केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के 160वें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित वार्षिक दिवस समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण का सारांश
नई दिल्ली : 12.07.2014
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1. मुझे, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के एक सौ साठवें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित वार्षिक दिवस समारोह में आपके बीच उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। मैं इस उल्लासपूर्ण अवसर पर, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों, वास्तुकारों, तकनीकी और गैर तकनीकी कर्मचारियों और कामगारों को बधाई देता हूं।
2. केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग का कार्यक्षेत्र न केवल बड़े शहरी इलाकों बल्कि सुदूर स्थानों तक भी केंद्रित है। मुझे बताया गया है कि केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग ने कच्छ के रण, थार के रेगिस्तान, हिमालय के अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों, पूर्वोत्तर क्षेत्र और अफगानिस्तान में भी कार्य संपन्न किए हैं। हरित भवन, नगर अवसंरचना, खेल सुविधा, शैक्षिक संस्थान तथा आवासीय और कार्यालय परिसर सहित इसके द्वारा कार्यान्वित विभिन्न परियोजनाएं सराहनीय हैं।
देवियो और सज्जनो,
3. संकल्पनाओं, तकनीकों और दक्षता मापदंडों के संबंध में गतिशीलता, निर्माण क्षेत्र की विशेषता है। इस विकासशील क्षेत्र में कार्यरत कोई भी आधुनिक संगठन इस क्षेत्र में हो रही नवीनतम् प्रगति को अनदेखा करने का खतरा नहीं उठा सकता। विभिन्न॒ढांचागत क्षेत्रों मंल पहल शुरू करने के लिए सुदृढ़ तकनीकी पहल की जरूरतों को पूरा करने की जिम्मेदारी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग जैसे संगठनों पर है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को परिसंपत्तियों के रख-रखाव के लिए अत्याधुनिकप्रक्रियाओं को अपनाना होगा। यह समझा जा सकता है कि पुराने संगठन प्राय: अप्रचलित परिपाटियों से बोझिल रहते हैं। उनके सामने जीवंतता और उद्यमिता लाने की तथा बदलते बाहरी परिवेश के अनुरूप तेजी से प्रत्युत्तर देने की चुनौती है। मैं केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग जैसी योग्यता और क्षमता के विभाग से इससे कम की उम्मीद नहीं रखता।
4. केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग को अधिक चुस्त, अधिक ऊर्जाशील तथा उच्च पेशेवर संगठन के रूप में विकास करना चाहिए। इसे विश्व में सर्वोत्तम संगठनों के रूप में स्वयं को स्थापित करना चाहिए। इसे कुशलता, लागत और गुणवत्ता जागरूकता तथा समयबद्ध कार्य निष्पादन में स्वयं को ढालने के लिए विश्व की सर्वोत्तम परिपाटियों को अपनाना चाहिए। इसे संपूर्ण प्रणाली को और ज्यादा कुशल बनाने के लिए प्रबंधन की नवीनतम तकनीकें अपनानी चाहिए। इसे निर्णय में और अधिक पारदर्शिता और तेजी लाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी समाधानों का सहारा लेना चाहिए। सूचना प्रौद्योगिकी सेक्टर में भारत की उच्च स्तर की दक्षता को देखते हुए सूचना और प्रौद्योगिकी पहलों तथा केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के संगठनात्मक लक्ष्यों के बीच तालमेल बिठाना कठिन नहीं होगा। मैं इस वर्ष के वार्षिक दिवस समारोह के विषय के रूप में ई-गवर्नेंस रखे जाने पर इस संगठन को बधाई देता हूं।
देवियो और सज्जनो,
5. एक तकनीकी विभाग के तौर पर, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग को उन क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए जहां ढांचागत क्षेत्र में नवान्वेषण और आधुनिकीकरण से द्रुत गति से आर्थिक विकास हो सकता है। ग्रामीण सड़कों को अंतिम सिरे तक जोड़ने, स्वास्थ्य और शैक्षिक ढांचे, जल आपूर्ति तथा स्वच्छता ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जो तुरंत मेरे ध्यान में आते हैं। मुझे विश्वास है कि शहरी विकास मंत्रालय इस दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
6. केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग को निर्माण के लिए नवान्वेषी डिजायन और परिपाटियों को अपनाने के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए। आज के परिप्रेक्ष्य में, सतत् पर्यावास समय की जरूरत है। ऊर्जा कुशल भवन, सतत् शहरी विकास की एक अहम कार्यनीति है। केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग को हरित भवन निर्माण परियोजनाओं में नवीनतम प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने के लिए संगठन की पूरी क्षमता विकसित करनी चाहिए। इसी के साथ ही, उसे इन नए भवनों के सौंदर्य की ओर भी ध्यान देना चाहिए।
7. मुझे विश्वास है कि केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग पूरे देश के बुनियादी ढांचे को कुशल और पारदर्शी तरीके से बढ़ाने में मदद करेगा तथा सतत् विकास में योगदान देगा। मुझे उम्मीद है कि केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग आने वाले वर्षों में और अधिक निष्ठा तथा समर्पण के साथ देश की सेवा करता रहेगा। महात्मा गांधी के शब्दों को याद रखें, जिन्होंने कहा था, ‘हममें से हर एक जाने-अनजाने कुछ न कुछ सेवा करते हैं। यदि हम सोच-विचारकर सेवा करने की आदत डाल लें तो हमारी सेवा करने की आकांक्षा धीरे-धीरे और मजबूत होती जाएगी और इससे न केवल हमारी बल्कि पूरी दुनिया की खुशहाली में योगदान होगा। मैं एक बार पुन: केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग परिवार को सुखद भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
धन्यवाद!
जयहिन्द।