भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा नौंवे द्विवर्षीय जमीनी स्तर पर नवोन्मेष अवार्ड प्रदान करने के अवसर पर अभिभाषण

सेरेमोनियल हॉल : 04.03.2017

डाउनलोड : भाषण भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा नौंवे द्विवर्षीय जमीनी स्तर पर नवोन्मेष अवार्ड प्रदान करने के अवसर पर अभिभाषण(हिन्दी, 214.08 किलोबाइट)

speech1. सर्वप्रथम मैं जमीनी स्तर पर नवोन्वेष और उत्कृष्ट पारंपरिक ज्ञान के लिए नौंवे राष्ट्रीय द्विवर्षीय अवार्ड प्रदान करते समय भागीदार भारतीय और विदेशी अतिथियों का स्वागत करना चाहूंगा। आरंभ में मैं नवोन्मेष के क्षेत्र में योगदान के लिए विजेताओं को मुबारकबाद देना चाहूंगा। उनके मुस्कुराते हुए चेहरों के पीछे उनका कठिन परिश्रम और निरंतर प्रयास है,जिसे मैं देख सकता हूं। मुझे बताया गया है कि 33,000 से अधिक प्रतिष्टियां प्राप्त की गई थी जिसमें से 32 नवोन्मेषकों को चुना गया और आज उन्हें राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार दिए जा रहे हैं।

देवियो और सज्जनो,

2. विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नीति-निर्माण में नवोन्मेष अहम स्थान प्राप्त कर चुका है। इससे नवोन्मेष और नवोन्मेष आधारित उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार का संकल्प सुदृढ़ हुआ है। इसी के साथ,इसने हमारे करोड़ों से अधिक लोगों की छुपी हुई रचनात्मक ऊर्जा को संचालित कर दिया है। मैं इस अवसर पर राष्ट्रीय नवोन्मेष फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करता हूं। यह पूरे देश में जमीनी स्तर पर रचनात्मकता और नवान्वेषकता को प्रेरित करने में कड़ा परिश्रम करता आ रहा है।

3. जिस प्रकार हम हमारे समाज के गुमनाम नायकों को मान्यता देते हैं,हमें समावेशी नवोन्मेष के चहुंओर पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक संपन्न बनाने के लिए संकल्प लेना चाहिए। हमें जोरदार संबंल बनने के लिए जमीनी स्तर के नवोन्वेष के इर्द-गिर्द सभी निजी और सरकारी प्रणालियों की आवश्यकता है और यह कार्य हमें केवल भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए करने की आवश्यकता है। मुझे इस बात की खुशी है कि वर्ल्ड इन्टेलैक्चुअल प्रापर्टी ऑरगनाइजेशन के महानिदेशक आज हमारे बीच मौजूद हैं। मुझे विश्वास है कि वे यह भी देखेंगे कि जमीनी स्तर से उत्पन्न रचनात्मकता और नवोन्मेष के स्रोत को उपयुक्त महत्व देना कितना महत्वपूर्ण है। इससे विश्व में लोगों के लिए सर्वत्र रोजगार और जीविका के साधन उत्पन्न किये जा सकते हैं।

विशिष्ट साथियो, देवियो और सज्जनो,

4. वैश्विक अर्थव्यवस्था लगातार कमजोर होती जा रही है। प्रकृति में,बल्कि अर्थव्यवस्था उभारने में औद्योगिक विकास रोजगार विहीन होता जा रहा है। ऐसे परिदृश्य में विके्रंद्रित,वितरित और विविधीकृत नवोन्मेष आधारित उद्योग का मॉडल शायद समस्या के समाधान के लिए अगला सर्वोत्तम उपाय है। गांधी जी सदैव आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी को सामुदायिक ज्ञान और संस्थाओं में सम्मिलित करना चाहते थे। उनका संदेश आज के संदर्भ में अत्यंत सापेक्ष हो गया है।

5. पिछले डेढ़ दशक में राष्ट्रीय नवोन्मेष फाउंडेशन ने अनेक महत्वपूर्ण वैचारिक और नीतिपरक मील के पत्थर तैयार किए हैं। मैंने बच्चों,स्कूल और कॉलेज के छात्रों और जमीनी नवोन्मेषकों की रचनात्मकता को देखा है। तथापि भारत के असाधारणतया अनुकूल समावेशी नवोन्मेष पारिथितिकीय तंत्र को उभारने के लिए सरकार और सिविल सोसाइटी द्वारा किए गए उपायों से अधिक अनेक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

6. मैं राष्ट्रपति भवन में कुछ पहलों को साझा करना चाहता हूं जिनका उद्देश्य जमीनी नवोन्मेषों को प्रोत्साहित और संवर्धित करना है। देश में जमीनी आौर समावेशी नवोन्मेष के जश्न की भावना जगाने के लिए पूर्व नवोन्मेष प्रदर्शनी ने एक साप्ताहिक नवोन्मेष उत्सव का रूप ले लिया है। समावेशी नवोन्मेष सार्वजनिक सेवा डिलीवरी और नवोन्मेष वित्त पोषण पर गोलमेज में अनेक ठोस प्रदेय उत्पादों के साथ विशिष्ट विशेषज्ञों ने भाग लिया है।

7. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से उत्तम विश्वविद्यालय,अनुसंधानकर्ता और नवोन्वेषण के लिए कुलाध्यक्ष पुरस्कार2014 में आरंभ किए गए थे। ये पुरस्कार जमीनी स्तर पर नवोन्मेष आंदोलन का उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच संपर्क प्रदान करते हैं। उत्कृष्टता अदृश्य है। समाज के सभी स्तरों पर उत्कृष्टता और सापेक्षता का स्वस्थ संयोग विशेषकर शैक्षिक संस्थाओं की आवश्यकता है। कुलाध्यक्ष पुरस्कार इसके प्रमाण हैं।

देवियो और सज्जनो,

8. उच्च शिक्षा संस्थानों को जमीनी स्तर के नवोन्वेषकों के साथ हस्तक्षेप की आवश्यकता है। संकाय को बारीकी से अध्ययन करने और यह समझने की आवश्यकता है कि साधारण व्यक्तियों में से रचनात्मक मष्तिष्क किस प्रकार बाहरी सहायता लिए बगैर स्थानीय समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। यदि वे औपचारिक संस्थानों का समर्थन प्राप्त कर सकते हैं तो वे और अधिक कार्य कर सकते हैं। मैं जमीनी स्तर पर नवोन्मेष की प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए उच्च शैक्षिक संस्थानों का आह्वान करता हूं। मैं कक्षाओं के लिए और नवोन्मेष क्लब स्थापित करने के लिए नवोन्मेषकों को आमंत्रित करता हूं। मुझे बताया गया है कि भिन्न-भिन्न संस्थानों के क्लबों से प्रतिनिधि08मार्च को बैठक करेंगे।

9. नवोन्मेष क्लब छात्रों को खोज करने,प्रचार करने और नवोन्मेष का जश्न मनाने और पूरी ना की गई सामाजिक आवश्यकताओं की भावना के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। यदि6.5 लाख ग्रामों और भारत के छोटे कस्बोें की अपूरक सामाजिक और प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं की खोज अनुसंधान और परियोजना कार्य के लिए प्रेरणादायक हो सकती है,तो भारत को समावेशी नवोन्मेष में विश्व अग्रणी बनने से कोई नहीं रोक सकता। इस दिशा में गहन प्रकिया के प्रयास करने पड़ेंगे जो अंतर पैदा करने के लिए मिशनरियों के साथ प्रमुख भागीदारों को प्रेरित करेंगे।

विशिष्ट साथियो और प्रिय मित्रो,

10. अपने बारे में मैं बताना चाहूंगा कि मेरा करियर सर्वप्रथम एक शिक्षक के रूप में आरंभ हुआ। इस प्रकार मैं छात्रों के जीवन में शिक्षक द्वारा निभाई गई भूमिका को अच्छी तरह समझता हूं। शिक्षक अपने आचरण और उदाहरण के द्वारा छात्रों को जिम्मेदार मनुष्यों में परिवर्तित कर सकते हैं। समाज की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होने के नाते और पर्याप्त रूप से सचेत होने के नाते उनकी प्रगति में योगदान दे सकते हैं। ऐसे प्रेरित शिक्षक जो छात्रों को रचनात्मक और नवोन्वेषी मनुष्यों में परिवर्तित कर सकते हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मुझे एक विशेष पहल आवासीय कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन में केंद्रीय विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थाओं से प्रेरित शिक्षकों के आतिथ्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। ऐसे शिक्षक समावेशी, उत्कृष्टता और सामाजिक सापेक्षता के लिए अपने आपको पुनःसमर्पित करने के लिए प्रोत्साहित महसूस करते हैं।

11. राष्ट्रपति भवन में रचनात्मक व्यक्तियों जैसे कलाकार,लेखक और नवोन्मेष विद्वानों ने भी आवासी कार्यक्रम में भाग लिया है। उनके नवोन्मेष की पूरी गहराई को महसूस करने के लिए वे वैज्ञानिकों,तकनीकी विशेषज्ञों और नीति निर्माणकों से प्रेरित हुए हैं। मैं आज दो सप्ताह लंबे आवासीय कार्यक्रम की शुरुआत में आज इन विद्वानों के चौथे बैच से मुलाकात करूंगा। ऐसा एक संदेश कि यह देश जमीनी स्तर पर नवोन्मेष और अन्य रचनात्मक कार्यों के प्रति सचेत है,सबको जाना चाहिए।

देवियो और सज्जनो,

12. बच्चों में वैज्ञानिक जिज्ञासा की एक भावना भरना महत्वपूर्ण है। हमें उन्हें उनकी जिज्ञासा और रचनात्मकता का अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हमें कुछ नया सृजन करने के आकर्षण ढूंढ निकालने के लिए उनकी सहायता करनी चाहिए। बच्चों सहित हजारों आगंतुक राष्ट्रपति भवन देखने आते हैं। पूरे देश से सांस्कृतिक रचनात्मकता और शैक्षिक,संस्थागत और प्राद्योगिकी नवोन्वेष को दर्शाने के लिए समावेशी नवोन्मेष की एक स्थायी प्रदर्शनी लगाई गई है। मुझे उम्मीद है कि यह प्रदर्शनी प्रत्येक आगंतुक को प्रयोग और नवोन्मेष के लिए प्रेरित करेगी।

13. भारत स्टार्ट अप इंडिया,डिजिटल इंडिया और स्वच्छ भारत जैसे पहलों के द्वारा देश के कोने-कोने में विकास के लाभ उठाने के लिए तैयार हैं। नवोन्वेषकों के विचार एक सही अंतर तभी पैदा करेंगे यदि हम पूरे देश में सब अलग-अलग भूमिकाओं और संस्थानों में संवदेनशीलता और सृजनशीलता (करुणा और रचनात्मकता) पैदा करने के लिए एक हो जाएं। इन शब्दों के साथ मैं समाप्त करता हूं। मैं एक बार फिर सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं। ईश्वर करे कि रचनात्मकता का बल और सुप्रवीणता सदैव आपके साथ बनी रहे।

धन्यवाद

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