‘समावेशी विकास’ केवल एक नारा नहीं वरन् सतत विकास के लिए बुनियादी प्रेरक शक्ति होनी चाहिए, राष्ट्रपति ने कहा

राष्ट्रपति भवन : 14.01.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (14 जनवरी, 2013) विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में सी.आई.आई.-आई.टी.सी. सततता पुरस्कार 2012 प्रदान किए।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और भारतीय उद्योग को हमारी भावी पीढ़ियों का ध्यान रखते हुए चिंतन करने, सृजन करने तथा सुलभ करवाने का परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि हमारे उद्योग को अपने अंदर यह विश्वास जगाना जरुरी है कि व्यवसाय के लिए मूल्य सृजन की अनिवार्यता को समाज और वातावरण के प्रति हमारी चिंता से अलग नहीं रखा जा सकता। उन्होंने भारतीय उद्योग से आग्रह किया कि वह इस सततता आंदोलन का भाग बने और सच्चे राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनें।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमें भारतीय कम्पनियों के संचालन में सामाजिक दायित्व की संस्कृति पैदा करने की जरुरत है। भारतीय व्यवसाय अपने संचालन में सामाजिक और पर्यावरणीय उद्देश्य को शामिल करके हमारे समाज की बेहतरी के लिए सकारात्मक योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘समावेशी विकास’ केवल एक नारा नहीं वरन् सतत विकास के लिए बुनियादी प्रेरक शक्ति होनी चाहिए।

यह विज्ञप्ति 1315 बजे जारी की गई

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