भारतीय डाक सेवा के परिवीक्षाधीनों, भारतीय दूरसंचार सेवा और डाक एवं दूरसंचार निर्माण कार्य सेवा के अधिकारियों से भेंट करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
नई दिल्ली : 09.03.2016
डाउनलोड : भाषण (हिन्दी, 86.16 किलोबाइट)
1. मैं आप सभी का ऐतिहासिक राष्ट्रपति भवन में स्वागत करता हूं। आपने अभी-अभी एक नये कैरियर में प्रवेश किया है जिसमें आपको छोटी उम्र में अपरिमित उत्तरदायित्वों को निभाने का अवसर मिलेगा। आप लोकसेवाओं के द्वारा देश और जनता की सेवा कर सकेंगे।
2. आपकी विविध सामाजिक,आर्थिक और सांस्कृतिक भूमिका भारत में अनेकता को दर्शाती है। आपने इन सेवाओं से जोड़कर इस महान देश के जनता की सेवा करने का संकल्प लिया है। इस सार्वभौमिक परिपेक्ष्य में सिविल सेवाओं की भूमिका में निरंतर परिवर्तन हो रहा है। जनता की बढ़ती हुई आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आपसे एक प्रशासक की अपेक्षा एक सहायक के रूप में कार्य करने की अपेक्षा है।
3. भारत का डाक विभाग150वर्षों से भी अधिक वर्षों से देश की सेवा में कार्य कर रहा है। स्वतंत्रता के समय23,344 डाक कार्यालय थे जो प्राथमिक रूप से शहरी क्षेत्रों में थे अब भारत में1.5 लाख से भी अधिक डाक कार्यालय हैं। औसतन एक डाक कार्यालय21.22 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में और8221लोगों की आबादी के लिए कार्य करता है।
4. पिछले कुछ दशकों से डाक और दूरसंचार विभाग की भूमिका में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। टेलीग्राम का अस्तित्व समाप्त हो गया है। ईमेल्स ने पत्रों को का स्थान ले लिया है। हालांकि स्पीड पोस्ट प्रचलन में है फिर भी निजी कूरियर कंपनियां फल-फूल रही हैं। पुरातन टेलिफोन एक्सचेंजों का स्थान हाई स्पीट ऑप्टिक फाइबर मोबाइल नेटवर्कों ने ले लिया है।
5. उदारीकरण के युग में डाक एवं दूरसंचार क्षेत्र के निजीकरण वाले भाग में प्रौद्योगिकी और उपभोक्ताओं के कई गुणा बढ़त में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। यदि आपको स्पार्द्धात्मक जगत में रहना है तो आपको तेजी से बदलते हुए सूचना और संचार व्यवस्था प्रौद्योगिकी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।
6. डाक विभाग की बैंकिंग सेवाएं बचत,आवर्ती,आवधिक जमा और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र योजनाओं के रूप में हैं। अल्पबचत भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े रूप में योगदान दे रही है। डाक जीवनबीमा योजनाएं,ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लाखों लोगों की वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर रही हैं। यह भी सच है कि बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं भारत के छ: लाख ग्रामों की पूर्ती के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
7. सरकार की इस आवश्यकता के रेखांकन ने अगस्त, 2015में भारतीय डाक विभाग को एक बैंक के रूप में लाइसेंस की गारंटी दे दी है। मुझे उम्मीद है कि यह प्रयास ग्रामीण भारत के वित्तीय समेकन को परिणाम देगा। डाक विभाग का एटीएम मशीन स्थापित करने और डेबिट कार्ड जारी करने संबंधी निर्णय ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में तीव्रता से वित्तीय लेन-देन को सुनिश्चित करेंगे।
8. डाक कार्यालयों के बैंकिंग प्रणाली द्वारा मनरेगा जैसी कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन संबंधी सरकार के निर्णय से अधिक पारदर्शिता आने और निधि की छोटी-मोटी चोरियों के समाप्त होने की संभावना है। डाक बैंकिंग प्रणाली के एक स्वस्थ, स्थायी,फोर्स और विश्वसनीय नेटवर्क के प्रदान करने की अपकी प्रतिबद्धता से कल्याण योजना की निश्चित सफलता सुनिश्चित होगी। गहन और सुदूर क्षेत्रों में पहुंच केवल अध्यतन प्रौद्योगिकी और नवोन्वेषी तरीकों के उपयोग से ही बढ़ेगी।
9. पिछले दो दशकों के दौरान भारत में एक दूरसंचार क्रांति आई है। भारत में मोबाइल टेलीफोन और तीव्र इंटरनेट नेटवर्क के लॉंच होने से भारत अपनी विशाल डिजीटल क्षमता को बाहर निकालने में सक्षम हुआ है। भारत एक दीर्घ डिजीटल हब के रूप में उभर रहा है। सर्वोत्तम गुणवत्ता टेलीफोन, दूरसंचार और इंटरनेट सेवाएं होना समय की मांग है। भारत में अब46करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता और37 करोड़ मोबाइल उपयोगकर्ता मौजूद हैं। शिक्षा के संवर्धित स्तरों और इंटरनेट और मोबाइल टेलीफोन की सस्ती दरों से इस संख्या में कई गुणा वृद्धि होने की संभावना है।
10. यह चिंता का विषय है कि एक संस्था जो पिछले150 वर्षों से अस्तित्व में है,को निजी क्षेत्रों से केवल कड़ी स्पर्द्धा के कारण मार्केट से बाहर फेंक दिए जाने का खतरा है। यह अवसर आपके द्वारा अंतराअवलोकन का है कि सबसे पुरानी सरकारी दूरसंचार कंपनियां सबसे बड़े नेटवर्क होने के बावजूद भी आवश्यक गुणवत्ता सेवाएं क्यों नहीं प्रदान कर पा रही हैं।
11. आपको यह समझना और महसूस करना होगा कि प्रौद्योगिकी और विकास के साथ कदम मिलाकर चलने और उच्च गुणवत्ता सेवाएं देने से आपकी भारतीय दूरसंचार सेवा में दीर्धअवधि उपस्थिति सुनिश्चित हो सकती है। एक प्रकंपित डिजीटल भारत का सपना केवल तभी पूरा हो सकता है यदि हमारे पास एक स्वस्थ,उच्च गति वाली संचार व्यवस्था हो। एक विश्वसनीय और स्थायी डाक बैंकिंग नेटवर्क ही एक समृद्ध और सशक्त भारत बना सकता है।
देवियो और सज्जनो,
12. मुझे उम्मीद है कि डाक अकादमी और राष्ट्रीय दूरसंचार संस्थान आवश्यक तकनीकी और गैरतकनीकी योगदान प्रदान कर रहे हैं ताकि आप डाक,दूरसंचार और निर्माण कार्य क्षेत्र की चुनौतियों को स्वीकार कर सकें। भारत की बड़ी आबादी वाली जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आपको व्यवसायिकता,पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा से कार्य करना होगा।
13. सूचना का अधिकार अधिनियम और समाजिक जागरुकता,सिविल सोसाइटी के बड़े नेटवर्क का वर्चस्व जैसे नये उपकरणों से आपके द्वारा किए गए सभी कार्य जांच के अधीन आ जाएंगे। आपको अपने ग्राहकों के प्रति दृष्टिकोण में सदैव निष्पक्ष,साम्य और मानवीय होना होगा। अपने भीतर एक सर्वोत्तम लोकसेवक बनाएं जिसके पास भारत में एक सशक्त,सुशासित, पारदर्शी और प्रभावी प्रणाली की दूरदृष्टि हो।
14. इन शब्दों के साथ मैं आपके आपके भावी प्रयासों की सफलता की कामना करता हूं।
जयहिन्द।