नादाप्रभु केंपे गौडा राष्ट्रीय उत्सव के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति का अभिभाषण

नई दिल्ली : 15.04.2017

डाउनलोड : भाषण नादाप्रभु केंपे गौडा राष्ट्रीय उत्सव के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति का अभिभाषण(हिन्दी, 227.6 किलोबाइट)

speech1. मुझे नादप्रभु केंपे गौडा, बैंगलोर सिटी के संस्थापक के दो दिवसीय राष्ट्रीय उत्सव का उद्घाटन करते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है।

2.बंगलौर के संस्थापक के रूप में वृहद रूप से सम्मानित केंपे गौडा विजयनगर प्रशासक के अधीन एक न्यायसंगत और मानवीय गुणों से युक्त प्रशासक थे। उनकी प्रतिभा इस तथ्य में निहित है कि वे नियोजित शहरी विकास की परिकल्पना करके उसे कार्यान्वित कर सके जो 16वीं शताब्दी में अलग से नजर आती है। कैंपे गौडा के इस प्रतिभा का साक्ष्य है कि बंगलोर आबादी के अपूर्व चुनौतियों, ट्रैफिक और पर्यावरण संबंधी प्रदूषण के बावजूद आज भी गार्डन सिटी के रूप में कायम है।

3. कैंपे गौडा ने एक ऐेसे शहर के निर्माण की परिकल्पना की जो सैन्य छावनी जल टैंक, मंदिरों का स्थान है और व्यापारियों को रोजगार प्रदान करेगा। वे आवश्यक अनुमति के लिए विजय नगर के नरेश के पास पहुंचे और उन्होंने 1532 में बंगलौर सिटी की आधारशिला रखी।

4.इस नियोजित शहर में आठ प्रवेश द्वार और चौड़ी सड़कें और आज की एवेन्यू रोड, उल्सुर, एलाहुंका, के आर मार्गेट और मलेश्वरम तक फैले हुए सेटलमेंट हैं। कैंपे गौडा ने अनेक टैंक निर्मित किए और राजस्व और करों के न्यायसंगत संग्रहण और उपयुक्तता सुनिश्चित की। कृषक और व्यापारी केंपे गौडा के राज्य में बिना किसी डर के कार्य करते थे।

5.मित्रो, कैंपे गौडा के सम्मान में, केंद्रीय सरकार ने बंगलुरू एयरपोर्ट को केंपे गौडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम दिया। बंगलुरु में कॉरपोरेशन सर्कल पर स्थापित बंगलोर के संस्थापक की यादगार में एक धातु का बुत है जहां उस महान नगर की हलचल का नजारा दिखता है जो अलग-अलग बस्तियों से निर्मित है और जिस पर किसी समय कैंपे गौडा ने शासन किया था।

6.तथापि आज बंगलोर असीमित शहरीकरण की अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है। चाहे वह शहर में बढ़ता हुआ तापमान हो जो कभी इसके वातानुकूलित जलवायु, पर्याप्त ट्रैफिक अथवा हमारी फैली हुई नागरिक अवसंरचना के रूप में जाना जाता था, ये भारी चिंता के क्षेत्र हैं जबकि सरकार इसके मसलों को निपटाने के व्यस्त है, शहर के नागरिक भी समान रूप से जिम्मेदार हैं। कैंपे गौडा को सबसे उपयुक्त श्रद्धांजलि शहर को संरक्षित करना नहीं बल्कि उसको बनाए रखना होगा।

7.मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि नादप्रभु कैंपे गौडा फाउंडेशन जिसे पिछले साल 17 अप्रैल को जगत गुरु श्री श्री श्री विमलानन्दनाथ स्वामी जी के द्वारा स्थापित किया गया था। नादप्रभु कैंपे गौडा को लोकप्रिय बनाने के दिशा में कार्य कर रहा है। इसके अन्य कार्यों के अतिरिक्त, यदि फाउंडेशन बंगलोर की तर्ज पर कैंपे गौडा विरासत के संरक्षण संबंधी चुनौति हाथ में ले, तो यह न्यायसंगत होगा। इसे अनेक व्यक्तियों जैसे श्री अनंत कुमार और श्री सदानंद गौडा और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सुविख्यात लोगों का समर्थन प्राप्त है। यदि ऐसा संगठन नागरिकों सहित बंगलोर के विकास में भाग लेता है तो कोई ऐसा कारण नहीं है जो इसे सफलता न दिला सके।

8.अंत में मैं फाउंडेशन को शुभाकमनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि यह अपने उद्देश्यों की पूर्ति करेगा। मैं उनकी तीव्र प्रगति की कामना करता हूं।

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