कोरिया गणराज्य की राष्ट्रपति, मादाम पार्क गियून-हई के सम्मान में आयोजित राज-भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 16.01.2014

डाउनलोड : भाषण कोरिया गणराज्य की राष्ट्रपति, मादाम पार्क गियून-हई के सम्मान में आयोजित राज-भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण(हिन्दी, 222.98 किलोबाइट)

Speech by the President of India, Shri Pranab Mukherjee at the Banquet in Honour of the President of the Republic of Korea, H.E. Park Geun-hyeमहाममान्या मादाम पार्क गियून हई, कोरिया गणराज्य की राष्ट्रपति,

माननीय मंत्रीगण,

विशिष्ट अतिथिगण,

देवियो और सज्जनो,

मुझे, महामान्या तथा आपके विशिष्ट शिष्टमंडल का भारत में स्वागत करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह वास्तव में संतोष की बात है कि आपकी यह राजकीय यात्रा उस समय हो रही है जब हमारे देश अपने राजनयिक संबंधों का चालीसवां वर्ष मना रहे हैं। लोकतंत्र तथा कानून के शासन के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता—तथा नागरिक स्वतंत्रता तथा मानवाधिकारों का सम्मान करने को हम जो महत्त्व देते हैं, वह आज हम दोनों देशों के बीच मौजूद कार्यनीतिक साझीदारी का आधार है। आपके राष्ट्रपति काल के पहले ही वर्ष में आपकी भारत यात्रा से, हमें इस परस्पर रूप से लाभदायक संबंध को समझ तथा सहयोग की नई ऊंचाई तक ले जाने के प्रति आपकी प्रतिबद्धता का संकेत मिलता है।

2. महामान्या, भारत में हम कोरिया गणतंत्र को आधुनिक समय के सबसे प्रगतिशील राष्ट्रों में से मानते हैं। मेहनतकश कोरियाई लोग सभी प्रतिकूल परिस्थितियों पर विजय पाते हुए युद्ध से हुए विनाश से ऊपर उठकर अपनी शानदार आर्थिक क्षमता को साकार करने में सफल हुए हैं। आज कोरिया गणराज्य एशिया में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। एक मित्र और साझीदार के रूप में, भारत कामना करता है कि कोरियाई जनता ‘हान नदी पर दूसरे आर्थिक कारनामे’ की प्राप्ति के अपने प्रयासों में सफल हो।

3. लगभग 2000 वर्ष पूर्व जब, अयोध्या की एक राजकुमारी ने कोरिया पहुंचकर वहां राजा किम सूरो से विवाह किया था, तभी से हम दोनों देशों के लोगों ने संबंध सेतु स्थापित करके ऐसे रिश्ते बनाए, जो टिकाऊ रहे हैं तथा सदियों से फलते-फूलते रहे हैं। बुद्ध दर्शन ने उनके बीच संवाद को समृद्ध किया है। सम्माननीय कोरियाई भिक्षु हाइचो ने हमें 8वीं सदी के भारत के बारे में बहुमूल्य झलक दिखाई। नोबेल विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर की भविष्यद्रष्टा कविता, ‘लैम्प ऑफ द ईस्ट’ कोरिया के स्वर्णिम भूतकाल तथा इसके उज्ज्वल भविष्य का बखान करती है।

4. महामान्या, हमारी सरकार कोरिया गणतंत्र के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्त्व देती है तथा पिछले वर्षों के दौरान इन संबंधों का रूप बदलकर बहु-आयामी हो चुका है।

5. आज, कई प्रमुख कोरियाई कंपनियों के नाम भारत में घर-घर में जाने जाते हैं। इसी प्रकार, भारतीय कंपनियां और बैंक कोरियाई गणतंत्र में अच्छे परिणामों के साथ निवेश कर रहे हैं तथा खुद को वहां स्थापित कर रहे हैं। हमारे बढ़ते संबंध हमारी अर्थव्यवस्थाओं की अनुपूरकताओं पर विकसित हो रहे हैं जो एक दूसरे को सहारा देते हैं। हम भारत में कोरियाई उपक्रमों की उपस्थिति तथा प्रगति को महत्त्वूपर्ण मानते हैं। अपने दोनों देशों के बीच पिछले दिनों, बढ़ते हुए सांस्कृतिक, अकादमिक तथा हमारे लोगों के बीच दूसरे प्रकार के आदान-प्रदानों को देखकर भी हमें खुशी हो रही है।

6. महामान्या, मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि भारत और कोरिया गणराज्य के बीच बहुत से क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर स्पष्ट समानता है जिसमें से कुछ हैं ऊर्जा सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों में नौवहन की स्वतंत्रता तथा सुरक्षा, परमाणु तथा मिसाइल प्रौद्योगिकी का अप्रसार तथा आतंकवाद के अभिशाप से लड़ाई।

7. भारत और कोरिया गणराज्य, जीवंत अर्थव्यवस्थाओं के रूप में शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान को उपयुक्त ढंग से बढ़ावा दे रहे हैं। हम दोनों देश अपने-अपने क्षेत्रों में तथा समग्र रूप से एशिया में शांति, स्थाईत्व तथा प्रगति के लिए प्रयास के प्रति कृतसंकल्प हैं। भारत, हमारे आपसी सद्भाव से लाभ उठाने और अपने रिश्तों को और मजबूत करने के लिए मेलजोल बढ़ाने की दिशा में अपने साझा प्रयासों में तेजी लाने के लिए तत्पर है।

8. आपकी राजकीय यात्रा तथा इस दौरान भारत की सरकार, व्यापार और उद्योग तथा जनता के साथ आपका संपर्क इस दिशा में एक और कदम है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि आज जिन क्षेत्रों में निर्णय लिए गए हैं तथा जिन पहलों की घोषणा हुई है, उनसे हमारे सहयोग में तेजी आएगी तथा हमारे लोगों के परस्पर लाभ के लिए हमारी कार्यनीतिक साझीदारी में सघनता तथा गहनता आएगी।

9. मुझे उम्मीद है कि यह यात्रा आपके तथा आपके शिष्टमंडल के सदस्यों के लिए यादगार और संतुष्टिकारक होगी तथा मैं इस अवसर पर आपको तथा आपके माध्यम से कोरिया गणराज्य की जनता को नव वर्ष की शुभकामनाएं देता हूं।

10. विशिष्ट अतिथिगण, देवियो और सज्जनो, आइए हम सब मिलकर :

- महामान्या, राष्ट्रपति मादाम पार्क गियून हई के स्वास्थ्य और सफलता के लिए;

- कोरिया की जनता की प्रगति एवं समृद्धि के लिए; और

- भारत और कोरिया गणराज्य के बीच स्थाई मैत्री के लिए, कामना करें।

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.