बहरीन अधिराज्य के महामहिम शाह हमद बिन ईसा अल-खलीफा के सम्मान में आयोजित राज-भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 19.02.2014

डाउनलोड : भाषण बहरीन अधिराज्य के महामहिम शाह हमद बिन ईसा अल-खलीफा के सम्मान में आयोजित राज-भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण(हिन्दी, 201.6 किलोबाइट)

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बहरीन अधिराज्य के शाह, महामहिम शाह हमद बिन ईसा अल-खलीफा,

विशिष्ट अतिथिगण,

देवियो और सज्जनो,

मुझे, महामहिम शाह हमद बिन ईसा अल-खलीफा और आपके शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यों का भारत की आपकी पहली राजकीययात्रा पर स्वागत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

महामहिम, समय की धुंध भारत-बहरीन संबंधों की जड़ों को कमजोर नहीं कर पाई है। वास्तव में, हमारे संबंधों का पुरातात्विक प्रमाण, काफी पहले, ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी तक मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि भारतीय व्यापारियों के लिए, जो मेसोपोटामिया और सिंधु घाटी की सभ्यताओं के बीच व्यापार-मार्गों पर यात्रा करते थे, उस समय दिलमन के नाम से प्रख्यात, बहरीन एक ऐसा विश्राम स्थल था जहां वे तरोताजा होकर और आगे की दुरुह यात्रा की तैयारी करते थे। स्वाभाविक रूप से, यह बहरीन के मोतियों और खजूरों तथा भारतीय मसालों के फलते-फूलते व्यापार सहित, सांस्कृतिक तथा अन्य प्रकार के आदान-प्रदान का भी अवसर होता था। अत: भारत और बहरीन दो ऐसे देश हैं जिनका एक साझा गौरवशाली इतिहास और जीवंत वर्तमान है। वास्तव में हमारी सभ्यतागत रिश्तों पर आधारित एक दीर्घकालीन मैत्री है और हम दोनों इसे अत्यधिक महत्व देते हैं। हाल ही में, हमने विश्वास और सद्भावना के अपने संबंधों को राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्यिक और जनता के बीच पारस्परिक संबंधों के व्यापक रिश्तों तक बढ़ाया है।

महामहिम, बहरीन ने बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों को उदारतापूर्वक अपनाया है और उन्हें उन्नति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिसकी हम हृदय से सराहना करते हैं। बहरीन के भारतीयों ने भी अपनी ओर से अपने मेजबान देश के विकास और प्रगति में खुलकर योगदान देने के लिए समर्पण और ईमानदारी से कार्य किया है। वे भारत के साथ एक जीवंत कड़ी उपलब्ध कराते हैं और हमारी साझीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक सुदृढ़ सेतु के रूप में कार्य करते हैं।

अपने घनिष्ठ संबंधों की ऊर्जा से प्रेरित होकर, हमने एक बहुआयामी और परस्पर लाभदायक साझीदारी कायम की है। मुझे यह बात मालूम है कि महामहिम के साथ एक उच्चाधिकार प्राप्त व्यापार शिष्टमंडल आया है। मुझे विश्वास है कि इस शिष्टमंडल की अपने भारतीय समकक्षों के साथ उपयोगी बातचीत होगी। पिछले दो दशकों के दौरान, भारत ने आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकीय नवान्वेषण में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हमारी अर्थव्यवस्था सहनशील है; और वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद, भारत आज भी एक अच्छा निवेश गंतव्य बना हुआ है। हम भारत में निवेश के लिए निजी और सार्वजनिक, दोनों ही क्षेत्रों के अपने बहरीनी मित्रों का खुले दिल से स्वागत करते हैं।

भारत, बहरीन द्वारा प्राप्त प्रगति और समृद्धि से बहुत खुश है तथा वह आपकी विकास परियोजनाओं में विश्वसनीय साझीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है। जटिल और विशाल ढांचागत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में गहन अनुभव प्राप्त हमारी कंपनियां ऐसी परियोजनाओं में बहरीन का सहयोग करने की बहुत इच्छुक हैं। हमारी अन्तर्निहित शक्तियों और अनुपूरकताओं के आधार पर, स्वास्थ्य सेवा, पर्यावरण, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी तथा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे क्षेत्रों में हमारे द्विपक्षीय सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।

महामहिम, भारत और बहरीन दोनों खाड़ी और पश्चिम एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता देखना चाहते हैं। सुरक्षा संबंधी सहयोग ने हमारे बहुमुखी संबंधों में एक नया आयाम जोड़ा है। यह हमारी इस साझी संकल्पना का प्रतिबिंबन है कि हमारे राष्ट्रों और लोगों को सीधे प्रभावित करने वाले, उग्रवाद और समुद्री डकैती का सामना करने के लिए हमारा सहयोग आवश्यक है।

हम अपने घनिष्ठ संबंधों को मजबूत बनाने में आपके व्यक्तिगत योगदान को अत्यधिक महत्व देते हैं। मैं, एक बार पुन: भारत में आपका और आपके विशिष्ट शिष्टमंडल का स्वागत करता हूं और आपके सुखद प्रवास की कामना करता हूं। मुझे विश्वास है कि आपकी यात्रा से आने वाले वर्षों में हमारी सरकारों तथा लोगों के बीच बहुत सी नई परस्पर लाभकारी पहलों तथा अधिक सहयोग की शुरूआत होगी। महामहिम, कृपया अपनी व्यक्तिगत कुशलता और बहरीन के मैत्रीपूर्ण लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए हमारी शुभकामनाएं स्वीकार करें।

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