राष्ट्रपति भवन : 28.02.2014
थाईलैंड की महामान्या राजकुमारी महाचक्री सिरिंधोन ने कल (27 फरवरी 2014) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
राजकुमारी का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें भारत का एक गहरा तथा विशेष मित्र बताया। राजकुमारी ने संस्कृत तथा पाली के गहन अध्ययन तथा भारतीय संस्कृति की गहरी समझ के द्वारा दोनों देशों के ज्ञान को समृद्ध किया है तथा भारत एवं थाईलैंड के बीच मैत्री के संबंधों को मजबूत किया है। उन्होंने दोनों देशों के साझे इतिहास के प्रति बेहतर समझ तथा जागरूकता पैदा करने में उनकी गहन रूचि तथा अथक प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के थाईलैंड के साथ गहन ऐतिहासिक तथा संस्कृति बंधन रहे हैं तथा वह द्विपक्षीय संबंधों को बहुत महत्व देता है। थाईलैंड एक प्रगाढ़ मित्र तथा मूल्यवान क्षेत्रीय साझीदार है। भारत चाहता है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबधं, समुचित समसामयिक कार्यक्रमों सहित आगे की ओर प्रगतिशील रहें। भारत दोनों देशों के वैज्ञानिकों, कलाकारों, बुद्धिजीवियों तथा विद्यार्थियों के बीच और अधिक आदान-प्रदान का स्वागत करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना क्षेत्रीय सहयोग की संभावनाओं का एक उदाहरण है तथा भारत इस परियोजना के लिए थाईलैंड के निरंतर सहयोग की प्रशंसा करता है। भारत बौद्ध धर्म को थाईलैंड तथा इस क्षेत्र के अन्य देशों की साझी विरासत मानता है।
राजकुमारी ने राष्ट्रपति के शब्दों का प्रत्युत्तर देते हुए कहा कि उन्हें इस यात्रा के दौरान बिहार एवं नागालैंड जाकर बहुत खुशी हुई।
यह विज्ञप्ति 1100 बजे जारी की गई।