी प्रतिरोधकता,नई महामारियों, संक्रमण तथा प्राकृतिक आपदा जैसे उभरते हुए वैश्विक खतरों ने स्वास्थ्य देखभाल पर दबाव और मांग पैदा की है। नर्सों की सेवाएं इन चुनौतियों पर विजय पाने के लिए सरकार द्वारा सृजित प्रतिसंवेदना प्रणाली हेतु आवश्यक है।
5.नर्सिंग कार्य की स्थानीय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनुक्रियाओं के विकास में बड़ी भूमिका हो गई है इसलिए यह एक विश्वासपूर्ण और जागरूक नेतृत्व तैयार करेगा। ऐसा नेतृत्व नर्सिंग कार्यबल के हितों को पूरा करेगा तथा पेशेवर आवश्यकताओं के विकासशील स्वरूप को प्रामाणिकता के साथ पूरा करने के लिए उन्हें संगठित करेगा। इनकी उन्नत अंतर पेशेवर सहयोग तथा यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है कि उपयुक्त शासन और नीतियों द्वारा इनका सहयोग दिया जाए।
देवियो और सज्जनो,
6. देश के नर्सिंग कर्मी निरंतर बेहतर रूप से शिक्षित और सुप्रशिक्षित होते जा रहे हैं। अब वे रोगियों के साथ बातचीत करने तथा नागरिकों,समुदायों और नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने में निपुण हो गए हैं। अगले पंद्रह वर्षों में उनकी सेवाओं के स्वरूप में उल्लेखनीय बदलाव आएगा। इस क्षेत्र में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए नवान्वेषण और नेतृत्व के नए स्तर की आवश्यकता होगी। फिर भी, एक चीन बनी रहेगी और वह है,विश्व के सभी श्रेष्ठ समुदाय संवेदना,सहानुभूति और मानवता के लिए भारतीय नर्सों पर निर्भर रहेंगे।
7. पूरी बीसवीं शताब्दी और इक्कीसवीं शताब्दी में जीवन प्रत्याशा बढ़ाने तथा कम होते जा रहे बाल और मातृ मृत्युदर से जुड़े अधिकांश जोखिम कारणों को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। नर्सों ने बाल बचाव की दर को सुधारने में अहम योगदान दिया है। उनकी भूमिका और प्रभाव पूर्णतः विदित है। परंतु इस स्वास्थ्य देखभाल यात्रा में अभी अनेक दूरियां तय करनी बाकी हैं। इस संदर्भ में,मैं विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा विश्व बैंक समूह की रिपोर्ट की और आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। रिपोर्ट कुछ परेशानी भरे तथ्यों को सामने लाती है। एक में,विश्व के 400 मिलियन लोगों की आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं है। इसके बाद कम और मध्यम समूह वाले देशों के छह प्रतिशत लोग व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर व्यय के कारण अत्यंत गरीबी में जीने के लिए बाध्य हैं। ये गंभीर आंकड़े इस सच्चाई का सूचक है कि स्वास्थ्य और आर्थिक स्थितियों में सुधार एक दूसरे से मजबूती से जुड़े हैं। इसलिए हमें स्वास्थ्य क्षेत्र के सुधार में निरंतर निवेश करना होगा। प्रशिक्षित मानव संसाधनों का पर्याप्त और व्यापक विस्तार एक प्रमुख अवयव है।
देवियो और सज्जनो,
8. भारत सरकार ने पेशेवर नर्सिंग और दाई शिक्षा के लिए वैश्विक मानक तैयार किए हैं। इनका लक्ष्य नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना तथा राष्ट्रीय क्षेत्रीय और वैश्विक स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुरुप पेशेवर उन्नति के रास्ते बनाने का लक्ष्य है। प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के सभी पहलुओं में प्रगति की निगरानी के लिए अब नई प्रौद्योगिकियां उपलब्ध हैं। मुझे विश्वास है कि ये नए उपाय अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने में महत्वपूर्ण होंगे।
9. इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। मैं हमारे देश के मेधावी नर्सिंग पेशेवरों जिन्हें आज सम्मानित किया गया है,को अपने जीवनवृत्त में सफलता की शुभकामनाएं देता हूं। मैं स्वास्थ्य मंत्री तथा उनके मंत्रालय की,पुरस्कार तथा ऐसे कार्यक्रमों और प्रयासों के जरिए नर्सिंग समुदाय को प्रोत्साहित करने के प्रयत्नों के लिए अत्यधिक सराहना करता हूं। भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
धन्यवाद।
जय हिंद।