112 हेलिकॉप्टर यूनिट और 4 बेस रिपेयर डिपो को राष्ट्रपति ध्वज/पताका प्रदान किए जाने के अवसर पर, भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
कानपुर, उत्तर प्रदेश : 11.03.2014
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1. मुझे, 112 हेलिकॉप्टर यूनिट को राष्ट्रपति ध्वज और नं. 4 बेस रिपेयर डिपो को पताका प्रदान करने के लिए आज भारतीय वायु सेना के इस प्रमुख रखरखाव बेस में उपस्थित होने पर बहुत खुशी हुई है। अपनी स्थापना से ही, इन प्रमुख प्रतिष्ठानों ने पेशेवराना उत्कृष्टता की एक समृद्ध परंपरा का प्रदर्शन किया है तथा राष्ट्र की विशिष्ट सेवा की है। सेवा के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण की मान्यता के रूप में, राष्ट्र आज इनका सम्मान कर रहा है।
2. भारतीय वायु सेना भारत की वायु सीमाओं की सुरक्षा तथा हमारे राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के अपने दायित्व को सराहनीय रूप से निभा रही है। यह अनेक प्राकृतिक आपदाओं के दौरान हमारे नागरिकों को राहत और सहायता प्रदान करने में भी आगे रही है। संक्रियात्मक दायित्वों तथा आपदा राहत कार्यों दोनों के दौरान हवाई लड़ाकों द्वारा प्रदर्शित सहनशक्ति और दृढ़ता, राष्ट्र के लिए शक्ति का एक महान स्रोत और अपार गौरव का विषय है।
3. जैसे-जैसे हमारा राष्ट्र निरंतर आर्थिक विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, यह आवश्यक है कि हम शांति कायम रखें। इसे सुनिश्चित करने के लिए, हमें एक शक्तिशाली रक्षा बल द्वारा प्रदान किए गए प्रभावी प्रतिरोधक की जरूरत है। एक राष्ट्र के रूप में, हम शांति, स्थिरता और समृद्धि के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। परंतु मुझे विश्वास है कि आवश्यकता होने पर, हमारी सशस्त्र सेनाएं सभी सुरक्षा चुनौतियों को पूरा करने के लिए वीरतापूर्वक खड़ी होंगी। आज हमारे सामने खड़े वायु सैनिक सैन्य परंपरा के सर्वोच्च मानदण्डों को कायम रखते हुए, राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करने में हमारी वायु सेना के संकल्प और दृढ़ता का प्रतीक हैं। मैं, भारतीय वायु सेना के सभी हवाई लड़ाकों की कर्तव्य के प्रति निष्ठा, कार्यकौशल और नि:स्वार्थ सेवा की भावना के लिए गहरी सराहना करता हूं। मैं, इस अवसर पर, परेड में शामिल हवाई लड़ाकों को, उनके सटीक अभ्यास और चुस्त पोशाक, जो वास्तव में वायु सेना और राष्ट्र के लिए महसूस किए जाने वाले गौरव को व्यक्त करती है, बधाई देता हूं।
4. देवियो और सज्जनो, 112 हेलिकॉप्टर यूनिट का उत्कृष्ट संक्रियात्मक इतिहास रहा है। पूर्वी क्षेत्र में गठित भारतीय वायु सेना की पहली हेलिकॉप्टर यूनिटों में से एक इस यूनिट ने उल्लेखनीय सेवा की है। इसने न केवल 1971 की संक्रियाओं के दौरान हमारी जमीनी सेनाओं को असाधारण हवाई सहयोग दिया था बल्कि पूर्वी हिमालय सेक्टर में निरंतर साहसिक उच्चतुंगता बचाव तथा वायु रखरखाव मिशन भी पूरे किए। भारतीय शांति सेना संक्रियाओं के तहत यूनिट के कार्मिकों ने अनेक वीरतापूर्ण मिशनों में उड़ान भरी, जिनसे उनकी मजबूत पेशेवर पहचान स्थापित हुई तथा उन्होंने अत्यंत सराहना अर्जित की। यह यूनिट वर्तमान में हमारे हेलिकॉप्टर चालक दलों की आगामी पीढ़ी, जो हमारे राष्ट्र की भावी सुरक्षा चुनौतियों से निपटेगी, को महत्त्वपूर्ण प्रशिक्षण देने का कार्य कर रही है। मुझे विश्वास है कि यूनिट आने वाले वर्षों में और अधिक प्रगति करेगी।
5. 4 बेस रिपेयर डिपो भारतीय वायु सेना के बहुत से संक्रियात्मक विमान बेड़ों को श्रेष्ठ एयरोइंजिन रखरखाव सहयोग प्रदान करने का अहम कार्य कर रहा है। अपनी स्थापना काल से ही डिपो को, हमारे तत्कालीन युद्धक बेड़े के मेरुदंड वैंपायर, मिस्टियर और तूफानी विमान की मरम्मत और ऑवरहॉलिंग का काम सौंपा गया था। वर्षों के दौरान, यूनिट ने सामयिक प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम तकनीकी परंपराओं को अपनाकर अपनी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की है। आज, यह डिपो किरन ट्रेनर, मिग 27 और मिराज युद्धक विमान बेड़े की एयरोइंजिन रखरखाव सहयोग संबंधी जरूरतों को देख रहा है। डिपो ने अब तक श्रेष्ठ सुरक्षा रिकॉर्ड कायम रखते हुए, 7650 से ज्यादा एयरोइंजिन की ऑवरहालिंग की है, जिससे हमारे वायु योद्धाओं की पेशेवर परंपरा प्रदर्शित होती है। मुझे विश्वास है कि यूनिट स्वयं को बेहतर बनाती रहेगी तथा वायु सेना की भावी परिवर्तनकारी चुनौतियों का कुशलतापूर्वक समाधान करती रहेगी।
6. वर्षों के दौरान उनके विशिष्ट प्रदर्शन को मान्यता प्रदान करते हुए, मुझे 112 हेलिकॉप्टर यूनिट को ध्वज तथा 4 बेस रिपेयर डिपो को पताका प्रदान करके प्रसन्नता हो रही है। मुझे विश्वास है कि ये यूनिटें पेशेवर उत्साह के साथ उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत रहेंगी और आने वाले वर्षों में राष्ट्र की नि:स्वार्थ सेवा करती रहेंगी। मैं इस अवसर पर, 112 हेलिकॉप्टर यूनिट और 4 बेस रिपेयर डिपो के सभी हवाई लड़ाकों, असैन्य कर्मियों और परिजनों की, सेवा के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण के लिए सराहना करता हूं। राष्ट्र को वास्तव में आप सभी पर गर्व है। मैं आपके और आपके परिवारों को सुनहरे भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं।
धन्यवाद,
जय हिंद!