मद्यपान और मादक पदार्थों (दवा) के दुरुपयोग की रोकथाम के क्षेत्र मंं उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

विज्ञान भवन, नई दिल्ली : 26.06.2014

डाउनलोड : भाषण मद्यपान और मादक पदार्थों (दवा) के दुरुपयोग की रोकथाम के क्षेत्र मंं उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण(हिन्दी, 237.61 किलोबाइट)

Speech by the President of India, Shri Pranab Mukherjee at the Presentation of National Awards for Outstanding Services in the Field of Prevention of Alcoholism and Substance (Drugs) Abuse.मुझे, मद्यपान तथा मादक पदार्थों के सेवन के दुरुपयोग की रोकथाम के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर आज की अपराह्न आपके बीच उपस्थित होकर वास्तव में प्रसन्नता हो रही है।

2. मैं सभी पुरस्कार विजेताओं को उनके द्वारा किए गए सराहनीय कार्य के लिए अपनी हार्दिक बधाई देता हूं। मैं समाज को नशा मुक्त बनाने की दिशा में कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतु सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की भी प्रशंसा करता हूं।

देवियो और सज्जनो,

3. मद्यपान और मादक पदार्थों का सेवन एक प्रमुख सामाजिक चिंता बन चुकी है। आज पूरी दुनिया किसी न किसी रूप में इस समस्या का सामना कर रही है। प्रमुख मादक पदार्थ पैदा करने वाले दो क्षेत्र—गोल्डन ट्राएंगल और गोल्डन क्रिसेंट के बीच भारत की संवेदनशील भौगोलिक स्थिति होने के कारण नशीले पदार्थों का खतरा निरंतर बढ़ रहे आयामों के साथ देश में अपने पंजे फैला रहा है। समाज को लोगों द्वारा नशीली दवाओं और शराब जैसे पदार्थों के दुरुपयोग के कारण भारी कीमत चुकानी पड़ती है। अवैध मादक पदार्थों का प्रयोग एक गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि इससे स्वास्थ्य की भारी चुनौतियां पैदा हो रही हैं। युवा पीढ़ी, नशीले पदार्थों के प्रति आसानी से आकर्षित होने के कारण, चाहे वह रोमांच, जिज्ञासा अथवा नशीली दवाओं से संबंधित जोखिम लेने व्यवहार हो, इस खतरे के प्रति अधिक असुरक्षित है। इस आयु में, अवैध नशीले पदार्थों को आजमाने के लिए साथियों का दबाव बहुत अधिक हो सकता है तथा जो लोग इन पदार्थों का सेवन करते हैं, उन्हें स्वास्थ्य को होने वाले जोखिम की गलत सूचना या कम जागरूकता होती है।

4. जहां एक ओर, मादक पदार्थों और शराब का प्रयोग बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर हम देखते हैं कि सामाजिक वर्जनाएं, आत्म संयम पर बल, संयुक्त परिवार प्रणाली में निहित अनुशासन तथा पारंपरिक मूल्यों का हृस हो रहा है। अन्य कारणों के साथ ही, देश में इस सामाजिक और आर्थिक संक्रांति के कारण तेजी से बदल रहा सामाजिक वातावरण मादक पदार्थों के दुरुपयोग के विस्तार में योगदान दे रहा है। कृत्रिम मादक पदार्थों तथा टीकों द्वारा मादक पदार्थों को लेने से होने वाले एचआईवी/एड्स ने इस मुद्दे में एक नया आयाम जोड़ दिया है। मादक पदार्थों का दुरुपयोग केवल नशीले पेय और दवाओं की उपलब्धता तथा आपूर्ति से उत्पन्न समस्या नहीं है बल्कि काफी हद तक इसका सम्बन्ध सामाजिक परिस्थितियों से है जिनमें इन पदार्थों के सेवन की मांग पैदा होती है। आधुनिक समाज की असुरक्षित स्थिति भी स्वापक और मनोत्तेजक मादक पदार्थों के सेवन और दुरुपयोग को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाती है।

5. शराब के हानिकारक प्रयोग से कुल मिलाकर व्यक्तियों, परिवारों और समाज को गंभीर सामाजिक और सामाजिक दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। मादक पदार्थों की अत्यधिक खुराक से मृत्यु भी हो सकती है। मादक पदार्थों के प्रयोग से पूरे परिवार पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इससे परिजनों, विशेषकर महिलाएं और बच्चे अत्यंत असुरक्षित हो जाते हैं। परिवार को अपमान, अलगाव और संसाधनों के अभाव का सामना करता है। इसलिए मद्यपान और मादक पदार्थों के दुरुपयोग से जुड़ी समस्याओं के लिए तुरंत सहायता प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों और परिवारों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है।

देवियो और सज्जनो,

6. नशे की लत से ग्रस्त व्यक्तियों का पता लगाने, उनको परामर्श देने और नशा छुड़ाने तथा उपचारोपरांत देखभाल और पुनर्वास के लिए बहुत सी समुदाय आधारित सेवाओं को उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है। शराबखोरी तथा नशाखोरी मानसिक-सामाजिक-चिकित्सा समस्या है तथा इसके लिए सर्वांगीण उपायों की जरूरत है। व्यापक उपचार कार्यक्रम का लक्ष्य केवल नशाग्रस्त व्यक्तियों से शराब अथवा नशीली दवाओं को छुड़ाना नहीं होना चाहिए। इन नशाग्रस्त व्यक्तियों को नशीली दवामुक्त, अपराधमुक्त तथा सार्थक रूप से रोजगार युक्त बनाकर समाज के उत्पादक सदस्य बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। नशीली दवाओं पर निर्भर व्यक्तियों के कारण सामाजिक तथा आर्थिक एकीकरण के लिए उनको कौशल तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के महत्त्व पर जोर दिया जाना चाहिए। नशीली दवाओं के हानिकारक प्रभावों के बारे में नवान्वेषी तरीकों से निरंतर तथा सतत् जागरूकता पैदा करना अत्यंत जरूरी है।

7. दिसंबर, 1987 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 26 जून को मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया। यह इसकी अंतररष्ट्रीय समाज को मादक पदार्थों के दुरुपयोग से मुक्त करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए कार्रवाई और सहयोग को मजबूत बनाने के संकल्प की अभिव्यक्ति थी। मादक पदार्थों तथा अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अंतरराष्ट्रीय अभियान का लक्ष्य भी समाज, विशेषकर युवाओं, के सम्मुख अवैध मादक पदार्थों द्वारा उत्पन्न प्रमुख समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

8. नशा मुक्त समाज की जरूरत के महत्त्व को समझते हुए, हमारे संविधान निर्माताओं ने राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के माध्यम से जन स्वास्थ्य में सुधार को सरकार का प्राथमिक कर्तव्य बनाया था। विशेषतौर से, हमारे संविधान के अनुच्छेद 47 में निर्धारित किया गया था कि ‘राज्य स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नशीले पेय तथा मादक दवाओं के चिकित्सीय उद्देश्यों के सिवाए उनके सेवन पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करेगा।’ मादक पदार्थों की आपूर्ति और मांग दोनों पर नियंत्रण के लिए स्वापक औषधि और मनोत्तेजक पदार्थ अधिनियम, 1985 बनाया गया। इस अधिनियम में मादक पदार्थों के अवैध व्यापार पर नियंत्रण के कठोर प्रावधान किए गए तथा सरकार को नशे की लत की रोकथाम और उपचार के केन्द्र स्थापित करने के अधिकार दिए हैं। गत वर्ष भारत सरकार ने उन संस्थाओं और व्यक्तियों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करना शुरू किया है जिन्होंने मद्यपान और मादक पदार्थ के दुरुपयोग की समस्या के समाधान के लिए जागरूकता पैदा करने, अनुसंधान तथा पुनर्वास जैसे उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। इन राष्ट्रीय पुरस्कारों की स्थापना, वास्तव में, इस समस्या के समाधान तथा इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने की सरकार की प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति है।

9. सरकार मद्यपान और मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए सहायता योजना अमल में ला रही है जिसका लक्ष्य नशामुक्ति और पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से जागरूकता, नशे की लत के शिकार लोगों की पहचान, उपचार और पुनर्वास सहित व्यापक सेवाएं प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत इस विषय में गैर सरकारी संगठनों तथा समुदाय आधारित संगठनों की भागीदारी की व्यवस्था की गई है। मुझे उम्मीद है कि इन प्रयासों से अंतत: न केवल जन स्वास्थ्य में सुधार तथा अपराध में कमी होगी बल्कि सम्पूर्ण सामाजिक माहौल में भी सुधार आएगा।

10. तथापि, समूचे नागरिक समाज की सक्रिय भागीदारी से बहुत कुछ किया जाना आवश्यक है। शराब तथा लत पैदा करने वाले पदार्थों के सेवन की मांग को कम करने के विचार से, निवारक शिक्षा कार्यक्रमों तथा नशे के आदी लोगों को समाज की मुख्य धारा में पुन: शामिल करने पर बल दिया जाना चाहिए। सामुदायिक संसाधनों को जुटाने तथा अधिक सामुदायिक भागीदारी पर जोर देना होगा। इसके अलावा, कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इन पदार्थों के दुरुपयोग के शिकार लोगों के पुनर्वास और समाज में पुन: शामिल करने में मदद के लिए उनकी आवश्यकताओं के बारे में संवेदनशील बनाया जाना चाहिए। मैं नियोक्ताओं से आग्रह करता हूं कि वे कार्यस्थलों पर शराब और मादक पदार्थ रोकथाम के प्रभावी कार्यक्रम शुरू करें। इससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि में भी मदद मिलेगी।

देवियो और सज्जनो,

11. आइए, आज के दिन हम सभी मिलकर मद्यपान और मादक पदार्थ की लत से पीड़ित लोगों की मदद करने के लिए सहयोग करें। मैं सभी भागीदारों का आह्वान करता हूं कि वे समग्र और संवेदनशील तरीके से समस्या का समाधान करने का प्रयास करें। आइए, हम में से हर-एक व्यक्ति मद्यपान और मादक पदार्थों के दुरुपयोग की समस्या से हुए नुकसान को रोकने तथा कम करने में योगदान दे ताकि हम एक स्वस्थ और खुशहाल समाज की दिशा में अग्रसर हो सकें। मैं एक बार फिर पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं तथा उनके प्रयासों और उपलब्धियों के लिए उनकी सराहना करता हूं। मैं इस दिशा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के प्रयासों की भी सराहना करता हूं तथा उनके भावी प्रयासों के सफल होने की कामना करता हूं।

जय हिंद!

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.