नागालैंड राज्य की पचासवीं वर्षगांठ के समारोहों और हॉर्नबिल उत्सव के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
किसामा, नागालैंड : 01.12.2013
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1. मुझे इस सुखद अवसर पर एक बार फिर नागालैंड में आपके बीच आकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। सबसे पहले मैं राज्य के रूप में 50 वर्ष पूरे करने पर नागालैंड की जनता और सरकार को बधाई देता हूं। मैं उन्हें हॉर्नबिल उत्सव 2013 के आयोजित करने के लिए भी बधाई देता हूं, जिसमें सभी नागा जनजातियां संगीत, नृत्य, खान-पान और संस्कृति की समृद्ध परम्पराओं के संरक्षण, सुरक्षा और उन्हें प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु मिलजुलकर प्रयास करने के लिए एक स्थान पर इकट्ठा हुई हैं। मुझे इस सुखद अवसर पर नागालैंड का एक स्मारक टिकट और एक कॉफी टेबल बुक जारी करके प्रसन्नता हो रही है।
2. मैं, राष्ट्रपति के रूप में अपनी प्रथम यात्रा पर इस वर्ष मई में यहां आया था और सात महीने की संक्षिप्त अवधि के भीतर दोबारा आया हूं। यह इस राज्य और इसके शानदार लोगों के प्रति मेरे प्रेम और इस राज्य की प्रगति और विकास को मेरे द्वारा दिए गए महत्व की साक्षी है।
देवियो और सज्जनो,
3. पचास वर्ष पहले, इसी दिन मेरे पूर्ववर्ती डॉ. एस राधाकृष्णन ने इस राज्य के उद्घाटन के दौरान सरकार से यहां के लोगों के मन और मस्तिष्क को जीतने करने पर बल दिया था। उन्होंने कहा था कि नेताओं को लोगों को साथ अपने संबंधों में मानवीयता और संवेदना बरतनी चाहिए ताकि वे अपनी निश्च्छल आनंद, गीत व नृत्य तथा भोजों और पर्वों से वंचित न हो पाएं। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि इस उत्सव के माध्यम से इस संदेश को अमल में लाया जा रहा है और मैं नेतृत्व से आग्रह करता हूं कि वह इस सलाह पर ध्यान देते रहें।
4. नागाओं की परंपराएं एवं प्रथाएं समृद्ध और विशिष्ट हैं। मैं इस अवसर पर शेष देश के लोगों का आह्वान करता हूं कि वे नागालैंड के बारे में जानें, राज्य में आएं, स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान दें तथा उन संबंधों को घनिष्ठ बनाएं जो हमारे देश के विभिन्न हिस्सों तथा लोगों को आपस में बांधे हुए हैं।
5. नागालैंड ने राज्य बनने के बाद एक लम्बी यात्रा तय की है। मानव विकास और औद्योगिक प्रगति में इसकी उपलब्धियां सराहनीय हैं। फिर भी, अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है। एक आधुनिक वैश्वीकृत दुनिया में, हमारे लोगों की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। अवसंरचना और संयोजकता की आवश्यकता है। युवाओं के पास रोजगार होना चाहिए। जीवन स्तर में प्रत्यक्ष सुधार किया जाना चाहिए। विकास समावेशी, समतापूर्ण और सतत होना चाहिए।
देवियो और सज्जनो:
6. हम आज ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जिसमें तेजी से सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी परिवर्तन प्रेरित से बदलाव हो रहे हैं। राष्ट्र और अर्थव्यवस्थाएं कभी भी इतनी घनिष्ठता से जुड़ी हुई नहीं थीं जितनी आज हैं। एक प्रौद्योगिकी प्रेरित ‘समतल’ विश्व में दूरी और राष्ट्रीयता अब बाधक नहीं रही है। इस बदलते समय में इस राज्य और हमारे देश के लोगों के लिए अभूतपूर्व अवसर मौजूद हैं।
7. शिक्षा और अवसंरचना वह प्रमुख तत्व हैं जिनसे नागालैंड के लोग इन अवसरों का लाभ हासिल कर सकेंगे। नागालैंड को देश के अग्रणी राज्यों के बीच पहुंचाना एक ऐसा लक्ष्य है जिसे दूरदृष्टि, नेतृत्व और परिश्रम से हासिल किया जा सकता है। केन्द्रीय और राज्य सरकारों को राज्य के सभी लोगों के सहयोग से सामूहिक प्रयास करने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए तथा इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए स्वयं को समर्पित कर देना चाहिए।
8. शांति और सुरक्षा के बिना विकास प्राप्त करना असंभव है। मैं सभी संबंधितों का आह्वान करता हूं कि वे राज्य में शांति का ऐसा परिवेश स्थापित करने की दिशा में मिल-जुलकर कार्य करें जिससे युवाओं के स्वप्न कम से कम समय में पूरे हो सकें।
9. मेरे पद संभालने के 16 महीने के भीतर, मैंने तीन बार असम, दो बार नागालैंड, दो बार सिक्किम तथा मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया है। केवल मिजोरम बाकी है और मुझे शीघ्र ही इस राज्य की यात्रा करने का अवसर मिलने की उम्मीद है। पूर्वोत्तर की मेरी जल्दी-जल्दी होने वाली यात्राएं इसके कार्यनीतिक महत्व तथा एक मजबूत और शक्तिशाली भारत के निर्माण में इसके द्वारा निभाई जा सकने वाली भूमिका का प्रतीक है।
10. पूर्वोत्तर के मानव संसाधन तथा इसके प्राकृतिक संसाधनों की गुणवत्ता को देखते हुए, इसके तेज, समावेशी तथा सतत् विकास प्राप्त करने की बहुत संभावनाएं हैं। यह क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों तथा विदेशों से भारी निवेश को आकर्षित कर सकता है। यह खुद को व्यापार और व्यवसाय के बड़े केन्द्र के रूप में विकसित कर सकता है। यह क्षेत्र भारत के अत्यंत महत्वपूर्ण भावी अवसरों में से एक बन सकता है तथा हमारे राजनेताओं, नीति निर्माताओं, प्रशासकों तथा अन्य सभी भागीदारों द्वारा इसे पूरा महत्व और ध्यान दिया जाना चाहिए।
11. भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र पांच देशों से जुड़ा हुआ है और यह भारत तथा दक्षिण पूर्व एशिया के बीच एक प्राकृतिक सेतु है। भारत की लुक-ईस्ट विदेश नीति का महत्वपूर्ण आधार यह है कि भारत को अपने एशियाई साझीदारों और शेष विश्व के साथ अधिक से अधिक जुड़कर अपना भविष्य खोजना चाहिए। भारत के भावी और आर्थिक हित शेष एशिया के साथ घनिष्ठ एकीकरण से ही बेहतर ढंग से पूरे होते हैं।
12. पूर्वोत्तर के राज्यों को विकास में हमारे पड़ोसी देशों को साझीदार बनाने तथा एशिया के उभरने और भारत के इस क्षेत्र के साथ बढ़ते आर्थिक एकीकरण से उत्पन्न अवसरों के प्रयोग में अग्रणी बनना चाहिए। केन्द्र और राज्य सरकारों को शेष भारत तथा हमारे पड़ोसियों के साथ तेजी से सम्पर्क और ढांचागत संबंध स्थापित करने के लिए एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।
13. भारत प्रत्येक कार्यक्षेत्र, चाहे व्यवसाय, उद्योग, व्यापार, शिक्षा या संस्कृति हो, में सुदृढ़ प्रगति कर रहा है। एक अरब लोग अपनी अधिकांश युवा आबादी के विचारों, उद्यम और ऊर्जा द्वारा आगे बढ़ रहे हैं। मुझे विश्वास है कि भारत शीघ्र ही एक मजबूत और सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरेगा, हमारी अर्थव्यवस्था तीव्र प्रगति करना जारी रखेगी तथा लोग उच्च जीवन स्तर तथा स्वतंत्रता, न्याय और समानता का आनंद उठाएंगे।
देवियो और सज्जनो,
14. नागालैंड और हमारे शेष राष्ट्र के लोगों का भविष्य साझा है। नागालैंड को हमारे देश में अपना उचित स्थान प्राप्त करना चाहिए। मैं नागालैंड के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अन्य राज्यों से संपर्क रखें। यह जानना सुखद है कि इस क्षेत्र के बहुत से युवा अतिथ्य सत्कार और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं और देश के अनेक हिस्सों में कार्यरत हैं। मैं नागालैंड के युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे बाकी देश के हमारे युवाओं से जुड़ें और मिलकर हमारे राष्ट्र का भविष्य निर्माण करें।
15. आइए हिंसा और संघर्ष के बुरे दिनों को पीछे छोड़ दें। एक नयी सुबह का उदय हो। आइए मिलकर अपने साझे भविष्य के प्रति विश्वास के साथ मिलकर आगे बढ़ें। भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्प और कर्तव्यबद्ध है कि प्रत्येक नागरिक समान अधिकार और समान अवसरों से युक्त गरिमापूर्ण जीवन जिए।
16. नागालैंड भारत के भविष्य का निर्माण करने में अग्रणी बना रहे। यह, शेष भारत के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करते हुए यह दिखाए कि पूरे क्षेत्र को किस तरह से शांति, स्थायित्व तथा समृद्धि के क्षेत्र में रूपांतरित किया जा सकता है।
17. अंत में इन्हीं शब्दों के साथ मैं, आपके राज्य में आमंत्रित किए जाने पर धन्यवाद करता हूं। मैं एक बार पुन: नागालैंड राज्य की पचासवीं वर्षगांठ पर आप सभी को बधाई देता हूं और उल्लासमय हॉर्नबिल उत्सव की कामना करता हूं।
धन्यवाद।
जय हिन्द!