स्वामी विवेकानंद के उपदेशों की सार्वभौमिकता आधुनिक विश्व के लिए अत्यंत प्रासगिक है, राष्ट्रपति ने कहा
राष्ट्रपति भवन : 07.03.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (7 मार्च, 2013) राष्ट्रपति भवन में, स्वामी विवेकानंद की 150वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के उपदेशों की सार्वभौमिकता, आधुनिक विश्व के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। हमने जो तरक्की की है उसके बावजूद, हमारे समाज के समक्ष हमारे आचार तथा नैतिकता को चुनौती देने वाले मुद्दे खड़े हैं। स्वामी जी के उपदेश, भविष्य की ओर हमारे मार्ग में हमारे पथप्रदर्शक होने चाहिए।

राष्ट्रपति ने उम्मीद व्यक्त की कि स्वामी जी की 150वीं जन्म जयंती, मानवमात्र के कल्याण, प्रगति तथा जागरण की दिशा में उनके द्वारा दिए महान योगदान तथा बलिदान के प्रति, हमारे मस्तिष्क में जागरूकता पैदा करने का अवसर होगा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का आह्वान किया कि वे उन लक्ष्यों के लिए स्वयं को पुन: समर्पित करें जिनके लिए स्वामी जी ने अपना पूरा जीवन लगा दिया।

यह विज्ञप्ति 1145 बजे जारी की गई

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