सहकारी संस्थाओं का पुन: अभिमुखीकरण तथा उनमें पेशेवर दक्षता का विकास जरूरी, राष्ट्रपति ने कहा
राष्ट्रपति भवन : 08.12.2012

भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (8 दिसम्बर 2012) राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में सहकारी उत्कृष्टता 2012 के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की सहकारी संस्थाएं बहुत-सी चुनौतियों और समस्याओं का सामना करती हैं, विभिन्न क्षेत्रों, कार्यकलापों और क्षेत्रों में उनका प्रदर्शन भी भिन्न है, उन्हें अपनी कुशलता बढ़ाकर स्वयं का पुन: अभिमुखीकरण करना होगा तथा अपने प्रमुख ग्राहकों, किसानों, फसल उत्पादों, कारीगरों, उत्पादकों और महिलाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वयं को पेशेवर दक्षता को विकसित करना होगा। तथापि, सहकारी संस्थाएं संभवत: आज भी इस देश के विशाल भीतरी प्रदेश तक पहुंचने का सर्वोत्तम तरीका हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की सहकारी संस्थाएं ग्रामीण इलाकों के समावेशी विकास के लिए सामाजिक-आर्थिक प्रगति की प्रमुख संस्थाएं हैं। छह लाख सहकारी संस्थाओं के नेटवर्क और 24 करोड़ सदस्यता समूह के साथ भारतीय सहकारी आंदोलन समता और समावेशिता से युक्त विकास सुनिश्चित करने का एक प्रभावी आर्थिक माध्यम साबित हुआ है।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में केन्द्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री शरद पवार, केन्द्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री चरण दास महंत, कृषि और सहकारी विभाग के सचिव आशीष बहुगुणा तथा एन.सी.डी.सी. के प्रबंध निदेशक श्री सी.बी. पालीवाल शामिल थे।

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, सहकारी संस्थाओं के जरिए ग्रामीण आर्थिक कार्यकलाप विकसित करने के लिए मार्च, 1963 में संसद में अधिनियम के अंतर्गत स्थापित एक सांविधिक निगम है। सहकारी उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम पुरस्कार उन सहकारी संस्थाओं को प्रोत्साहित करने और उन्हें उचित सम्मान देने के लिए शुरू किया है जो सभी कठिनाइयों के बावजूद कृषक समाज के विकास व समृद्धि के लिए कायम रही और कार्य करती रही। पुरस्कार सफलता और सहकारिता की भावना पैदा करने के लिए दिए जाते हैं और एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। पुरस्कारों के दो वर्ग हैं—राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार। राज्य पुरस्कार द्विवार्षिक रूप से प्रत्येक राज्य की एक प्राथमिक स्तरीय सहकारी संस्था को दिया जाता है। इसमें एक ट्राफी, 50,000 रुपए की नकद राशि तथा एक प्रशंसा प्रमाण पत्र शामिल है। यह राज्यों के तीन वर्गों में से प्रत्येक सर्वोत्तम निष्पादन सोसायटी को दिया जाता है, जैसे, ‘सहकारी रूप से विकसित राज्य’, ‘सहकारी रूप से विकासशील राज्य’ और ‘सहकारी रूप से कम विकसित राज्य’। प्रत्येक राष्ट्रीय पुरस्कार में एक लाख रुपए नकद, एक प्रशंसा पत्र और एक ट्राफी शामिल होती है। इस वर्ष 24 राज्य पुरस्कार और 3 राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए हैं।

यह विज्ञप्ति 1315 बजे जारी की गई

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.